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ओदार में रामलीला मंच का फीता काट कर व दीप जलाकर जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने किया शुभारंभ।

ओदार में रामलीला मंच का फीता काट कर व दीप जलाकर जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने किया शुभारंभ।

ब्यूरो चीफ, सत्यम कुमार उपाध्याय

कैमूर। खबर कैमूर जिला के भभुआ प्रखंड क्षेत्र के ओदार में गुरुवार की देर शाम रामलीला मंच का शुभारंभ जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने किया। इस दौरान पंडित अमन पाठक व मंटू पाठक के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण कर भगवान गणेश व माता सरस्वती की स्तुति की गई। वही मंत्रोच्चारण के साथ ही जिप सदस्य विकास ने दीप जलाकर तथा फीता काट कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। जय श्री राम के गगनभेदी उद्घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में जिप सदस्य प्रदीप गुप्ता, पैक्स अध्यक्ष संजय जायसवाल, पंचायत के मुखिया संतोष सिंह, रामलीला समिति के अध्यक्ष विपिन यादव, कुंदन यादव, व्यवस्थापक अमरनाथ मिश्रा, उपाध्यक्ष अरुण सिंह व राजू पाठक, कोषाध्यक्ष रूपेश सिंह व शुभम पाठक, सचिव रोहित यादव व गुड्डू साह, सक्रिय सदस्य संटी जायसवाल आदि मंचासिन रहे। मंच के दौरान नारद मोह की कथा ,नारद द्वारा भगवान विष्णु को श्राप देने की प्रस्तुति दी गई। मंच का संचालन विकास पाण्डेय के द्वारा किया गया। आपको बताते चलें कि रामलीला प्रेमियों को संबोधित करते हुए जिप सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने कहा कि भगवान श्रीरामचंद्र जी के चरित्र को अंत: करण में धारण करने से प्राणी मात्र का उद्धार होता है। आज लोगों को भगवान श्री रामचंद्र जी के चरित्र को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने मर्यादा,

करुणा, दया, सत्य, सदाचार और धर्म के मार्ग पर चलते हुए राज किया। इस कारण उन्हें आदर्श पुरुष और मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है। भगवान राम में अनेक गुण हैं, जोकि हर व्यक्ति में जरूर होना चाहिए। उन्होंने बताया कि भगवान राम के कई मित्र थे। केवट, सुग्रीव, निषादराज और विभीषण सभी के साथ भगवान राम एक जैसा मित्रता का भाव रखते थे। मित्रों के लिए राम जी ने कई बार स्वयं संकट भी उठाए। भगवान राम की तरह मित्रता निभाने का गुण हर किसी में होना चाहिए। अगर आप सभी पर कोई संकट आ जाए तो यह आपका भाई लल्लू पटेल दिन हो या रात आपके लिए चौबीसों घंटे सेवा में खड़ा है। इस मौके पर ग्रामीण कलाकारों ने रामलीला में अपने अभिनय से नया आयाम जोड़ा जिससे ग्रामीणों में उत्साह का माहौल है। व्यवस्थापक अमरनाथ मिश्रा ने बताया कि उनके गांव में रामलीला की शुरुआत 1966 से हुई है। गांव समेत तरहनी ,अकोढ़ी व तमाढ़ी के सैकड़ों ग्रामीण रामलीला देखने उत्सुकता के साथ आते हैं।

ब्यूरो चीफ, सत्यम कुमार उपाध्याय
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