संवाददाता सुधीर गोखले
सांगली जिले से
अब प्रत्येक दिंडी को आषाढ़ी वारी के लिए बीस हजार राज्य सरकार का अनुदान मिलेगा; जिसमें जिले के 800 दिंडी शामिल हैं
आषाढ़ी एकादशी कहा जाये तो पंढरपुर के श्री विट्ठल जी के दर्शन के लिए हर भक्त लालायित रहता है। हर साल आषाढी के वारी मे सहयोग देने महाराष्ट्र और कर्नाटक से हजारों श्रद्धालु पैदल पंढरपुर के लिए रवाना होते हैं। गरीबों के देवता के रूप में जाना जाने वाला पंढरपुर एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है और वहा के श्री विठ्ठल रुक्मिणी के दर्शन दूध शर्करा योग माना गया है । इस साल आषाढ़ी वारी वारकरी यो के लिए खास रहने वाली है। इस वर्ष की आषाढी वारी के लिए प्रत्येक वारकरी कि दिंडी को बीस हजार रुपये की मदद के तोर पर दिये जाएगे । साथ ही, वारकरी साहित्य परिषद और सामाजिक वनीकरण विभाग के सहयोग से दिंडियों में भाग लेने वाले वारकरियों को 2000 उपयोगी बैग वितरित किए जाएंगे और प्रकृति संरक्षण के उद्देश्य से लगभग 2.5 लाख उपयोगी पौधों के बीज भी वितरित किए जाएंगे। मीडिया को जनकारी देते हुवे वारकरी साहित्य परिषदेचे अध्यक्ष विठ्ठल पाटील जी ने यह बात कही है ।