रिपोर्टर इंद्रजीत स्थान कालावाली
जिला सिरसा
हरियाणा सरकार के सीड्स व पेस्टिसाइड्स एक्ट 2025 पर लागू नियमों के विरोध में आज से बीज उत्पादक, पेस्टिसाइड्स निर्माता व विक्रेताओं 7 दिन की हड़ताल पर चले गए
हरियाणा सरकार के सीड्स व पेस्टिसाइड्स एक्ट 2025 पर लागू नियमों के विरोध में आज से बीज उत्पादक, पेस्टिसाइड्स निर्माता व विक्रेताओं 7 दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। अब 7 दिन तक प्रदेश में कोई भी खाद और बीज की बिक्री नहीं होगी। जिसके चलते किसानों को परेशानी उठानी पड़ सकती हैं। सरकार के अनुसार यह कानून किसानों को नकली बीज और कीटनाशकों से बचाने के लिए बनाया गया है। कानून कीटनाशकों के गलत इस्तेमाल को रोकने में भी मदद करेगा। नए बीज अधिनियम के अनुसार अगर कोई बीज और कीटनाशक निर्माता कंपनी पहली बार दोषी पाई गई तो दो साल तक कैद और तीन लाख तक जुर्माना होगा। यदि कंपनी दोबारा दोषी मिली तो यह तीन साल तक सजा और पांच लाख रुपये तक जुर्माना होगा। वहीं, डीलर को एक साल तक सजा और 50 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। दोबारा पकड़े जाने पर दो साल तक कैद और दो लाख रुपये तक जुर्माना होगा। पहले यह जुर्माना मात्र 500 रुपये था और दोबारा पकड़े जाने पर छह महीने की जेल
या एक हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान था। इस वजह से दोषी इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते थे। अब अब खाद, बीज एवं कीटनाशक सैंपल सब डिवीजन पाए जाते हैं तो नॉन बेलेबल वारंट होगा।
सीड पेस्टिसाइड डीलर्स एसोसिएशन के प्रधान सोम नाथ शर्मा ने बताया कि बीज में किसी प्रकार की कोई खामियां होती है, तो वह प्रोड्यूसर का काम होता है। डीलर सिर्फ किसान और प्रोड्यूसर के बीच की कड़ी होता है। अब अगर ऐसे में किसीभी प्रकार की खामियां पाई जाती है, तो डीलर को दंड भुगतना पड़ेगा। इसी के विरोध में प्रदेश स्तर पर सात दिन की हड़ताल का आह्वान किया गया है, लेकिन सिरसा जिला में आज सांकेतिक हड़ताल की गई है, क्योंकि सिरसा जिला की कई मजबूरियां हैं। सिरसा जिला पंजाब व राजस्थान बॉर्डर से सटा जिला है। अगर हम यहां ज्यादा दिन तक बंद रखते हैं तो इससे हमारी सेल प्रभावित होती है। इसका फायदा पंजाब व राजस्थान को होगा।
नए कानून को पूरी तरह से खत्म करे सरकार
बीज व पेस्टीसाइड विक्रेता सतपाल गोदारा का कहना है कि नए कानून में अर्थदंड एवं कारावास के प्रावधान कड़े किए गए हैं। ये कानून को बीज उत्पादक, विक्रेता एवं कीटनाशक निर्माता और विक्रेताओं की आपत्तियां सुने बिना पास किया गया है। जो गुणवत्ता और प्रमाणीकरण में श्रेष्ठ होता है। निर्दोष विक्रेता के लिए गैर जमानती और संज्ञेय अपराध की श्रेणी व पुलिस हस्तक्षेप चिंता का विषय है। जो गलत काम करते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन निर्दोष को सजा मिले, ये सही नहीं है। इसलिए प्रदेश सरकार से नए एक्ट को पूरी तरह से खत्म करने की मांग है।इस मौके पर विकी गोयल, राम गोयल, राजेन्द्र शर्मा, गुरजंट ढिललो, गुलाब सिंगला, अमनदीप, अमित, व अन्य डीलर उपस्थित थे