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पीएम मोदी का दुनिया को संदेश, अंग्रेजी में बोले- आतंकियों को धरती की छोर तक नहीं छोड़ेंगे..

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Vishal Leel
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नई दिल्ली:-भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व के नाम संदेश दिया। पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद वह पहली बार किसी जनसभा में थे। जनसभा के दौरान विकास की बातें हुईं, लेकिन इसकी शुरुआत पहलगाम हमले में मृत लोगों को श्रद्धांजलि देने से हुई और अंत आतंकवाद के खिलाफ भारत की ताकतवर घोषणा के साथ। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले हिंदी में आतंकवाद के खिलाफ अपनी योजना बताई और फिर दुनिया को संदेश देने के लिए अंग्रेजी में भी बोले।

पहले हिंदी में आतंकवादियों और उनके समर्थकों को चेतावनी
पंचायती राज दिवस पर बिहार के मधुबनी में विकास की बात करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सूखते गले तो तर करते हुए पानी पीया और फिर बोले- “साथियो, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मासूम देशवासियों को जिस बेरहमी से मारा है, उससे पूरा देश व्यथित है। कोटि-कोटि देशवासी दुखी हैं। सभी पीड़ित परिवारों के इस दुख में पूरा देश उनके साथ खड़ा है। जिन परिवारजनों का अभी इलाज चल रहा है, वह जल्द स्वस्थ हों- इसके लिए भी सरकार हर प्रयास कर रही है। साथियो, इस आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा खोया। किसी ने अपना भाई खोया। किसी ने अपना जीवनसाथी खोया। उनमें से कोई बांग्ला बोलता था, कोई कन्नड़ बोलता था, कोई मराठी था, कोई ओड़िया था, कोई गुजराती था और कोई यहां बिहार का लाल था। आज उन सभी की मृत्यु पर कारगिल से कन्याकुमारी तक हमारा दुख एक जैसा है। हमारा आक्रोश एक जैसा है। यह हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ है, देश के दुश्मनों ने भारत की आस्था पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं जिन्होंने यह हमला किया है, उन आतंकियों को और इसकी साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। सजा मिलाकर रहेगी। अब आतंकियों की बचीखुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंकवाद का कमर तोड़ कर रहेगी।
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प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया को बताने के लिए अंग्रेजी क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की इस सभा का उपयोग पूरी दुनिया को संदेश देने के लिए भी किया। उन्होंने अंग्रेजी में भी आतंकियों को चेतावनी दी- “Today from the soil of Bihar, I say to the whole world that India will identify, track and punish every terrorist and their backers. We will persue to the end of the earth. India spirit will never be broken by terrorism. Terrorism will not go unpunished. Every effort will be made to ensure that justice is done. The entire nation is firm. Everyone who believe in the humanity is with us. I thank the people of various country and their leaders, who stood with us at this time.” इसका हिंदी अर्थ यह है- “आज बिहार की धरती से, मैं पूरे विश्व से कहता हूं कि भारत हर आतंकवादी और उनके समर्थकों की पहचान करेगा, उनका पता लगाकर उन्हें दंडित करेगा। हम धरती के अंत तक उनका पीछा करेंगे। आतंकवाद से भारत की हिम्मत नहीं टूटने वाली है। आतंकवाद को बख्शा नहीं जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा कि न्याय हो। पूरा राष्ट्र दृढ़ है। हर वह व्यक्ति जो मानवता में विश्वास रखता है, हमारे साथ है। मैं विभिन्न देशों के लोगों और उनके नेताओं को धन्यवाद देता हूँ, जो इस समय हमारे साथ खड़े रहे।”

पीएम मोदी ने और क्या-क्या कहा आइये जानते हैं 5 बड़ी बातें-

पहलगाम में भारत की आत्मा पर हमले का दुस्साहस हुआ- ये हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ है, देश के दुश्मनों ने भारत की आस्था पर हमला करने का दुस्साहस किया है।
आतंकियों की बची-खुची जमीन मिट्टी में मिला देंगे- मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि जिन्होंने ये हमला किया है, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। अब आतंकियों की बची-कुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है।

आतंकियों की पहचान करेंगे, ढूंढकर मारेंगे- इस आतंकी हमले में किसी ने बेटा, किसी ने भाई, किसी ने जीवनसाथी खोया है, कोई बांग्ला, कोई कन्नड़ा, कोई मराठी, कोई उड़िया, कोई गुजराती, कोई बिहार का लाल था। आतंकियों की पहचान करेंगे और उन्हें ढूंढकर मारेंगे।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक दुख एक जैसा- इस हमले पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक हमारा दुख, आक्रोश एक जैसा है।
आतंक के आकाओं की कमर तोड़ने का वक्त आ गया- पहलगाम में आतंकियों ने मासूमों को बेरहमी से मारा है। पीड़ित परिवारों के साथ पूरा देश खड़ा है। आतंक के आकाओं की कमर तोड़ने का वक्त अब आ गया है।

भारत ने पाकिस्तान पर बढ़ाई सख्ती
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर सख्ती बढ़ा दी है । भारत ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को समन भेजा है और पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी साद अहमद वराइच को तलब किया है। साथ ही एयर, नेवल और डिफेंस एडवाइजर को भी नोट सौंपा गया है जिसमें पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित किया गया है यानि उन्हें एक हफ्ते के भीतर भारत छोड़ना होगा

सीसीएस बैठक में लिए 5 कड़े फैसले
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीएस की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए गए। इन फैसलों से आतंकवाद के सरगनाओं के साथ पाकिस्तानी हुकूमत पर चोट लगना तय है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “इस आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने ये पांच फैसले लिए हैं..

1. सिंधु जल संधि (1960) रोका
सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम, और चिनाब नदियों का 80% पानी मिलता है, जो उसकी कृषि और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। पाकिस्तान में 47 मिलियन एकड़ से अधिक भूमि की सिंचाई इन नदियों पर निर्भर है। पानी की आपूर्ति रोकने से पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में कृषि उत्पादन, विशेष रूप से गेहूं और चावल, पर गंभीर असर पड़ेगा, जिससे खाद्य संकट और आर्थिक अस्थिरता बढ़ सकती है। भारत का यह कदम “पानी की सर्जिकल स्ट्राइक” के रूप में देखा जा रहा है।

2. इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट अटारी का बंद होना
अटारी-वाघा सीमा भारत-पाकिस्तान के बीच सीमित व्यापार का प्रमुख केंद्र है। इसे बंद करने से पाकिस्तान का भारत के साथ आयात-निर्यात, विशेष रूप से कृषि और कपड़ा उत्पादों का व्यापार, प्रभावित होगा। इससे पाकिस्तान की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था पर और बोझ पड़ेगा।

3. पाकिस्तानियों का वीजा रद्द
ये एक बड़ा कूटनीतिक फैसला है। पाकिस्तानी नागरिकों को भारत यात्रा से रोकने और मौजूदा SVES वीजा निरस्त करने से पाकिस्तान का क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) में प्रभाव कमजोर होगा। यह कदम पाकिस्तान से भारत में संदिग्ध व्यक्तियों की घुसपैठ को रोकने में प्रभावी हो सकता है।

4. 48 घंटे में पाक नागरिकों को छोड़ना होगा देश
48 घंटे का अल्टीमेटम पाकिस्तान को यह संदेश देता है कि भारत अब आतंकवाद के जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है।

5. पाकिस्तानी उच्चायोग में कर्मचारी कम करना
यह भी एक कूटनीतिक दबाव है। पाकिस्तानी रक्षा सलाहकारों को निष्कासित करना और भारत के रक्षा सलाहकारों को वापस बुलाना दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक संबंधों को न्यूनतम स्तर पर ला देगा। यह पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने की भारत की रणनीति का हिस्सा है। यह कदम भारत की ओर से स्पष्ट संदेश है कि वह पाकिस्तान के साथ किसी भी सैन्य या रणनीतिक सहयोग को तैयार नहीं है, जब तक कि आतंकवाद पर उसका रुख नहीं बदलता।

सीसीएस बैठक में विस्तार से हुई चर्चा
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “आज शाम प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई। CCS को पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। कई अन्य लोग घायल हुए थे। CCS ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की…”

जानें सरकार के क्या हैं 5 बड़े फैसले

पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि अब भारत-पाकिस्तान के बीच 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. साथ ही अटारी चेक पोस्ट को भी बंद कर दिया गया है. तीसरे फैसले में सरकार पाकिस्तान के नागरिकों को SAARC वीजा योजना के तहत भारत नहीं आने देगी. नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य और नौसेना व वायुसेना सलाहकारों को 7 दिन में देश छोड़ने को कहा गया है. वहीं, भारत ने पाकिस्तान में स्थित अपने उच्चायोग से सलाहकारों को बुला लिया है.

19 सितंबर 1960 को दोनों देशों के बीच 6 नदियों के पानी को लेकर एक समझौता हुआ था. इसी को सिंधु जल संधि कहते हैं. समझौते के अनुसार, भारत को रावी, ब्यास और सतलुज का अधिकार मिला, जबकि पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब का इस्तेमाल की इजाजत दी गई. इस संधि का मकसद था कि दोनों देशों में जल को लेकर कोई संघर्ष न हो.

अब जानें ये क्यों सबसे बड़ा एक्शन

इस संधि के बाद दोनों देशों में कई बार तल्खियां आ चुकी हैं. इस बीच आतंकी हमलों के साथ ही भारत के पाकिस्तान से तीन युद्ध भी हो चुके हैं. लेकिन भारत ने कभी भी पानी नहीं रोका था. लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत ने ये एक्शन लिया है. इस एक्शन से पाकिस्तान में पानी का संकट गहरा जाएगा. दरअसल, पाकिस्तान की 80% खेती सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के पानी पर ही निर्भर है. इसके अलावा पाकिस्तान कई डैम और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स से बिजली बनाता है. पानी की कमी से बिजली उत्पादन में गिरावट आ सकती है. यानी आसान शब्दों में कहें तो भारत के इस कदम से पाकिस्तान की आर्थिक हालत खस्ताहाल हो सकती है.

अटारी पोस्ट बंद करने से होगा व्यापारिक नुकसान

दरअसल, अटारी चेक पोस्ट बंद होने से अब दोनों देशों के बीच आवाजाही भी पूरी तरह से बंद होगी. अबतक भारत से जो छोटे-छोटे सामानों की आवाजाही भारत से होती थी वह भी पूरी तरह से बंद हो जाएगी. इससे वहां के छोटे व्यापारियों को आर्थिक नुकसान होगा. वैसे तो दोनों देशों में द्विपक्षीय व्यापार बंद है. लेकिन दोनों देशों के बीच छोटे-मोटे सामानों का लेन देन होता है. लेकिन अब इसपर भी लगाम लगेगी.

वीजा सर्विस रोकने से क्या होगा?

भारत ने पाकिस्तानियों के वीजा पर भी रोक लगाई है. दरअसल, ये एक सांकेतिक असर भी है कि अब भारत पूरी तरह से पाकिस्तान को दरकिनार करेगा. साथ ही पाकिस्तान के कई लोगों की रिश्तेदारी भारत में है. ऐसे में कई बार पाकिस्तानी लोग रिश्तेदार बनकर भारत आते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा.

बड़ा एक्शन तय! विदेश मंत्री के साथ लाल फाइल लेकर राष्ट्रपति से मिले शाह, विदेश मंत्रालय ने टॉप देशों के डिप्लोमैट को बुलाया

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पल-पल भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति नाजुक होती जा रही है। भारत सरकार की तरफ से पीएम मोदी समेत टॉप लीडरशिप ने साफ कर दिया है कि इस आंतकी हमले का सख्त जवाब दिया जाएगा। बुधवार को भारत ने पाकिस्तान पर 5 बड़े प्रतिबंध लगाए और अब सभी पाकिस्तानियों के लिए वीजा सेवाएं निलंबित कर दी है। दूसरी तरफ पाकिस्तान ने भी एक्शन लेते हुए भारत के साथ सभी तरह के व्यापार पर रोक लगा दी है।

पाकिस्तान ने घोषणा की है कि भारत द्वारा पाकिस्तान का जल मार्ग रोकना उसके खिलाफ युद्ध की घोषणा करने के बराबर है। इसी बीच केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है। दोनों नेताओं ने तीनों सेना की अध्यक्ष राष्ट्रपति को हाताल की जानकारी दी है। इस बैठक में अमित शाह अपने साथ दो लाल फाइल लेकर पहुंचे थे।

वो लाल फाइल आखिरकार राष्ट्रपति भवन पहुंच गई. गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. उनके हाथों में थी एक ‘सीक्रेट’ फाइल, लाल रंग की. जिस वक्त ये मुलाकात हुई है, और जिस तरह से दोनों मंत्री सीधे राष्ट्रपति भवन पहुंचे, उससे पाकिस्तान में खलबली मच गई है. क्या ये वही फाइल है, जिसमें पाकिस्तान को लेकर भारत की अब तक की सबसे आक्रामक रणनीति दर्ज है? क्या ये बर्बादी की पटकथा है, जो अब आधिकारिक मुहर के लिए राष्ट्रपति के पास पहुंची? पहलगाम हमले के बाद भारत एक्शन मोड में है. विदेश मंत्रालय से लेकर खुफिया एजेंसियां, सब पाकिस्तान को घेरने की तैयारी में हैं. और अब जब ये लाल फाइल राष्ट्रपति के हाथ में है, तो संकेत साफ है- कुछ बड़ा होने वाला है.
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विदेशी राजदूतों की ब्रीफिंग
नई दिल्ली में पहलगाम आतंकी हमले के बारे में जानकारी देने के लिए विदेश मंत्रालय के साउथ ब्लॉक स्थित कार्यालय में जी20 देशों के चुनिंदा राजदूतों को बुलाया था। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने राजदूतों को पूरे मामले की जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय मुख्यालय में ये बैठक करीब 30 मिनट तक चली। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले पर जानकारी देने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, इटली, कतर, जापान, चीन, रूस, जर्मनी और फ्रांस के शीर्ष राजनयिकों को विदेश मंत्रालय बुलाया था। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इंडोनेशिया, मलेशिया, ओमान, यूएई, कतर, नॉर्वे के राजदूतों और शीर्ष राजनयिकों को भी पहलगाम आतंकी हमले की जानकारी दी है।

सेना प्रमुख का दौरा
वहीं, भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे। सेना प्रमुख पहलगाम हमले के मद्देनजर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए कल श्रीनगर जा रहे हैं। स्थानीय सैन्य संरचनाओं के शीर्ष कमांडर उन्हें घाटी में और नियंत्रण रेखा पर सेना द्वारा उठाए गए आतंकवाद विरोधी उपायों के बारे में जानकारी देंगे। इस दौरान 15 कोर कमांडर और राष्ट्रीय राइफल्स के अन्य कमांडर भी मौजूद रहेंगे।

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