अंशु श्रीवास्तव -संवाददाता
ब्राम्हणों के उदारता को कायरता न समझें ब्राम्हण द्रोही -चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा
बस्ती जिले के गौर ब्लॉक में प्राथमिक विद्यालय रामापुर में सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत शिक्षक विजय पटेल ने जिस तरह से शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप पर ब्राह्मणों की तुलना आतंकवादियों से करते हुए उनका सफाया करने की बात लिखी है। ऐसे शिक्षक , शिक्षक समाज के ऊपर धब्बा हैं। जब शिक्षक ही समाज में जहर घोलने लगेगा तो इस देश का क्या होगा। ऐसी दूषित मानसिकता रखते हुए ये कौन सी शिक्षा बच्चों को प्रदान करेंगे। ये बातें वरिष्ठ समाजसेवी व भाजपा नेता चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा ने प्रतिकृया व्यक्त करते हुए कहा कि हमने व्हाट्सएप के माध्यम से जिले के उच्चाधिकारियों को शिकायत प्रेषित कर दिया है यदि ऐसे शिक्षक के विरुद्ध तत्काल सुसंगत धाराओं में अभियोग दर्ज कर इन्हें सेवा मुक्त नहीं किया गया तो कल जिलाधिकारी को लिखित शिकायत करते हुए आगामी सोमवार से जिलाधिकारी कार्यालय के सम्मुख बेमियादी धरने पर बैठूंगा शिक्षक समाज व ब्राम्हण समाज साथ दें न दें मैं अकेला ही संघर्ष करूंगा मैं लड़ते लड़ते मरना पसंद करूंगा किन्तु ऐसे समाज के विघटनकारी तत्वों को व उनके द्वारा ब्राम्हणों के विरुद्ध विषय वमन को बर्दाश्त नहीं करूंगा श्री पाण्डेय ने कहा कि कहीं न कहीं इस घटना के जिम्मेदारों वहां के खण्ड शिक्षा अधिकारी बड़कऊ बर्मा भी हैं क्योंकि वो जहां रहते हैं ऐसे ही माहौल का निर्माण करते हैं उनके द्वारा जब बीते वर्ष परशुराम जयंती के दिन भगवान परशुराम जी का चित्र स्क्रैच कर कर्मचारी सेवा नियमावली के विपरीत आचरण हेतु कार्यवाही करने व एक ही जनपद में लगातार तीन वर्ष से अधिक जमें रहने के चलते जिले से बाहर स्थानांतरण की मांग के क्रम में संघर्ष किया तो जिम्मेदारों ने सिर्फ ब्लाक परिवर्तन कर जिम्मेदारी पूर्ण कर दिया यदि बड़कऊ बर्मा पर कार्यवाही होती तो आज दूसरे बड़कऊ बर्मा के रूप में विजय पटेल विष वमन न करते।
श्री पाण्डेय ने मांग किया है कि तत्काल इन दोनों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही सुनिश्चित हो ताकि फिर कोई ऐसा दुस्साहस न करे ब्राम्हण सिर्फ सुदामा की तरह सिद्धांत प्रेमी ही नहीं होता व भगवान परशुराम की तरह अपमान का प्रतिशोध भी लेना जानता है खेद का विषय है कि जाति के नाम पर सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने वाले उल्टा ब्राम्हणों पर जातिवाद का आरोप मढ़ते है और जिन ब्राम्हणों व क्षत्रिय समाज के खिलाफ ये जहर उगलते हैं आज भी समाज के 70% लो जरूरत पर न्याय व सहयोग व सलाह हेतु इन्हीं के पास जाते हैं।