ब्रेकिंग न्यूज़

ब्राम्हणों के उदारता को कायरता न समझें ब्राम्हण द्रोही -चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामासोनभद्र -बीआरसी पर कार्यकाल समाप्ति पर सभी एआरपी को किया गया सम्मानितसोनभद्र -138 एनआई एक्ट: दोषी शांतनु चतुर्वेदी को एक वर्ष की कैदपीएम मोदी का दुनिया को संदेश, अंग्रेजी में बोले- आतंकियों को धरती की छोर तक नहीं छोड़ेंगे..भगवान की कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बताती है – सुश्री मोनिका पारीकयूथ कांग्रेस कार्यालय में स्वराज संवाद संगोष्ठी के साथ मनाया गया पंचायती राज दिवसभीम आर्मी भारत एकता मिशन ने संदीप कुमार भारतीय को दोबारा श्रीडूंगरगढ़ तहसील अध्यक्ष नियुक्त कियासोनभद्र -पुलिस मुठभेड़ में एक अभियुक्त गिरफ्तारसोशल मीडिया योग जनजागरण अभियान से पांच लाख से अधिक दर्शक प्रेरित हुए : निदेशक ओम कालवाशेरुणा सरपंच प्रतिनिधि ने मंत्री मदन दिलावर को सौंपा ज्ञापन, मनरेगा श्रमिकों का भुगतान, सहित विकास कार्यों में आ रही समस्याओं के समाधान की मांग, मिला आश्वासनबीकानेर: सुबह-सुबह शिक्षा मंत्री दिलावर ने ग्राम पंचायतों का निरीक्षण कर लिया जायजाकोटासर करणी गौशाला में भामाशाह ने पधारकर एकादशी के अवसर की गौसेवा कमेटी ने जताया आभारआचार्य महाप्रज्ञ के 16वें महाप्रयाण दिवस पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित,साध्वीवृंद के सान्निध्य में हुआ व्याख्यान, गीतिका और भावांजलि से गूंजा मालू भवनसुबह देश और राज्यों से बड़ी खबरें एक साथफायदे के चक्कर में भर-भरकर पी रहे हैं नींबू पानी, तो जरूर जान लें इसके हैरान करने वाला नुकसान

हर थैली एक हत्या है: कचरे में दम तोड़ती गौमाता की करुण पुकार”

WhatsApp Image 2025-04-15 at 22.26.27

😊 Please Share This News 😊


Satyarath
Spread the love

सत्यार्थ न्यूज़ लाइव
सोयत कला से रिपोर्टर मोहम्मद आलम खान

हर थैली एक हत्या है: कचरे में दम तोड़ती गौमाता की करुण पुकार”

सोयतकलां नगर की गंदगी अब केवल दुर्गंध या दृश्य प्रदूषण नहीं रही, यह निरीह प्राणियों की मौत का कारण बन चुकी है। बीते आठ दिनों में सोयत नगर में दो दर्जन से अधिक गौमाताओं की मौत हो चुकी है। सोमवार को भी दो और गायों ने दम तोड़ दिया—और जब एक मृत गाय का पोस्टमार्टम किया गया, तो उसके पेट से जो निकला, उसने पूरे सिस्टम की संवेदनहीनता की पोल खोल दी।

40 किलो पॉलीथीन: मौत की थैली

डॉ. दीपक मेहरा, नगर पशु चिकित्सालय के प्रभारी, ने बताया कि मृत गाय के पेट से लगभग 40 किलो पॉलीथीन निकली। यह केवल आंकड़ा नहीं, यह हर उस थैली की गवाही है जो हमने कभी सब्ज़ियों के छिलकों में बांधकर सड़क पर फेंकी थी।


“यह सामान्य नहीं है,” डॉ. मेहरा कहते हैं, “यह सीधे तौर पर नगर की लचर सफाई व्यवस्था का परिणाम है।”
“हर डस्टबिन एक जीवनरक्षक बन सकता है”

सड़कों, गलियों और नुक्कड़ों पर बिखरा कचरा—खासकर पॉलीथीन में लिपटी खाद्य सामग्री—गायों को अपनी ओर आकर्षित करती है। भूख से व्याकुल गायें जब इन्हें निगलती हैं, तो वह ज़हर बनकर उनके शरीर में उतर जाता है। धीरे-धीरे उनका पाचन तंत्र क्षतिग्रस्त होता है और फिर दर्दनाक मृत्यु उनका अंत बनती है।

समस्या की जड़ स्पष्ट है: नगर की साफ-सफाई में गंभीर चूक।

जगह-जगह कचरे के ढेर

पॉलीथीन से सनी खाद्य वस्तुएँ

डस्टबिन का अभाव

और सबसे गंभीर, ट्रैचिंग ग्राउंड की असुरक्षित स्थिति
ट्रैचिंग ग्राउंड या मृत्यु का द्वार?

सोयत-पिडवा मार्ग पर स्थित ट्रैचिंग ग्राउंड नगर परिषद द्वारा कचरा फेंकने के लिए बनाया गया था, परंतु आज यह जगह गौहत्या का अघोषित अड्डा बन चुकी है।

मुख्य गेट तो बंद रहता है, परंतु ट्रैक्टर आदि के प्रवेश के लिए जो अस्थायी द्वार हमेशा खुला रहता है, वही मौत का रास्ता बन गया है। भूखी गायें इस रास्ते से अंदर जाती हैं और पॉलीथीन, सड़ा खाना और विषैले पदार्थ खाकर वापस नहीं लौटतीं।

यह केवल असावधानी नहीं, एक क्रूर अनदेखी है।
एक और खतरा: केड़ा जिसमें रेबीज जैसे लक्षण

इसी दौरान नगर में एक काले रंग का आक्रामक केड़ा भी मिला, जिसमें रेबीज जैसी आशंका जताई गई। अत्यधिक लार, हिंसक व्यवहार, और अनियंत्रित गतिविधियाँ—ये सभी लक्षण डॉ. मेहरा द्वारा जांच में दर्ज किए गए हैं। यह रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है और विशेषज्ञों ने इसे “संभावित सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट” करार दिया है

समाज की चुप्पी—एक और अपराध

हमारे समाज में “गाय हमारी माता है” कहना आसान है, पर जब वही माता पॉलीथीन खाकर तड़पती है, तो हम केवल मूक दर्शक बनकर रह जाते हैं।
क्या यह हमारी सामूहिक संवेदनहीनता की पराकाष्ठा नहीं है

अब सवाल नहीं, समाधान चाहिए

नगरवासियों की माँगें अब केवल अपील नहीं—एक चेतावनी हैं:

1. ट्रैचिंग ग्राउंड को चारों ओर से पूरी तरह घेरा जाए
2. ट्रैक्टर आने-जाने वाले द्वार को नियंत्रित किया जाए
3. सभी सार्वजनिक स्थलों पर बड़े और ठोस डस्टबिन लगाए जाएं
4. सफाई का समयबद्ध और नियमित कार्यक्रम सुनिश्चित किया जाए
5. खुले में कचरा फेंकने वालों पर जुर्माना और निगरानी लागू हो

“पॉलीथीन नहीं, यह धीमा ज़हर है”

हर बार जब कोई नागरिक खाने की चीजें पॉलीथीन में बांधकर फेंकता है, तो वह अनजाने में किसी जानवर की मौत का कारण बनता है। हमें यह समझना होगा कि पॉलीथीन केवल प्रदूषण नहीं, यह एक मौन हत्या है।

अंतिम शब्द: अब भी समय है

“हर कचरा पात्र, हर साफ गली—एक गौमाता की रक्षा”
अब वक्त है, कि हम सिर्फ प्रतिक्रियाएं देना बंद करें और कार्रवाई की शुरुआत करें।
क्योंकि हर बार जब कोई गाय पॉलीथीन खाकर मरती है—वह केवल उसका अंत नहीं, हमारे समाज की संवेदना का पतन होता है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

MORE STORIES

Live AajTak TV

वोट जरूर करें

Sorry, there are no polls available at the moment.

विज्ञापन बॉक्स

[Rich_Web_Slider id="1"]

RASHIFAL

LIVE CRICKET

WEATHER UPDATE

+38
°
C
High:+41
Low:+31
Wed
Thu
Fri
Sat
[covid19-country-updates country=IN country_list=0 layout=3 label="India Covid19 Data" colors="#d80027,#0052b4"]

Stock Market Update

Panchang

LIVE FM

    [Rich_Web_Slider id="1"]
    error: Content is protected !!