छपरा जिले के माझी के ताजपुर चौक पर एक मिठाई की दुकान है जो 1953 से संचालित हो रही है। दुकानदार की तीसरी पीढ़ी नंदन कुमार सिंह अभी इस दुकान को चला चला रहे हैं। इस दुकान में एक विशेष प्रकार की मिठाई बनती है जो संभवत पूरे बिहार में कहीं नहीं बनती। इस मिठाई का नाम दिया गया है एटम बम। खाने में इतना लजीज कि फिर दोबारा खाने को मन करेगा। इस मिठाई के निर्माण के लिए शुद्ध छेना उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों से आता है। इस दुकान में प्रतिदिन 70 से 80 किलो से ज्यादा इस मिठाई की बिक्री है। कीमत 350 रुपए प्रति किलो है। दुकानदार खुद कहते हैं कि प्रतिदिन 25000 से ज्यादा का सेल है। यानी महीने का सात आठ लाख रुपए का सिर्फ यह मिठाई बिकती है। इस मिठाई की शुरुआत काफी अनूठी घटना से हुई। पहले के जमाने में राजपूत समाज के लोग अगर गाय भैंस रखते भी थे तो सामाजिक कारणों से दूध नहीं बेचते थे।
छपरा जिले के माझी के ताजपुर बाजार पर एक बाबू साहब ने उस जमाने में मिठाई की दुकान खोली 1953 में। मिठाई की दुकान खुली तो उस इलाके के जितने भी बाबू साहब थे उनके यहां से दूध आने लगा। दूध में पानी नहीं होता था इसलिए क्वालिटी भी काफी अच्छी होती थी। और इसी दूध से एटम बम मिठाई की शुरुआत हुई। पहले स्थानीय स्तर तक ही इस मिठाई की पूछ थीं । धीरे-धीरे इस मिठाई ने अपनी पहचान जिला स्तर और अब राज्य स्तर तक बना लिया है। शुद्ध छेना से तैयार इस मिठाई का टेस्ट अनूठा है। आमतौर पर छपरा जिलों को खानपान और पकवान के मामले में वह रेटिंग नहीं मिल पाती जो आसपास के जिले को मिल पाती है। यहां के लोग थोड़े से अपनी चीजों को ब्रांडिंग नहीं करने वाले होते है यानी छुपाते हैं। छपरा जिले में खाने-पीने की कई ऐसी विशेष चीज बनती है जिनके बारे में आपको कहीं पढ़ने को नहीं मिलेगा पर सुनने को जरूर मिलेगा। ऐसी ही एक मिठाई है एटम बम जो अब ताजपुर से निकलकर आसपास और इलाके के दुकानों तक भी पहुंच गया है। पर जो टेस्ट यहां मिलता है वह कहीं दूसरी जगह नहीं मिलता है अगर आपको कभी इस इलाके में जाने का मौका मिले तो ताजपुर जरूर जाइए एटम बम खाइये। इसे लेने के लिए अलग जगहों से पंहुचते हैं।