धनकुवारी पम्प नहर योजना भ्रष्टाचार की चढ़ी भेंट
सोनभद्र /सत्यनारायण मौर्या /संतेश्वर सिंह
Mo 9580757830
सोनभद्र के विकास खण्ड नगवां से गुजर ने वाली कर्मनाशा नदी में आठ वर्ष पुर्व में पम्प के माध्यम से नहर का निर्माण किया गया जिससे उस क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके नहर की लम्बाई लगभग चार किलोमीटर थी जिसकी लागत कई करोड़ रुपया बचाई जा रही है आठ वर्ष बीतने के उस नहर में दीवार पर खड़जा और नहर के सतह पर सी सी बनाई जा रही जोकि पुरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं बालू के जगह भस्सी का प्रयोग किया जा रहा जो एक तरफ से बनता जा रहा है तो दुसरी तरफ से फटता जा रहा है दीवार फटने से पानी का रिसाव होते होते नहर टुट जाएगी और फिर आगे वाले किसानों को पानी नहीं मिल पाएगा
धनकुवारी पम्प नहर योजना कर्म नासा नदी के तट पे नाव के सहारे पम्प बैठाकर सोनभद्र और चन्दौली के बॉर्डर से होते हुए कुबरा डीह गांव से बाहर तक नहर का निर्माण किया गया सरकार द्वारा नहर सुदृढ़ तरीके से चलाने हेतु उसमें दीवार पर खड़ंजा और सी सी के लिए करोड़ों रुपया खर्च किया जा रहा जिससे सोनभद्र और चन्दौली। के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलाकर सके
लेकिन उस परियोजना में नामित अधिकारी और ठेकेदार द्वारा सरकारी धन को बंदरबांट करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं धनकुवारी कला के किसान राजेश पति शीतल प्रसाद ने बताया इस सरकार में भी अधिकारी और ठेकेदार मिल कर भ्रष्टाचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं जिस तरह से नहर में निर्माण कार्य किया जा रहा है उस हिसाब से एक भी बरसात का पानी नहीं जेल पाएगा फिर उसी तरीके से नहर जगह जगह टूटने लगेगी और सरकार का पैसा उसी पानी में बह जाएगा ग्रामीण के द्वारा वहां पर कार्य कराने वालों से खराब मसाला के बारे कहा जाता है तो ठेकेदार द्वारा अपशब्दों का प्रयोग करते हुए जहां जाना हो वहां जा सकते हैं हम सभी इसी तरीके से कार्य कराएंगे
नगीना हरिजन अजय तिवारी ने बताया की सोनभद्र जिला और चन्दौली जिला का बार होने के नाते कोई भी जिम्मेदार अधिकारी देखने तक नहीं आते जिसके वजह से ठीकेदारों का रामराज्य रहता है उस क्षेत्र के किसानों का मानना है कि जिसके क्षेत्र में जितनी एरिया जिस जिले में पड़ती हो वहां के जिला धिकारी महोदय तत्काल भ्रष्टाचार करने वाले कर्मचारि व ठेकेदार के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लग सके और हम किसानों के खेत को पानी मिल सके।