सत्यार्थ न्यूज श्रीडूंगरगढ़ -सवांददाता नरसीराम शर्मा
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में स्वेच्छा से लाभ त्याग के लिए ‘गिव अप अभियान’ के तहत 30 अप्रैल तक अपात्र लाभार्थी अपना नाम हटवा सकते हैं। अब तक योजना से जुड़े 43 हजार 140 व्यक्तियों ने अपने नाम हटवाए हैं। जिला रसद अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा की सूची में शामिल ऐसे सक्षम लाभार्थियों को चेतावनी दी गई हैं। ऐसे अपात्र परिवारों को 30 अप्रैल 2025 तक स्वेच्छा से नाम हटवाने का मौका दिया जा रहा है। उसके बाद अपात्र लोगों के विरूद्ध राशि वसूली एवं विधिक कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का असल उद्देश्य गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सुरक्षा कवच प्रदान करना है। गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न उचित एवं वहनीय कीमत पर उपलब्ध करवाकर खाद्यान्नों तक निर्धन परिवारों की पहुंच सुनिश्चित करने हेतु राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 लागू किया गया था।
कौन हैं अपात्र
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की अधिसूचना के तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के लिए क्रमश: 6 एवं 7 निष्कासन की श्रेणियां निर्धारित हैं, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत अपात्र है। जिनमें आयकर दाता, सरकारी/अर्द्ध सरकारी कार्मिकों एवं पेंशनर, एक लाख से अधिक वार्षिक आय वाले, निजी चार पहिया वाहनधारक, नगर निगम क्षेत्र में 1000 वर्गफीट, नगर पालिका क्षेत्र में 1500 वर्गफीट तथा ग्रामीण क्षेत्र में 2000 वर्गफीट से अधिक बड़ा पक्का आवासीय/व्यवसायिक परिसर धारक एवं निर्धारित सीमा से अधिक कृषि भूमि धारक परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के निष्कासन की श्रेणी में आते हैं और इस योजना हेतु अपात्र हैं।
योजना से नाम कैसे हटवाएं
अपात्र या सक्षम परिवार के मुखिया स्वेच्छा से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में लाभ परित्याग हेतु साधारण प्रार्थना पत्र जिसमें उसका नाम, पता, राशनकार्ड नंबर तथा मोबाइल नंबर अंकित कर हस्ताक्षर सहित निकटतम उचित मूल्य दुकान या उपखंड अधिकारी कार्यालय अथवा जिला रसद कार्यालय में जमा करवा सकते हैं । लाभ परित्याग का आवेदन पत्र प्रत्येक उचित मूल्य दुकानों पर मुफ्त में उपलब्ध है।