राजीव कुमार सिन्हा
समस्तीपुर
समस्तीपुर: कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन, जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन अलायंस, बचपन बचाओ आंदोलन और बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की सहयोगी संस्था जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र के सचिव सुरेन्द्र कुमार ने बताया
कि अक्षय तृतीया के मौके होंने वाले बाल विवाह को रोकनें हेतु 1 मई, 2024 से 10 मई, 2024 तक चले महाअभियान के दौरान थानेश्वर मंदिर, खाटूश्यामजी मंदिर, कालीपीठ, गायत्री मंदिर, विद्यापति धाम, खुदनेश्वर मंदिर परिसर में होंने वाले बाल विवाह पर व्यापक चौकसी की वजह से तथा स्थानीय पुलिस प्रशासन, चाइल्ड हेल्पलाइन के सहयोग से 140 से ज्यादा नाबालिग किशोरियों का बाल विवाह होंने से बचाया गया तथा समस्तीपुर जिला के 200 गांवों में जन जागरूकता अभियान चलाकर बच्चों के माता – पिता को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत करा कर उनसे अंडरटेकिंग शपथपत्र भरवाया गया।
सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि यदि हमारे देश को बाल विवाह से मुक्त करना है तो इसके लिए आवश्यक है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने वाला विद्यालय हो तथा सभी बच्चे स्कूल में नियमित हों और 18 साल आयु तक के बच्चे को नि: शुल्क और अनिवार्य शिक्षा की समुचित व्यवस्था हो। इस दौरान जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र के कम्यूनिटी सोशल वर्कर्स को जिला के विभिन्न मंदिरों में पंडित पुजारियों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। बाल विवाह होंने से रोकनें के कारण मंदिर के कर्मचारी उग्र हो गए। फिर भी साथियों के कठिन परिश्रम से अक्षय तृतीया पर आए हुए श्रद्धालुओं को बाल विवाह निषेध हेतु शपथ दिलाया गया। अक्षय तृतीया के मौके पर पारम्परिक रूप से बाल विवाह का प्रचलन है। सभी जानते हैं कि बाल विवाह एक सामाजिक- सांस्कृतिक बुराई है, जो हमारे बच्चों के सार्वभौमिक अधिकारों का हनन करता है, ऐसा करना हमारे संविधान की अवमानना भी है।