सनातन धर्म ध्वजा की वंदना
जयति जयति वैदिक सिद्ध ध्वजा, तेरी उतारूँ आरती
तेरी उतारूँ आरती ध्वज, लहर लहर लहराए
उच्च गगन में भानु की भांति, केसरिया व्योम सजाएं
भगवा मन है भगवा तन है, भगवा आदर्श बनायें
लोहित रोहित मोहित दर्शन, अम्बर क्षितिज संवारता
ले उदित भानु अनल शिखा का, प्रभास भगवा पुकारता
विश्वगुरु प्रगल्भ ज्ञान ज्योति, ऋषि मुनि प्रज्ञ जय भारती
जयति जयति वैदिक सिद्ध ध्वजा, तेरी उतारूँ आरती
रक्ताभ व्योम से अरुणाई, चक्षो सूर्य जायते कह
विश्व अंतरात्मा दृष्टा रवि, ध्वज शोभित श्रेष्ठ अनुग्रह
आर्यभूमि की गौरव गाथा, सर्वत्र ध्वजा पखारती
जयति जयति वैदिक सिद्ध ध्वजा, तेरी उतारूँ आरती
लक्षित व्योम होम रक्षित नत, आदेशित स्वस्ति कामना
आदित्य मध्य स्वस्तिक मंडित, सर्वभौम सा महामना
विश्व शांति आरोग्य साधना, चिदाकाश ब्रह्म धारती
जयति जयति वैदिक सिद्ध ध्वजा, तेरी उतारूँ आरती
पावन ऋचाएँ कर समाहित, पवन वेग सा लहराए
सत्य सनातन संस्कृति दर्शन, जगत को प्रथम दिखलाए
वैदिक सत्य धर्म ध्वज वन्दन, अध्यात्म प्रज्ञा उतारती
जयति जयति वैदिक सिद्ध ध्वजा, तेरी उतारूँ आरती
– सुरेश चौधरी