सत्यार्थ न्यूज श्रीडूंगरगढ़-सवांददाता ब्यूरो चीफ
गर्मियों में लोग अक्सर ठंडा पानी पीना पसंद करते हैं। हालांकि फ्रिज का ठंडा पानी आपकी सेहत के लिए को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में मटका या सुराही एक बढ़िया ऑप्शन है। इस मौसम में बिना किसी नुकसान ठंडा पानी पीना है तो मटका या सुराही आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। आइए जानते हैं इसके कुछ फायदे।
HighLights
1.गर्मी में कई लोग फ्रिज का ठंडा पीना पसंद करते हैं।
2.हालांकि,फ्रिज का चिल्ड पानी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचाता है।
3.ऐसे में मटके का पानी आपके लिए एक सुरक्षित विकल्प साबित होगा।
गर्मियां शुरू हो चुकी हैं और इसी के साथ अब लोगों के खानपान की आदतें भी तेजी से बदलने लगी हैं। इस मौसम में लोग अक्सर ठंडी चीजें खाना और पीना पसंद करते हैं। खासकर जब बात पानी की आती है, जो लोग गर्मियों में ज्यादातर फ्रिज का ठंडा पानी ही पीते हैं। फ्रिज का चिल्ड पानी भले ही पीने में काफी राहत पहुंचाता है और प्यास को तुरंत शांत कर देता है, लेकिन सेहत के लिहाज से यह काफी हानिकारक होता है। फ्रिज का ठंडा पानी आपकी सेहत को कई तरीके से आपको नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी वजह से सेहत से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं-
हार्ट रेट में कमी
कब्ज
सिरदर्द
फैट जमा होना
सूक्ष्मजीवों के संपर्क में आना
ऐसे में फ्रिज के पानी से होने वाले नुकसानों से बचने के लिए मटके का पानी एक बढ़िया विकल्प है। यह पानी को ठंडा रखने का एक पारंपरिक और कारगर तरीका है। साथ ही यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद भी होता है। अगर आप भी फ्रिज का पानी पसंद करने वालों में से एक हैं,तो मटके के पानी के फायदे जान आप भी इसे पीने को मजबूर हो जाएंगे।
नेचुरल कूलिंग
गर्मियों में अक्सर ठंडा पानी पीने का ही मन करता है। ऐसे में मटके का पानी नेचुरल तरीके से ठंडा होता है, जो पीने न सिर्फ ठंडा लगता है और प्यास बुझाता है, बल्कि यह काफी फ्रेश भी लगता है। मिट्टी एक पोरस (छेदनुमा) पदार्थ है,जो हवा और नमी को अपने अंदर से गुजरने देता है। मिट्टी का यह प्राकृतिक गुण इसे एक बेहतरीन इन्सुलेटर बनाता है और पानी को नेचुरली ठंडा करता है।
पीएच लेवल बनाए रखे
हेल्दी रहने के लिए पानी का पीएच लेवल बनाए रखना बेहद जरूरी है। ऐसे में मटका या सुराही एक बढ़िया विकल्प है। दरअसल, प्लास्टिक के कंटेनर या बोतलों में पानी रखने से इसमें मौजूद केमिकल पीएच लेवल बदल सकते हैं, लेकिन मिट्टी के घड़े में पानी का पीएच लेवल बरकरार रहता है। क्योंकि मिट्टी नेचर में अक्लाइन होती है। यही कारण है कि सुराही या मटके का पानी एसिडिटी और पेट की समस्याओं को दूर रखने में मदद करता है।
मेटाबोलिज्म बेहतर करे
मिट्टी के बर्तन में रखे पानी में किसी भी तरह का कोई केमिकल नहीं होता है,जिसकी वजह से रोजाना इसका पानी पीने से मेटाबोलिज्म को बढ़ावा मिलता है। साथ ही पानी में मौजूद मिनरल्स के कारण यह पाचन में भी सुधार होता है।
पर्यावरण के अनुकूल
मटका या सुराही पर्यावरण के लिए भी काफी अच्छा होता है। दरअसल, मिट्टी के बर्तन बायोडिग्रेडेबल और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ होते हैं। ऐसे में इसका पानी पीने से सेहत तो बेहतर रही ही है,साथ ही यह पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाता है।