सत्यम कुमार आर्य पश्चिमी चंपारण बिहार सत्यार्थ न्यूज
हम बड़े चीनी समुद्री जहाज़ों को नज़दीक आते देख पा रहे थे. उस जहाज़ पर सवार क्रू के चेहरे साफ़ दिख रहे थे. उनमें से दो लोग हमारा वीडियो बना रहे थे. हम भी वही कर रहे थे.
बीबीसी की टीम मंगलवार को फ़िलीपींस के कोस्ट गार्ड के जहाज़ बीआरपी बागाके पर सवार थी. उसी समय एक चीनी जहाज़ हम से रूबरू हुआ.
फ़िलीपींस के जहाज़ के क्रू सदस्यों ने दोनों जहाज़ों के टकराने का अंदेशा देखते हुए एक पीला बैरियर भी पानी में लटका दिया था.
लेकिन तभी चीनी जहाज़ पलटा और कोस्ट गार्ड के जहाज़ के सामने आ गया. इस वजह से फ़िलीपींस के जहाज़ के धीमा होना पड़ा. दोनों जहाज़ एक दूसरे से महज़ पांच मीटर की दूरी पर थे.चीनी कोस्ट गार्ड कई जहाज़ कर रहे थे.
फिलीपींस कोस्ट गार्ड के प्रवक्ता जय टेरियेला कहते हैं, “चीन की सरकार हमेशा कहती रही है कि वेस्ट फ़िलीपींस सी में एक लक्ष्मण रेखा है.”
फ़िलीपींस साउथ चाइना सी को वेस्ट फ़िलीपींस सी ही बोलता है.
वे कहते हैं, “चीन का कहना है कि हम उस टापू से 12 नॉटिकल मील की सीमा पार नहीं कर सकते. लेकिन ये साबित करने के लिए की चीन अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान नहीं करता, हम ये लक्ष्मण रेखा लांघ चुके हैं.”
बीबीसी की टीम जिस जहाज़ पर थी उसका आधिकारिक मकसद मछुआरों को ईंधन और भोजन पहुँचाना था. ये मछुआरे दशकों से स्कारबोरो में मछलियां पकड़ते रहे हैं लेकिन वे साल 2012 के चीनी कोस्ट गार्ड द्वारा तंग किए जाने की शिकायतें करते रहे हैं.
इस मिशन का मक़सद ये भी था कि फ़िलीपींस इस मूंगे से बने टापू पर अपना दावा बरक़रार रखे. ये इलाका फ़िलीपींस के इक्सक्लूसिव इकोनॉमिक ज़ोन के अंतर्गत आता है और चीन के बजाय ये फ़िलीपींस के अधिक नज़दीक है.
साल 2016 में एक अंतरराष्ट्रीय अदालत ने अपने फ़ैसले में कहा था कि साउथ चाइना सी के इन इलाक़ों पर चीन का दावा अवैध है. लेकिन चीन का कहना है कि वो इस आदेश का स्वीकार नहीं करता है


















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