अंकित वर्मा जिला ब्यूरो चीफ
लखीमपुर खीरी
गोला गोकर्णनाथ – गन्ने के खेतों में बाघों का डेरा, ग्रामीणों में खौफ, ड्रोन से कराई जा रही निगरानी,
लखीमपुर खीरी में इन दिनों मोहम्मदी-महेशपुर रेंज के कई गांवों में बाघ की दहाड़ सुनी जा रही है। हमले में कई लोग घायल हो चुके हैं। एक सप्ताह पहले इमलिया गांव निवासी युवक की जान भी बाघ के हमले में जा चुकी है। मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं रोकने को वन विभाग कवायद में जुटा है। बाघों के आबादी में आने और हमलावर होने की बड़ी वजह बाढ़ बताई जा रही है। प्रभावित इलाकों में ड्रोन से निगरानी कराई जा रही है। पिंजरे भी लगाए गए हैं, लेकिन अब तक बाघ पकड़ में नहीं आ सका है। डीएफओ संजय विस्वाल ने बताया कि बाघ की मूमेंट होती रहती है। मोहम्मदी-महेशपुर रेंज में करीब 40 से 45 गांव प्रभावित है। बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने इमलिया गांव के बाहर गन्ने के खेतों के समीप चार पिंजरे लगाए हैं।