• नवरात्र में शिव के धाम में शक्ति की उपासना, काशी विश्वनाथ मंदिर में नौ दिनों तक होंगे विविध धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन…
वाराणसी : नवरात्र के दौरान बाबा विश्वनाथ का धाम शक्ति के ओज से दमकेगा। नवरात्र के नौ दिनों तक श्री काशी विश्वनाथ धाम में कलश स्थापना, दुर्गा सप्तशती पाठ, हवन-पूजन के साथ ही सायंकाल सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। इस दौरान रामलीला का भी मंचन किया जाएगा। वहीं शक्तिपीठों में माता के सोलह श्रृंगार की सामग्री, चुनरी और प्रसाद भेंट किया जाएगा। नवरात्र के पहले दिन 3 अक्टूबर तो प्रातःकाल 5 शास्त्रीगण द्वारा मंदिर प्रांगण में कलश स्थापना की जाएगी। वहीं सायंकाल भजन, बनारसी लोकगीत पचरा का आयोजन किया जाएगा। इसी प्रकार नवरात्र के दूसरे दिन मंदिर चौक स्थित सांस्कृतिक मंच पर रामलीला में धनुष यज्ञ का मंचन होगा। तीसरे दिन रावण वध का मंचन, चौथे दिन बंगाली लोक नृत्य धनूची की प्रस्तुति होगी।
नवरात्रि पंचमी के दिन ललिता सहस्रनाम स्तोत्र, 51 शक्तिपीठों को प्रतिबिंबित करती 51 मातृशक्तियों द्वारा की जाएगी। षष्ठी तिथि को महिषामर्दिनी स्तोत्र नृत्य, सप्तमी देवी माँ का भजन, अष्टमी तिथि को माता के नौ स्वरूपों को दर्शाती 9 कन्याओं द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ और नवमी तिथि को प्रातःकाल: यज्ञ/हवन नीलकंठ मंदिर के समीप यज्ञ कुंड में किया जाएगा। सायंकाल: भजन/नृत्य का आयोजन होगा। वहीं दशमी तिथि को प्रातःकाल मंदिर प्रांगण में सांकेतिक रूप से शस्त्र पूजा, सायंकाल शास्त्रीय युद्ध कला का प्रदर्शन होगा। इस दौरान पांच शास्त्रियों द्वारा नौ दिन दुर्गा सप्तशती का नियमित पाठ, माता विशालाक्षी माता को चुनरी, सोलह श्रृंगार व प्रसाद भेंट, नवरात्रि में प्रत्येक दिवस नौ देवियों के अलग-अलग सिद्धपीठों में चुनरी, सोलह श्रृंगार व प्रसाद भेंट किया जाएगा।