दरभंगा आकाशवाणी के मैथिली उद्घोषक और गाम घर व फुलवारी जैसे मैथिली कार्यक्रमों की आवाज इंद्रा नंद सिंह झा उर्फ खुरखुर भाई का देहावसान गत 12 अक्टूबर विजयादशमी को उनके पैतृक गांव मनीगाछी प्रखंड के चनौर में हो गया। आजादी के वर्ष 1947 में 30 अक्टूबर को जन्में 77 वर्षीय खुरखुर भाई विगत करीब 6 माह से अस्वस्थ चल रहे थे। गत एक सप्ताह से दरभंगा के आर.बी. मेमोरियल अस्पताल में ईलाजरत खुरखुर भाई के परिजनों को चिकित्सकों ने गत 11 अक्टूबर घर ले जाने की सलाह दी। वहां से घर पहुंचते ही 12 अक्टूबर की अहले सुबह इनका देहावसान हो गया। प्रारंभ से ही प्रतिभा के धनी खुरखुर भाई मधुबनी जिला के सरिसब पाही गांव स्थित लक्ष्मीश्वर एकेडमी से मैट्रिक तथा सीएम कॉलेज से आई एस सी के बाद मैथिली में स्नातक की डिग्री हासिल कर पटना से मैथिली भाषा में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की और वर्ष 1975 में आकाशवाणी, पटना में कैजुअल हिंदी के उद्घोषक तथा मैथिली कंपेयर पद पर सेवा की शुरूआत कर 36 वर्षों से अधिक की निरंतर सेवा करते हुए दरभंगा आकाशवाणी से सेवा निवृत्त हुए थे। पटना आकाशवाणी में ‘चौपाल’ एवं ‘ खेती गृहस्थी’ कार्यक्रम तथा आकाशवाणी दरभंगा से ‘गाम-घर’ तथा ‘फुलवारी’ कार्यक्रम इनके बहुत रोचक तथा मनोरञ्जक कार्यक्रमों में शामिल हैं। इनके प्रमुख प्रेरणास्रोत इनके अग्रज और आकाशवाणी, पटना के छत्रानन्द सिंह झा बटुकभाई थे। प्रारंभिक जीवन से ही साहित्य एवं नाटक से लगाव रखने वाले खुरखुर भाई की कर्णप्रिय आवाज कार्यक्रमों में विषय वस्तु का उपस्थापन तथा सहज एवं सरस शैली के साथ ही स्वाभाविक अभिव्यञ्जना चिरकाल तक अक्षुण्ण रहेगी। ये अपने पीछे पत्नी, एक पुत्र, दो पुत्रियां सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। 6 भाइयों में बटुक भाई सहित अन्य दो भाइयों की मृत्यु पूर्व में ही हो गई है, जबकि शेष तीन भाई विभिन्न सेवाओं में रहकर सेवा निवृत्त होकर सुखी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इनके निधन पर किरण मैथिली साहित्य शोध संस्थान के सचिव डॉ. सतीरमण झा, मित्र प्रो. भैरवेश्वर झा, डॉ. इन्द्रनाथ झा, आकाशवाणी दरभंगा के मणिकान्त झा, प्रो. केदारनाथ झा, चनौर पंचायत के मुखिया मदन कुमार यादव, सरपंच विजय कुमार यादव आदि ने शोक व्यक्त किया है।