सत्यार्थ न्यूज़ शाहपुरा भीलवाड़ा
ब्यूरो चीफ गोपाल आचार्य
इनामी उपहार योजना ठगी मामले में कोई कार्रवाई नहीं,
पुलिस ने की लीपा पोती हाई कोर्ट ने दिए जांच के आदेश_
भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा ब्लाक के फुलिया थाना क्षेत्र मश में एक डेढ़ साल पूर्व इनामी कूपन योजना के नाम पर टिकट बेचने एवं एवं इनाम नहीं देकर लोगों के साथ ठगी करने का मामला सामने आया है।
राजसमंद जिले के रेलमगरा थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने इस मामले को लेकर फुलिया थाने में अच्छा लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और इनामी चित फंड एम धन परिचालन स्कीम अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन पुलिस ने 1 साल बाद भी कार्रवाही नहीं की। परिवादी मुन्ना शाह ने बताया कि फोरी कार्रवाई करके मामले में लीपापोती की गई।
बाद में मजबूर होकर परिवादी ने जोधपुर हाई कोर्ट में पिटीशन दायर की। जिस पर हाई कोर्ट ने भीलवाड़ा एसपी को जांच अधिकारी से जल्दी से जल्द निष्पक्ष अनुसंधान कर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
रेलमगरा क्षेत्र के जगपुरा निवासी मुन्ना शाह पुत्र खाजू शाह ने जोधपुर हाई कोर्ट में राज्य सरकार जारी पी शाहपुरा एसपी और फुलिया कला एस एच ओ के खिलाफ पिटीशन दायर की। इसमें मुन्ना शाह ने बताया कि उसने फुलिया कला थाने में 6 लोगों हेमराज गुर्जर, नारायण गुर्जर, प्रभु लाल गुर्जर, श्रवण गुर्जर, महेंद्र गुर्जर और दीपक माली के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई। जिसके अनुसार इन लोगों ने जय मांडल देवनारायण बीसी उपहार योजना रूपपुरा के नाम से योजना चलाई थी। जिसके टिकट की कीमत 551 रुपए में एक लाख उपहार देने का प्रचार प्रसार किया था। 551 का कूपन मुन्ना सर ने स्वयं के नाम पर खरीदा दूसरा कूपन ऑनलाइन छोटू शाह पुत्र रिहान शाह के नाम सेखरीदा।
इसमें बड़े-बड़े उपहार ट्रेलर, जेसीबी, फॉर्च्यूनर, जैसे बड़े उपहार देने की घोषणा की थी। इनाम24 फरवरी 2024 को खुलने की तारीख बता रखी थी। इस तारीख को कोई ड्रॉ नहीं खोला गया।
इसके बावजूद24 फरवरी 2024 को उन्होंने एक बनावटी मैसेज मोबाइल पर भेजा कि आपके खाते में ₹32000 जमा कर दिए हैं। जबकि मेरे खाते में कोई राशि जमा नहीं कराई गई।
इसकी शिकायत हेतु परिवादी तीन-चार बार थाना अधिकारी से मिला लेकिन उन्होंने बताया की कार्रवाई जारी है। बाद में 25 जून 2024 को एसएचओ देवराज सिंह ने बताया की एक-दो दिन में कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
महज खानापूर्ति कर उचित कार्रवाई नहीं होने की वजह से कठोर कार्रवाई नहीं हो पाई।
बाद में मुन्ना शाह ने हाई कोर्ट की शरण ली। जहां पर हाई कोर्ट ने भीलवाड़ा एसपी को जांच के आदेश दिए हैं।