शिक्षा के नाम पर होरहा है खेल
बांसवाड़ा
शंभू सिंह शेखावत 9413667596
शिक्षा केनाम पर देखा जाएतो सबसे अधिक यदि शिक्षा के लिए यूपी बिहार केशिक्षा को सबसे कम आंका जाता है
जबकि यूपी बिहारके बच्चोंको बेवजहही बदनाम किया जाता है कि वहां की शिक्षा अच्छी नहीं है जो की यही कर्य राजस्थानके बांसवाड़ा संभागके अंदर भी इसी प्रकार की शिक्षा कासंचालन हो र
हा है गोविंद गुरु
जनजाति विश्वविद्यालय केअंदर विवाद जैसे कम होने नाम ही नहीं ले रहा है कुछ दिनपूर्व ही इस विश्वविद्यालय में एक सनसनीमामला सामने आयाथा ।जिसके अंदर LLB छात्रों को बार काउंसलिंग द्वारा मान्यता प्राप्त ना होने के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कियाजा रहा था और 2 वर्ष तक के छात्रों को अध्ययन भी कराया जा रहा था, जिसकी मान्यता प्राप्त नहीं थी वह कोर्स भी इस विश्व विद्यालयके द्वारा कराया जा रहा था ।
अब नया मामला विश्वविद्यालय विशाखा नागर पुत्री केवल कृष्ण नागर और विनीता जोशी दोनों ही छात्रा के रूप में अध्यनरत रही और उस वक्त दोनों छात्राओं ने इस अवधि मे न्यू लुक स्कूल, जिला बांसवाड़ा के अधीन अध्यापक तथा , प्रधानाचार्य के पद पर उक्त विद्यालय में नियमित सेवा दे रही थी। कानूनन राजस्थान शिक्षा नीति एवं नियमानुसार नियमितरूप से एक ही समय पर दोनों स्थानों पर कार्य नहीं किया जा सकता है।
यह बात माननीय योग्य नहीं है कि एक ही वर्ष में दोनों स्थान पर नियमित रूप से अपना कार्यकिय गया हो। दोनों छात्राओं द्वारा महानुभाव ने गलत तथ्य बताते हुए अपना उल्लू सिद्ध किया और कानून की दृष्टि से भी अपराध करते हैं। इसकी शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता पूर्णानंद पांडेय ने गोविंदगुरु जनजाति विश्वविद्यालय के कलपति को लिखित में शिकायत दी गई है। पूर्णानंद पांडे ने कहा कि विश्वविद्यालय मे यह दो छात्र ही नहीं है बल्कि इस प्रकार के कई छात्र-छात्राओं की इस विद्यालय में भरमार लगी हुई है ,जो गलत तरीके से डिग्री प्राप्त कर रहे हैं। पूर्णा नंद पांडेय ने कुलपति से लिखित में कहां कि इन दोनों ही छात्रों की डिग्री को निरस्त किया जाए।गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय के कुलपति ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कमेटी का गठन कर दी है तथा जाच कमेटी अपनी रिपोर्ट रिपोर्ट 7 दिन में प्रस्तुत करेगी। उसके बाद से करवाई की जाएगी। कुलपति प्रोफेसर केशवसिंह ठाकुर