पत्रकार सुरक्षा कानून : ये राह नहीं आसान, बस इतना समझ लीजिए… फरवरी बजट सत्र में जारी हो सकता है पत्रकार सुरक्षा कानून??…
संवाददाता सूरज यादव
छत्तीसगढ़। पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं, विशेषकर हाल ही में बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद। इस घटना ने राज्य में पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को और अधिक प्रबल कर दिया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस संदर्भ में आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार पत्रकारों के साथ खड़ी है और जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून लाने जा रही है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने एक दिवसीय राजनांदगांव के दौरे के दौरान कहा कि* जब सीएम विष्णुदेव साय ने पत्रकार सुरक्षा कानून के संबंध में बात कह दी है तो जल्द ही पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कानून बनाया जाएगा, अभी बजट सत्र में भी ला सकते हैं क्योंकि फरवरी से बजट सत्र होने वाला है।
नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने भी इस मुद्दे पर जोर देते हुए कहा है कि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की प्रमुख जिम्मेदारी होनी चाहिए। उन्होंने विधानसभा में पत्रकार सुरक्षा कानून प्रस्तुत करने की अपील की है, ताकि पत्रकार बिना किसी दबाव या खतरे के अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें। वर्तमान में, पत्रकार सुरक्षा कानून का मसौदा तैयार है, लेकिन इसे लागू करने की प्रक्रिया में देरी हो रही है। इस बीच, पत्रकार संगठनों द्वारा सरकार पर दबाव बढ़ाया जा रहा है कि वे इस कानून को शीघ्र लागू करें, ताकि पत्रकारों को सुरक्षित कार्य वातावरण मिल सके। यह महत्वपूर्ण है कि सरकार पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए और पत्रकार सुरक्षा कानून को शीघ्र लागू करे, ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता को प्रोत्साहन मिल सके।