सवांददाता मीडिया प्रभारी मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ
यदि आप बार बार किसी बीमारी से पीड़ित होते है तो इसका कारण आपका इम्यून सिस्टम हो सकता है। आइए जानते है cold sores के लक्षण कोल्ड सोर्स एक सामान्य वायरल संक्रमण है जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। यह छाले आपके मुँह के विभिन्न हिस्सों में उत्पन्न हो सकते हैं,लेकिन सामान्यतः ये होंठों के चारों ओर दिखाई देते हैं। ये छाले छोटे होते हैं और इनमें तरल पदार्थ भरा होता है। यह छाले किसिंग और अन्य संपर्क के माध्यम से फैलते हैं। इसलिए, यदि किसी अन्य व्यक्ति को ऐसे छाले हैं, तो आपको उनसे दूरी बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस आमतौर पर इनका कारण होता है,लेकिन कुछ अन्य वायरस भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
कोल्ड सोर्स वायरस के लक्षण :-
खुजली या गुदगुदी-कई व्यक्तियों को छाले के चारों ओर जलन का अनुभव होता है, और इसके साथ ही कुछ अन्य लक्षण जैसे गुदगुदी या खुजली भी हो सकती है। यह स्थिति छाले (Cold Sores) के पूरी तरह से विकसित होने से एक दिन पहले तक बनी रह सकती है।
घाव का होना:- छाले (Cold Sores) के फूटने के कुछ दिनों बाद आपको घाव हो सकता है,जो कई दिनों तक बना रह सकता है। ये कुछ सामान्य लक्षण हैं जो दो से तीन हफ्तों के भीतर अपने आप ठीक हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त,बुखार,मसूड़ों में दर्द, सिरदर्द और गले में दर्द जैसे लक्षण भी अनुभव किए जा सकते हैं।
क्या छाले होने का कारण:-यह संक्रमण किसी वायरस के प्रभाव से उत्पन्न हो सकता है। सामान्यतः यह हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस, जिसे HSV 1 या HSV 2 के नाम से जाना जाता है,के कारण होता है। यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आते हैं या उनके बर्तनों का उपयोग करते हैं,तो यह वायरस आपको भी संक्रमित कर सकता है।
कैसे बचा जाए :-
संक्रमित व्यक्ति को किस करने से बचें : अगर किसी व्यक्ति को यह वायरस है, तो आपको उनके पास जाने से परहेज करना चाहिए और संक्रमित व्यक्ति को चूमने से भी बचना चाहिए।
दूसरों के बर्तनों को हाथ न लगाएं : कई बार यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के हाथों के माध्यम से उनके बर्तनों में स्थानांतरित हो जाता है,और यदि आप उन बर्तनों में भोजन करते हैं,तो आप भी संक्रमित हो सकते हैं।
अपने हाथों को स्वच्छ रखें : आपको नियमित रूप से अपने हाथों को धोते रहना चाहिए।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।