कोहारी समेत कई गांवों एवं शहरों में निकली गई ताजिया।
धूम धाम से मनाया गया मोहर्रम का त्योहार।
कैमूर। जिलाधिकारी कैमूर सावन कुमार एवं पुलिस अधीक्षक ललित मोहन शर्मा के निर्देशन पर हुसैन के शहादत के याद में मोहर्रम त्यौहार शांतिपूर्वक मनाने हेतु पुख्ता व्यवस्था के साथ बड़ी ताजिया निकाला गया। वही थाना अध्यक्ष भभुआ रामकल्याण यादव अपने दलबल के साथ प्रखंड क्षेत्र के कोहारी, कूड़ासन, मनिहारी,आदि गांवों का परिभ्रमण कर शांति व्यवस्था कायम रहे के लिए कहा। वहीं असरफ अली का कहना है की मोहर्रम इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का एक प्रमुख त्यौहार है। इस माह की बहुत विशेषता और महत्व है। सन 680 ईस्वी में इसी माह में कर्बला नामक स्थान में एक धर्म युद्ध हुआ था, जो पैगंबर हजरत मोहम्मद के नाती तथा इब्न ज्याद के बीच हुआ। इस धर्म युद्ध में वास्तविक जीत हजरत इमाम हुसैन की हुई। इस्लाम के मुताबिक यह महीना त्याग और बलिदान की याद दिलाता है। मोहर्रम बकरीद के 30 दिन बाद मनाया जाता है, मोहर्रम के दिन हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी, इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग इस महीने हुसैन को याद करते हुए मातम मनाते हैं। वहीं विटामिन अंसारी ने बताया कि इसी महीने में इस्लाम के आखिरी नबी हजरत मोहम्मद सब के नवासे इमाम हुसैन ने इराक स्थित कर्बला में हक और सत्य की खातिर अपनी शहादत दी थी, उनका रौजा यानी दरगाह कर्बला में है, हर साल 10 मोहरम को उनके रोजा के प्रतीक के रूप में ताजिए बनाकर उनकी शहादत को याद किया जाता है। साथ ही बताया कि मेरे गांव कोहारी में हिंदू मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग मिल्लत भाव से भाईचारे के साथ एक दूसरे के पर्व त्यौहार में सहयोग करते हैं। वहीं मौके पर इस्लामुद्दीन अंसारी, राशिद जावेद, मेराज अली, सद्दाम हुसैन, मास्टर जुनैद अख्तर समेत सैकड़ो संख्या में लोगों ने इस त्यौहार को धूम धाम से मनाया।
ब्यूरो चीफ, सत्यम कुमार उपाध्याय
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