सत्यार्थ न्यूज श्रीडूंगरगढ़-सवांददाता नरसीराम शर्मा
पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्त्व माना गया है। शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्त्व दिया गया है और पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना गया है। पंचांग में सूर्योदय सूर्यास्त,चद्रोदय-चन्द्रास्त काल,तिथि,नक्षत्र,मुहूर्त योगकाल,करण,सूर्य-चंद्र के राशि,चौघड़िया मुहूर्त दिए गए हैं।
जय श्री गणेशाय नमः
जय श्री कृष्णा
आज का पंचांग -08.04.2025
दैनिक गोचर राशिफल सहित
शुभ मंगलवार
– शुभ प्रभात्
74-30मध्यमान
75-30
(केतकी चित्रापक्षीय गणितानुसारेण निर्मितम्)
___आज विशेष___
आज कामदा एकादशी व्रत,महत्व पूजाविधि,माहात्म्य एवं व्रतकथा..हिंदू शास्त्रों के अनुसार
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__दैनिक पंचांग विवरण__
आज दिनांक………………08.04.2025
कलियुग संवत्…………………..5127
विक्रम संवत्………………….. 2082
शक संवत्……………………..1947
संवत्सर……………………..श्री सिद्धार्थी
अयन………………………….उत्तर
गोल………………………….उत्तर
ऋतु…………………………बसंत
मास…………………………. चैत्र
पक्ष………………………..शुक्ल
तिथि…..एकादशी. रात्रि. 9.13 तक / द्वादशी
वार…………………….. मंगलवार
नक्षत्र….. अश्लेषा. प्रातः 7.55 तक / मघा
चंद्रराशि……… कर्क. प्रातः 7.55 तक / सिंह
योग…………….शूल. सायं. 6.09 तक / गंड
करण……………….वणिज. प्रातः 8.33 तक
करण……. विष्टि(भद्रा)रात्रि. 9.13 तक / बव
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नोट-जिस रात्रि समय के ऊपर(*) लगा हुआ हो वह समय अर्द्ध रात्रि के बाद सूर्योदय तक का है
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विभिन्न नगरों के सूर्योदय में समयांतर मिनट
दिल्ली -10 मिनट———जोधपुर +6 मिनट
जयपुर -5 मिनट——अहमदाबाद +8 मिनट
कोटा – 5 मिनट————-मुंबई +7 मिनट
लखनऊ – 25 मिनट——बीकानेर +5 मिनट
कोलकाता -54 मिनट–जैसलमेर +15 मिनट
सूर्योंदयास्त दिनमानादि-अन्य आवश्यक सूची
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सूर्योदय……………… प्रातः 6.16.59 पर
सूर्यास्त……………… सायं. 6.49.51 पर
दिनमान-घं.मि.से……………12.32.51
रात्रिमान-घं.मि.से……………. 11.26.08
चंद्रोदय…………………..2.59.17 PM पर
चंद्रास्त………………… .4.13.14 AM पर
राहुकाल..अपरा. 3.42 से 5.16 तक(अशुभ)
यमघंट… प्रातः 9.25 से 10.59 तक(अशुभ)
गुलिक……..अपरा. 12.33 से से 2.08 तक
अभिजित…….मध्या.12.08 से 12.59(शुभ)
पंचक…………………….. आज नहीं है।
हवन मुहूर्त……………………. आज है।
दिशा शूल…………………. उत्तर दिशा
दोष परिहार…….. गुड़ का सेवन कर यात्रा करें
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विशिष्ट काल-मुहूर्त-वेला परिचय
अभिजित् मुहुर्त – दिनार्द्ध से एक घटी पहले और एक घटी बाद का समय अभिजित मुहूर्त कहलाता है,पर बुधवार को यह शुभ नहीं होता.
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ब्रह्म मुहूर्त – सूर्योदय से पहले का 1.30 घंटे का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है।
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प्रदोष काल – सूर्यास्त के पहले 45 मिनट और बाद का 45 मिनट प्रदोष माना जाता है।
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गौधूलिक काल- सूर्यास्त से 12 मिनट पहले एवं 12 मिनट बाद का समय कहलाता है।
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भद्रा वास शुभाशुभ विचार
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भद्रा मेष,वृष,मिथुन,वृश्चिक के चंद्रमा में स्वर्ग में व कन्या तुला, धनु, मकर के चंद्रमा में पाताल लोक में और कुंभ मीन, कर्क, सिंह के चंद्रमा में मृत्युलोक में मानी जाती है। यहां स्वर्ग और पाताल लोक की भद्रा शुभ मानी जाती हैं।और मृत्युलोक की भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं।इसी तरह भद्रा फल विचार करें
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दैनिक सूर्योदय कालीन लग्न एवं ग्रह स्पष्ट
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लग्न ……………..मीन 23°39′ रेवती 3 च
सूर्य …………….. मीन 24°14′ रेवती 3 च
चन्द्र ……….. कर्क 29°10′ आश्लेषा 4 डो
बुध * ……….मीन 2°39′ पूर्वभाद्रपद 4 दी
शुक्र * ………मीन 0°56′ पूर्वभाद्रपद 4 दी
मंगल ………….. कर्क 1°51′ पुनर्वसु 4 ही
बृहस्पति ……..वृषभ 22°53′ रोहिणी 4 वु
शनि ……….. मीन 1°12′ पूर्वभाद्रपद 4 दी
राहू * ……… मीन 2°14′ पूर्वभाद्रपद 4 दी
केतु * …कन्या 2°14′ उत्तर फाल्गुनी 2 टो
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दैनिक लग्न समय सारिणी
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लग्न राशि ***********प्रारंभ – समाप्ति
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मीन ………………..06:17 – 06:36
मेष …………………. 06:36 – 08:15
वृषभ ……………….. .08:15 – 10:12
मिथुन ………………….10:12 – 12:26
कर्क ………………… 12:26 – 14:44
सिंह ………………….14:44 – 16:58
कन्या ……………….. 16:58 – 19:10
तुला ………………….19:10 – 21:27
वृश्चिक …………………21:27 – 23:44
धनु ………………….23:44 – 25:48*
मकर …………………25:48* – 27:33*
कुम्भ …………………27:33* – 29:04*
मीन ………………..29:04* – 30:16*
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जहां समय के आगे (*) लगा है वह समय
अर्द्ध रात्रि उपरांत के समय का सूचक है।
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दिन का चौघड़िया
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चंचल……………प्रातः9.25 से 10.59 तक
लाभ………….पूर्वा. 10.59 से 12.33 तक
अमृत…………अपरा. 12.33 से 2.08 तक
शुभ…………….अपरा. 3.42 से 5.16 तक
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रात्रि का चौघड़िया
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लाभ……………. रात्रि. 8.16 से 9.41 तक
शुभ…….रात्रि. 11.07 से 12.33 AM तक
अमृत..रात्रि.12.33 AM से 1.59 AM तक
चंचल….रात्रि. 1.59AM से 3.24 AM तक
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(विशेष – ज्योतिष शास्त्र में एक शुभ योग और एक अशुभ योग जब भी साथ साथ आते हैं तो शुभ योग की स्वीकार्यता मानी गई है )
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शुभ शिववास की तिथियां
शुक्ल पक्ष-2—–5—–6—- 9—–12—13
कृष्ण पक्ष-1—4—-5—-8—11—12—-30
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दिन नक्षत्र एवं चरणाक्षर संबंधी संपूर्ण विवरण
संदर्भ विशेष –यदि किसी बालक का जन्म गंड नक्षत्रों (रेवती, अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा और मूल) में होता है तो सविधि नक्षत्र शांति की आवश्यक मानी गयी है और करवाना चाहिये।
आज जन्मे बालकों का नक्षत्र के चरण अनुसार राशिगत् नामाक्षर
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समय-नक्षत्र नाम-नक्षत्र चरण-चरणाक्षर
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07.55 AM तक—अश्लेषा—–4——डो
______राशि कर्क – पाया चांदी_________
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02.22 PM तक——-मघा—–1——मा
08.52 PM तक——-मघा—–2——मी
03.23 AM तक——-मघा—–3——-मू उपरांत रात्रि तक——-मघा—–4——-मे
__राशि सिंह – पाया चांदी_
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___आज का दिन___
व्रत विशेष…. कामदा एकादशी (सर्वेषाम्)
अन्य व्रत…………………..नहीं है।
पर्व विशेष………….श्री लक्ष्मीकांत दोलोत्सव
दिन विशेष…… राष्ट्रीय चिड़ियाघर प्रेमी दिवस
दिन विशेष………… अंतर्राष्ट्रीय रोमानी दिवस
पंचक…………………..आज नहीं है।
विष्टि(भद्रा)… प्रातः 8.33 से रात्रि. 9.13 तक
खगोल विशेष…………………आज नहीं है।
सर्वा.सि.योग……………..उदयात्. 7.55 तक
अमृ.सि.योग………………….आज नहीं है।
सिद्ध रवियोग………..उदयात्. 7.55 तक
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अगले दिन की प्रतीकात्मक जानकारी
आज दिनांक………………..09.04.2025
तिथि……………..चैत्र शुक्ला द्वादशी बुधवार
व्रत विशेष………………….विष्णु द्वादशी
अन्य व्रत……………………..नहीं है।
पर्व विशेष……………….. श्री हरि दमनोत्सव
दिन विशेष…………..राष्ट्रीय स्वयं नाम दिवस
दिन विशेष……………….CRPF शौर्य दिवस
पंचक………………………आज नहीं है।
विष्टि(भद्रा)…………………..आज नहीं है।
खगोल विशेष…………………आज नहीं है।
सर्वा.सि.योग………………….आज नहीं है।
अमृ.सि.योग……………….. आज नहीं है।
सिद्ध रवियोग………………… आज नहीं है।
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आज की विशेष प्रस्तुति
धर्म ज्योतिष आध्यात्म वास्तु राशिफल
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आज कामदा एकादशी व्रत,महत्व पूजाविधि माहात्म्य एवं व्रतकथा हिंदू शास्त्रों के अनुसार
भगवान विष्णु का उत्तम व्रत इसका महात्म्य भगवान श्रीकृष्ण ने महाराज युधिष्ठिर को बतलाया।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आने वाले व्रत को कामदा एकादशी कहते हैं। इस कामदा एकादशी के दिन भगवान वासुदेव का पूजन किया जाता वहीं इस दिन के व्रत को भगवान विष्णु का उत्तम व्रत यानि श्रेष्ठ कहा गया है।
मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है और कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं साथ ही पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस एकादशी व्रत से एक दिन पूर्व यानि दशमी की दोपहर को जौ,गेहूं और मूंग आदि का एक बार भोजन करके भगवान का स्मरण करना चाहिए।
कामदा एकादशी के व्रत का महात्म्य भगवान श्रीकृष्ण ने महाराज युधिष्ठिर को बतलाया था।
कामदा एकादशी व्रत एवं पूजा विधि
एकादशी व्रत: ऐसे समझें
एकादशी हर महीने में २ बार आती हैं। जिस प्रकार हर व्रत का कोई न कोई अर्थ अवश्य होता है और उनका अपना ही विशेष महत्व है। एकादशी एक बार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में आती हैं। हिन्दू-धर्म के अनुसार मन और तन दोनों ही मोक्षः से परे करने के लिए उपवास करने के नियम बनाए गए है। व्रत करने मानव का शरीर भी ठीक रहता हैं। मन और तन दोनों ठीक रहते है।
एकादशी का व्रत भगवान् श्री विष्णु हरि के नाम का होता है। इस दिन भगवान् विष्णु का आव्हान किया जाता है उनके नाम से व्रत करने से पहले संकल्प लिया जाता हैं। उनका पूजन होता है फूल, फल, चंदन अक्षत, रोली, मौली सब उनकी पूजा में रखा जाता है। आज के दिन विष्णु जी के भजन और कीर्तन बहुत से लोग करवाते हैं। उनकी कथा करते है और सुनते है। इस उपवास को करने से मोह से बंधन नहीं रहता।
माना जाता है कि इस व्रत को करने की शुरूवात श्री कृष्ण ने करवाई थी। जब पांडवों को मुक्ति और मोह से छुटकारा पपने की इच्छा हुई तब उन्होंने श्री कृष्ण से इस व्रत के बार में जाना और इस व्रत को किया। तभी से इस व्रत की शुरुवात हुई थी। इस व्रत को करने से शांति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
1.इस दिन प्रात:काल स्नान आदि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें और भगवान की पूजा-अर्चना करें।
2. पूरे दिन समय-समय पर भगवान विष्णु का स्मरण करें और रात्रि में पूजा स्थल के समीप जागरण करना चाहिए।
3. एकादशी के अगले दिन यानि द्वादशी को व्रत का पारण करना चाहिए।
4. एकादशी व्रत में ब्राह्मण भोजन और दक्षिणा का महत्व है इसलिए पारण के दिन ब्राह्मण को भोजन कराएं व दक्षिणा देकर विदा करें। इसके बाद ही भोजन ग्रहण करें।
कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करने का विशेष महत्व है। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। एक लकड़ी के पाट को गंगाजल या शुद्ध जल से धोकर उसके ऊपर पीला कपड़ा बिछाएं। भगवान विष्णु की प्रतिमा को पहले पंचामृत और उसके बाद शुद्ध जल से स्नान करवाएं।
प्रतिमा को पाट पर विराजित करें। भगवान विष्णु की पूजन सामग्री से विधि-विधान से पूजाकर उनको सुगंधित फूल, तुलसी दल, ऋतुफल, निष्ठान्न, पंचमेवा, पंचामृत, तिल आदि समर्पित करें। दीपक और धूपबत्ती जलाएं। पूजा के दौरान श्री लक्ष्मीनारायण के मंत्रों का जाप करते रहें।
इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना खास फलदायी माना जाता है। पूजन होने पर आरती उतारें। आखिर में पूजा में किसी प्रकार की भूल के लिए क्षमायाचना करें। इस दिन किसी योग्य ब्राह्मण या निर्धन व्यक्ति को दान दें साथ ही गाय को भी भोजन करवाएं।
ये नहीं करें
इस व्रत में चावल पूरी तरह से निषेध माना गया है। और भूल कर भी मादक पदार्थ और सामिष आहार का सेवन न करें…
कामदा एकादशी व्रत कथा
कामदा एकादशी जिसे फलदा एकादशी भी कहते हैं, श्री विष्णु का उत्तम व्रत कहा गया है. इस व्रत के पुण्य से जीवात्मा को पाप से मुक्ति मिलती है. यह एकादशी कष्टों का निवारण करने वाली और मनोनुकूल फल देने वाली होने के कारण फलदा और कामना पूर्ण करने वाली होने से कामदा कही जाती है. इस एकादशी की कथा श्री कृष्ण ने पाण्डु पुत्र धर्मराज युधिष्ठिर को सुनाई थी. इससे पूर्व राजा दिलीप को वशिष्ठ मुनि ने सुनाई थी
चैत्र शुक्ल एकादशी की प्रचलित कथा
धर्मराज युधिष्ठिर कहने लगे कि हे भगवान में आपको कोटि-कोटि नमस्कार करता हूं। अब आप कृपा करके चैत्र शुक्ल एकादशी का महात्म्य कहिए श्रीकृष्ण कहने लगे कि हे धर्मराज! यही प्रश्न एक समय राजा दिलीप ने गुरु वशिष्ठजी से किया था और जो समाधान उन्होंने किया वो सब मैं तुमसे कहता हूं। प्राचीनकाल में भोगीपुर नामक एक नगर था वहां पर अनेक ऐश्वर्यों से युक्त पुण्डरीक नाम का एक राजा राज्य करता था भोगीपुर नगर में अनेक अप्सरा,किन्नर तथा गंधर्व वास करते थे उनमें से एक जगह ललिता और ललित नाम के दो स्त्री-पुरुष अत्यंत वैभवशाली घर में निवास करते थे। उन दोनों में अत्यंत स्नेह था,यहां तक कि अलग-अलग हो जाने पर दोनों व्याकुल हो जाते थे एक समय पुण्डरीक की सभा में अन्य गंधर्वों सहित ललित भी गान कर रहा था गाते गाते उसको अपनी प्रिय ललिता का ध्यान आ गया और उसका स्वर भंग होने के कारण गाने का स्वरूप बिगड़ गया ललित के मन के भाव जानकर कार्कोट नामक नाग ने पद भंग होने का कारण राजा से कह दिया तब पुण्डरीक ने क्रोधपूर्वक कहा कि तू मेरे सामने गाता हुआ अपनी स्त्री का स्मरण कर रहा है। अत: तू कच्चा मांस और मनुष्यों को खाने वाला राक्षस बनकर अपने किए कर्म का फल भोग पुण्डरीक के श्राप से ललित उसी क्षण महाकाय विशाल राक्षस हो गया उसका मुख अत्यंत भयंकर नेत्र सूर्य-चंद्रमा की तरह प्रदीप्त तथा मुख से अग्नि निकलने लग उसकी नाक पर्वत की कंदरा के समान विशाल हो गई और गर्दन पर्वत के समान लगने लगी सिर के बाल पर्वतों पर खड़े वृक्षों के समान लगने लगे तथा भुजाएं अत्यंत लंबी हो गईं कुल मिलाकर उसका शरीर आठ योजन के विस्तार में हो गया इस प्रकार राक्षस होकर वह अनेक प्रकार के दुःख भोगने लगा
जब उसकी प्रियतमा ललिता को यह वृत्तांत मालूम हुआ तो उसे अत्यंत खेद हुआ और वह अपने पति के उद्धार का यत्न सोचने लगी. वह राक्षस अनेक प्रकार के घोर दुःख सहता हुआ घने वनों में रहने लगा उसकी स्त्री उसके पीछे-पीछे जाती और विलाप करती रहती एक बार ललिता अपने पति के पीछे घूमती-घूमती विन्ध्याचल पर्वत पर पहुंच गई, जहां पर श्रृंगी ऋषि का आश्रम था ललिता शीघ्र ही श्रृंगी ऋषि के आश्रम में गई और वहां जाकर विनीत भाव से प्रार्थना करने लगी उसे देखकर श्रृंगी ऋषि बोले कि हे सुभगे! तुम कौन हो और यहां किस लिए आई हो? ललिता बोली कि हे मुने! मेरा नाम ललिता है। मेरा पति राजा पुण्डरीक के श्राप से विशालकाय राक्षस हो गया है। इसका मुझको महान दुःख है उसके उद्धार का कोई उपाय बतलाइए श्रृंगी ऋषि बोले हे गंधर्व कन्या अब चैत्र शुक्ल एकादशी आने वाली है,जिसका नाम कामदा एकादशी है इसका व्रत करने से मनुष्य के सब कार्य सिद्ध होते हैं। यदि तू कामदा एकादशी का व्रत कर उसके पुण्य का फल अपने पति को दे तो वह शीघ्र ही राक्षस योनि से मुक्त हो जाएगा और राजा का श्राप भी अवश्यमेव शांत हो जाएगा मुनि के ऐसे वचन सुनकर ललिता ने चैत्र शुक्ल एकादशी आने पर उसका व्रत किया और द्वादशी को ब्राह्मणों के सामने अपने व्रत का फल अपने पति को देती हुई भगवान से इस प्रकार प्रार्थना करने लगी- हे प्रभो! मैंने जो यह व्रत किया है इसका फल मेरे पतिदेव को प्राप्त हो जाए जिससे वह राक्षस योनि से मुक्त हो जाए एकादशी का फल देते ही उसका पति राक्षस योनि से मुक्त होकर अपने पुराने स्वरूप को प्राप्त हुआ फिर अनेक सुंदर वस्त्राभूषणों से युक्त होकर ललिता के साथ विहार करने लगा उसके पश्चात वे दोनों विमान में बैठकर स्वर्गलोक को चले गए। वशिष्ठ मुनि कहने लगे कि हे राजन् इस व्रत को विधिपूर्वक करने से समस्त पाप नाश हो जाते हैं तथा राक्षस आदि की योनि भी छूट जाती है। संसार में इसके बराबर कोई और दूसरा व्रत नहीं है। इसकी कथा पढ़ने या सुनने से वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
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आज का राशिफल
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मेष-(चू चे चो ला ली लू ले लो अ)
आज बहुत-कुछ आपके कंधों पर टिका हुआ है और फ़ैसले लेने के लिए स्पष्ट सोच ज़रूरी है। पैसे की अहमियत को आप अच्छे से जानते हैं इसलिए आज के दिन आपके द्वारा बचाया गया धन आपके बहुत काम आ सकता है और आप किसी बड़ी मुश्किल से निकल सकते हैं। पारिवारिक सदस्यों के साथ सुकून भरे और शांत दिन का आनंद लें। अगर लोग परेशानियों के साथ आपके पास आएँ तो उन्हें नज़रअंदाज़ करें और उन्हें अपनी मानसिक शांति भंग न करने दें। रचनात्मक काम में लगे लोगों के लिए सफलता से भरा दिन है, उन्हें वह शौहरत और पहचान मिलेगी जिसकी उन्हें एक अरसे से तलाश थी। जो लोग घर सेे बाहर रहते हैं आज वो अपने सारे काम पूरे करके शाम के समय किसी पार्क या एकांत जगह पर समय बिताना पसंद करेंगे। आज चाहे दुनिया इधर-की-उधर ही क्यों न हो जाए, आप अपने जीवनसाथी से दूर नहीं हो सकेंगे।
वृषभ-(इ उ एओ वा वी वू वे वो)
आज आपके शरीर के किसी अंगे में दर्द होने की संभावना है। किसी भी ऐसे काम से बचें, जिसमें ज़्यादा शारीरिक मेहनत की ज़रूरत हो। पर्याप्त आराम भी करें। आज आपको समझ आ सकता है कि धन को बिना सोच विचारे खर्च करना आपको कितना नुक्सान पहुंचा सकता है. दूसरों को प्रभावित करने की आपकी क्षमता आपको कई सकारात्मक चीज़ें दिलाएगी। मित्रों के साथ अभद्र व्यवहार न करें। व्यावसायिक मीटिंग के दौरान भावुक और बड़बोले न हों- अगर आप अपनी ज़बान पर क़ाबू नहीं रखेंगे तो आप आसानी से अपनी प्रतिष्ठा धूमिल कर सकते हैं। इस राशि के जातक आज के दिन अपने भाई-बहनों के साथ घर पर कोई मूवी या मैच देख सकते हैं। जीवनसाथी का आत्मकेन्द्रित व्यवहार आपको नागवार गुज़रेगा।
मिथुन- (क की कू घ ङ छ के को ह)
आज आप ख़ुद को सुकून में और ज़िंदगी का आनंद उठाने के लिए सही मनोदशा में पाएंगे। ख़ास लोग ऐसी किसी भी योजना में रुपये लगाने के लिए तैयार होंगे, जिसमें संभावना नज़र आए और विशेष हो। कोई पुराना परिचित आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। ख़ुशमिज़ाज रहें और प्यार की राह में बाधाओं का सामना करने के लिए तैयार रहें। अन्य दिनों की अपेक्षा आज आपके सहकर्मी आपको अधिक समझने की कोशिश करेंगे। पैसा, प्यार, परिवार से दूर होकर आज आप आनंद की तलाश में किसी आध्यात्मिक गुरु से मिलने जा सकते हैं। चीज़ें आपकी इच्छा के मुताबिक़ नहीं चलेंगी, लेकिन अपने साथी के साथ आप अच्छा समय गुज़ारेंगे।
कर्क- (ही हू हे हो डा डी डू डे डो)
आज आप उम्मीदों की दुनिया में हैं। इस राशि के बड़े कारोबारियों को आज के दिन बहुत सोच समझकर पैसा निवेश करने की जरुरत है। दोस्त और रिश्तेदार साथ में ज़्यादा वक़्त बिताने की मांग करेंगे लेकिन यह सभी दरवाज़े बन्द करके राजसी आनन्द लेने का समय है। आपकी मुस्कुराहट आपके प्रिय की नाराज़गी दूर करने के लिए सबसे अच्छी दवा है। नाते-रिश्तेदार तरक़्क़ी और समृद्धि के लिए नयी योजनाएँ लाएंगे। खाली वक्त में आप कोई फिल्म देख सकते हैं यह फिल्म आपको पसंद नहीं आएगी और आपको लगेगा कि आपने अपना कीमती समय जाया कर दिया। वैवाहिक सुख के दृष्टिकोण से आज आपको कुछ अनोखा उपहार मिल सकता है।
सिंह- (मा मी मू मे मो टा टी टू टे)
अभी तक जो समस्याएँ आपको परेशान कर रही हैं, उन्हें हल करने के लिए होशियारी, चतुरता और कूटनीति के दाव-पेंचों की ज़रूरत है। जो लोग काफी वक्त से आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे उन्हें आज कहीं से धन प्राप्त हो सकता है जिससे जीवन की कई परेशानियां दूर हो जाएंगी। दिन के दूसरे हिस्से में कुछ दिलचस्प और रोमांचक काम करने के लिए बढ़िया वक़्त है। आज आप कोई दिल टूटने से बचा सकते हैं। यदि आप नई जानकारी और क्षमताएँ विकसित करने की थोड़ी ज़्यादा कोशिश करेंगे, तो आपको बहुत लाभ होगा। आज आपको अपनेे ससुराल पक्ष से कोई बुरी खबर मिल सकती है जिसके कारण आपका मन दुखी हो सकता है और आप काफी समय सोच विचार करने में गंवा सकते हैं। आपका प्यार, आपका जीवनसाथी आपको कोई ख़ूबसूरत तोहफ़ा दे सकता है।
कन्या- (टो प पी पू ष ण ठ पे पो)
आज ज़्यादातर चीज़ें आपके मन के मुताबिक़ होंगी। समय और धन की कद्र आपको करनी चाहिए नहीं तो आने वाला वक्त परेशानियों भरा रह सकता है। किसी भी चीज़ को अंतिम रूप देने से पहले अपने परिवार की राय लीजिए। महज़ आपका अपना फ़ैसला कुछ दिक़्क़त खड़ी कर सकता है। बेहतर परिणाम पाने के लिए परिवार में तालमेल पैदा करें। संभव है कि आज आपकी आँखें किसी से चार हो जाएँ- अगर आप अपने सामाजिक दायरे में उठेंगे-बैठेंगे तो। कामकाज के मोर्चे पर आपको सबसे स्नेह और सहयोग प्राप्त होगा। समय का पहिया बहुत तेजी से चलता है इसलिए आज से ही अपने कीमती समय का सही उपयोग करना सीख लें। आज आपको महसूस होगा कि जीवनसाथी की ज़िन्दगी में आपकी कितनी अहमियत है।
तुला- (रा री रू रे रो ता ती तू ते)
आज बच्चों के साथ खेलना बहुत अच्छा और सुकून देने वाला अनुभव रहेगा। आपके पास आज पैसा भी पर्याप्त मात्रा में होगा और इसके साथ ही मन में शांति भी होगी। अपने जीवन-साथी के साथ बेहतर समझ ज़िन्दगी में ख़ुशी, सुकून और समृद्धि लाएगी। एक लम्बा दौर जो काफ़ी समय से आपको दबोचे हुए था, ख़त्म हो चुका है- क्योंकि जल्दी ही आपको आपका जीवन-साथी मिलने वाला है। कार्यक्षेत्र में परिस्थितियाँ आपके पक्ष में लगती हैं। आज सोच-समझकर क़दम बढ़ाने की ज़रूरत है- जहाँ दिल की बजाय दिमाग़ का ज़्यादा उपयोग करना चाहिए।
वृश्चिक- (तो ना नी नू ने नो या यी यू)
आज आपका स्वास्थ्य अच्छा रहने की पूरी उम्मीद है। अपने अच्छे स्वास्थ्य के चलते आज आप अपने दोस्तों के साथ खेलने का प्लान बना सकते हैं। दिन बहुत लाभदायक नहीं है- इसलिए अपनी जेब पर नज़र रखें और ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्चा न करें। सबको अपनी महफ़िल में दावत दें। क्योंकि आपके पास आज अतिरिक्त ऊर्जा है, जो आपको किसी पार्टी या कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए प्रेरित करेगी। आपके प्यार को न सुनना पड़ सकता है। आप किसी बड़े व्यावसायिक लेन-देन को अंजाम दे सकते हैं और मनोरंजन से जुड़ी किसी परियोजना में कई लोगों का संयोजन कर सकते हैं। आपको अपने घर के छोटे सदस्यों के साथ वक्त बिताना सीखना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप घर में सद्भाव बना पाने में कामयाब नहीं हो पाएंगे. उबाऊ होती शादीशुदा ज़िन्दगी के लिए कुछ रोमांच ढूंढने की ज़रूरत है।
धनु-ये यो भा भी भू धा फा ढ़ा भे)
आज अपनी शारीरिक चुस्ती-फुर्ती को बनाए रखने के लिए आप आज का दिन खेलने में व्यतीत कर सकते हैं। यदि शादीशुदा हैं तो आज अपने बच्चों का विशेष ख्याल रखें क्योंकि यदि आप ऐसा नहीं करते तो उनकी तबीयत बिगड़ सकती है और आपको उनके स्वास्थ्य पर काफी पैसा खर्च करना पड़ सकता है। अगर आज आप अपने परिचितों पर अपने फ़ैसले थोपने की कोशिश करेंगे, तो आप अपने हितों को ही नुक़सान पहुँचाएंगे। हालात का सामना धैर्य से करना ही अच्छे परिणाम दे सकता है। अपने साथी को भावनात्मक तौर पर ब्लैकमेल करने से बचें। किसी लघु या मध्यावधि पाठ्यक्रम में दाखिला लेकर अपनी तकनीकी क्षमताओं में निखार लाएँ। आज आपके पास लोगों से मिलने-जुलने का और अपने शौक़ पूरे करने का पर्याप्त खाली वक़्त है। जीवनसाथी की वजह से आपको अनमने ढंग से बाहर जाना पड़ सकता है, जो बाद में आपकी झल्लाहट की वजह बनेगा।
मकर- (भो जा जी खी खू खे खो गा गी)
अपने जीवनसाथी के मामले में ग़ैर-ज़रूरी टांग अड़ाने से बचें। अपने काम-से-काम रखना बेहतर रहेगा। कम-से-कम दख़ल दें, नहीं तो इससे निर्भरता बढ़ सकती है। आज अगर आप दूसरों की बात मानकर निवेश करेंगे, तो आर्थिक नुक़सान तक़रीबन पक्का है। शाम का ज़्यादातर समय मेहमानों के साथ गुज़रेगा। आज सेमिनार और गोष्ठियों में हिस्सा लेकर आप कई नए विचार पा सकते हैं। आज अपने लिए वक्त निकालकर अपने जीवनसाथी के साथ आप कहीं घूमने जा सकते हैं। हालांकि इस दौरान आप दोनों के बीच थोड़ी बहुत कहासुनी हो सकती है। कोई व्यक्ति आपके जीवनसाथी में काफ़ी दिलचस्पी दिखा सकता है, लेकिन दिन के आख़िर तक आपको एहसास होगा कि इसमें कुछ ग़लत नहीं है।
कुंभ- (गू गे गो सा सी सू से सो द)
आज आपका स्वास्थ्य अच्छा रहने की पूरी उम्मीद है। अपने अच्छे स्वास्थ्य के चलते आज आप अपने दोस्तों के साथ खेलने का प्लान बना सकते हैं। आज यदि आप अपने दोस्तों के साथ कहीं घूमने जा रहे हैं तो पैसा सोच समझकर खर्च करें। धन हानि हो सकती है। अपने दोस्तों और परिवार के सहयोग के चलते आप नए आत्मविश्वास और रोमांच से भरपूर रहेंगे। आज रोमांस आपके दिलो-दिमाग़ पर छाया रहेगा। बेहतर कामकाज के चलते आपको तारीफ़ मिल सकती है। अगर आपको लगता है कि कुछ लोगों की संगति करना आपके लिए ठीक नहीं है और उनके साथ रहकर आपका समय बर्बाद होता है तो उनका साथ आपको छोड़ देना चाहिए।
मीन- (दी दू थ झ ञ दे दो च ची)
आज आउटडोर के खेल आपको आकर्षित करेंगे- ध्यान और योग आपको फ़ायदा पहुँचाएंगे। अपने धन का संचय कैसे करना है यह हुनर आज आप सीख सकते हैं और इस हुनर को सीख कर आप अपना धन बचा सकते हैं। आपका जीवनसाथी आपकी सहायता करेगा और मददगार साबित होगा। थोड़ी कोशिश और करें। आज भाग्य आपका साथ ज़रूर देगा, क्योंकि यह आपका दिन है। आज आप अतिरिक्त ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ले सकते हैं, जो आपके लिए ज़्यादा आय और प्रतिष्ठा का सबब साबित होगी। इस राशि के उम्रदराज जातक आज के दिन अपने पुराने मित्रों से खाली समय में मिलने जा सकते हैं। जब आपका जीवनसाथी जब सारे मनमुटाव भुलाकर प्यार के साथ आपके पास फिर आएगा, तो जीवन और भी सुन्दर लगेगा।
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