उचित मुआवजा को लेकर कैमूर के किसानों ने एनएचआई का फूंका पुतला
भारत माला परियोजना एक्सप्रेसवे व एनएचआई 219 की उचित मुआवजा देने की कर रहे हैं मांग
कैमूर/बिहार
ब्यूरो चीफ, सत्यम कुमार उपाध्याय
इस वक्त कैमूर से बड़ी खबर सामने निकल कर आ रही है। जहां किसानों का आरोप है कि एनएचएआई के अधिकारी बिहार सरकार के भू अर्जन पदाधिकारी से मिलीभगत कर किसानों की किमती एवं बहु फसली जमीन अधिग्रहण कर रही है। वही किसानों ने भारत माला परियोजना एक्सप्रेस-वे एवं एन एच 219 बाईपास एवं चौड़ी करण में किसानों को कम मुआवजा मिलने के कारण एनएचएआई को जिम्मेदार मान रही है। वही कैमूर जिले के किसानों ने जिले में एनएचएआई के सभी प्रोजेक्ट रोकने का आह्वान किया है। वही एनएचएआई के किसान विरोधी रैवया से आक्रोशित 10 हजार किसानों ने 93 गांव के सामने धरना स्थल पर रविवार के दिन एनएचएआई का पुतला दहन किया। वही कई गांवों में किसानों ने एनएचएआई के डायरेक्टर रंजीत वर्मा के पुतला दहन किया। मिली जानकारी के अनुसार आपको बताते हुए चलें कि पुतला दहन करते हुए किसानों ने एनएचएआई एवं बिहार सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। वही किसानों ने एनएचएआई मुर्दाबाद बिहार सरकार मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। भारत माला परियोजना बनारस रांची टु कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण एवं एन एच 219 बाईपास एवं चौरी करण के लिए अधिग्रहित भूमि की मुआवजा की मांग कर रहे किसानों ने लगातार एक साल 4 दिन से पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड कंपनी के बेस कैंप स्थल मसोई में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हुए हैं। वही भूमि अधिग्रहण में किसानों को बाजार मूल्य से बहुत कम मुआवजा दिया जा रहा है। जिसको किसान उचित मुआवजा की मांग को लेकर पिछले ढाई साल से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों ने बिहार सरकार के उपेक्षित रैयवे से परेशान होकर आंदोलन उग्र कर दिया है। कैमूर जिले में भूमि अधिग्रहण से प्रभावित हजारों किसानों ने संकल्प लिया 1 करोड़ 28 लाख रुपए प्रति एकड़ कृषि भूमि का मुआवजा कम कबुल नहीं है। किसानों ने कहा बिना उचित मुआवजा मिले कैमूर जिले में एक इंच एक्सप्रेस-वे या सड़क निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। जानकारी देते हुए किसान यूनियन संघ के जिला अध्यक्ष विमलेश पाण्डेय ने कहा किसानों के साथ एनएचएआई षड्यंत्र कर जमीन छिनने का काम कर रही है। उन्होंने ने कहा किसानों को कम मुआवजा को देखते हुए एनएचएआई के द्वारा एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य शुरू करने का प्रयास अनुचित है। वही अध्यक्ष ने किसानों से आह्वान किया खेतों में काम करने के लिए एनएचएआई या पीएनसी कंपनी के अधिकारी जाएं तो उन्हें पेड़ों में बांध दिया जाए। पशुपति नाथ सिंह महासचिव अनिल सिंह सचिव किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर ने कहा भूमि अधिग्रहण में मुआवजा को लेकर अर्बिटेटर के द्वारा कैमूर जिले में मुआवजा दुना करने के बाद एनएचएआई के द्वारा मुआवजा की स्वीकृति नहीं देना निंदनीय है। वही उन्होंने ने आगे कहा कि आने वाले समय में कैमूर जिले में किसान आंदोलन तेज किया जाएगा। अभिमन्यु सिंह अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन कैमूर ने कहा कि कैमूर जिले एनएचएआई ने अधिकारियों को प्रलोभन देकर किसानों की किमती एवं बहु फसली जमीन औने पौने कीमत अधिग्रहण करने का षड्यंत्र कर रहा है। उन्होंने ने कहा भारत माला परियोजना एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि का मुआवजा का विवाद हल नहीं हुआ है। उसके बावजूद सिरबिट पंचायत में किसानों की एक हजार एकड़ जमीन अधिग्रहण करने का प्रयास बहुत गलत है। श्री सिंह ने आगे भी कहा कि पुरे देश में एनएचएआई के द्वारा किसानों की जमीन औने पौने कीमत पर अधिग्रहण करने का काम कर रही है। वही अभिमन्यु सिंह ने कहा एनएचएआई के काले कारनामों को उजागर किया जाएगा। उन्होंने ने ये भी कहा कि एनएचएआई किसानों की सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। अध्यक्ष ने 93 मौजा के किसानों से आह्वान किया एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए एनएचएआई या पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड कंपनी के अधिकारी खेतों में जाए तो उनका कड़ा विरोध दर्ज करें। 93 मौजा ठकुरहट बिजरा बसिनी ढेकहरी ओंर्रा गंगापुर पसाईं मईडाढ मसोईं बेतरी सिवों ददरा सिहोरा सहारनपुर ढढनियां गोरहन जगरिया बिउर दुलहरा कुसहां मोरवा गेंहुआ कुरंई भेरी बघैला खैंटी चांद जिगिना सिहोरियां गोंई सहबाजपुर आदि 93 मौजा के प्रभात सिंह, भुपेंद्र सिंह, ठाकुर प्रसाद गोंड, पतियार राम, राजेश पासवान, विजय बिंद, चंद्रीका राम, गुदरी सिंह, लाला सिंह, वकील सिंह, अवधेश सिंह, अमित रंजन सिंह, संजय जायसवाल, भानु प्रताप सिंह, अरविंद सिंह, सुनील सिंह, रामायण सिंह, अरूण पाण्डेय, टुनटुन सिंह, विजय यादव, तिलेश्वर दुबे, इंदु देवी, सत्य सिंह, सहित 10 हजार किसानों ने भाग लिया। वही भारत माला परियोजना बनारस रांची टु कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण एवं एन एच 219 बाईपास एवं चौरी करण में किसानों की 93 मौजा के 10 हजार किसानों की कुल 22 सौ एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई है। वही किसानों को बाजार मूल्य से बहुत कम मुआवजा दिया जा रहा है। जिसको लेकर किसानों के द्वारा उचित मुआवजा की मांग के लिए लगातार आंदोलन किया जा रहा है। आंदोलन का नेतृत्व किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर एवं भारतीय किसान यूनियन कैमूर के द्वारा किया जा रहा है।