• 7 या 8 सितंबर इस बार कब है गणेश चतुर्थी ? जानें तिथि, और मूर्ति स्थापना विधि…
हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का पर्व बड़ी श्रद्धा और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह पर्व गणपति बप्पा यानी भगवान गणेश जी को समर्पित है। हर साल भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन यह पर्व गणपति बप्पा के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का यह उत्सव पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन मुंबई और महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का उत्सव बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। वहां यह उत्सव लगातार 10 दिनों तक चलता है। भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन हिंदू घरों में गणपति बप्पा की स्थापना की शुरुआत हो जाती है। गणेश चतुर्थी के खास अवसर पर लोग घर में गणेश जी की स्थापना करते हैं और पूरे विधि विधान के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं और गणपति बप्पा की कृपा से उनके जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि का आगमन होता है। यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है और अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है।
7 या 8 सितंबर, कब है गणेश चतुर्थी?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 6 सितंबर की दोपहर को 3 बजकर 1 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन अगले दिन 7 सितंबर की शाम 5 बजकर 37 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, गणेश चतुर्थी का शुभारंभ 7 सितंबर, दिन शनिवार से होगा. इसी दिन गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना होगी और व्रत रखा जाएगा।
गणेश चतुर्थी 2024 मूर्ति स्थापना शुभ मुहूर्त
7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त, सुबह 11 बजकर 3 मिनट से लेकर दोपहर के 1 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इस प्रकार 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त 2 घंटे 31 मिनट तक रहेगा, इस दौरान भक्तजन गणपति बप्पा की पूजा अर्चना कर सकते हैं।
गणेश चतुर्थी समापन डेट
इस बार गणेश चतुर्थी का समापन 17 सितंबर दिन मंगलवार को अनंत चतुर्दशी के दिन होगा। जो लोग 10 दिनों के लिए गणेश जी की प्रतिमा घर में रख कर पूजा अर्चना करते हैं, वे अनंत चतुर्दशी को गणेश जी का विसर्जन करेंगे।
गणेश चतुर्थी पर बन रहे हैं शुभ योग
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल गणेश चतुर्थी पर बहुत से शुभ योग भी बन रहे हैं।इस दिन चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, ब्रह्म योग, इंद्र योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण होगा। इस दिन चित्रा नक्षत्र दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा, इसके बाद स्वाति नक्षत्र लगेगा। इसके साथ ही इस दिन ब्रह्म योग, इंद्र योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेंगे। सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से 8 अगस्त की सुबह 6 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।
इस तरह से करें गणपति बप्पा की प्रतिमा की स्थापना।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मध्यकाल के किसी शुभ मुहूर्त में गणेश जी की ऐसी मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें, उनकी सूंड दाईं ओर हो, जनेऊधारी हो और उसमें मूषक भी हो। प्रतिमा में गणेश जी बैठने वाली मुद्रा में होने चाहिए। गणेश जी की प्रतिमा को घर की उत्तर दिशा या ईशान कोण में ही स्थापित करना चाहिए। यह स्थान शुद्ध और पवित्र होना चाहिए। गणेशजी की मूर्ति का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। लकड़ी की चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं और उसके ऊपर गणपति बप्पा की स्थापना करें। उसके बाद गणेश जी की प्रतिमा को फिर वहां सिर्फ विसर्जन के समय ही हटाना चाहिए।
गणपति स्थापना के दौरान मन को पूरी तरह से पवित्र रखें. इस पर्व के दौरान शुद्ध और सात्विक भोजन ही घर में बनना चाहिए, हर तरह के तामसिक भोजन से परहेज करें। विसर्जन तक प्रतिदिन सुबह-शाम गणपति बप्पा की पूजा अर्चना करें और भोग लगाएं। स्थापना के बाद गणपति जी की विधि विधान से पूजा अर्चना करें और आरती करें इसके बाद गणपति बप्पा को भोग लगाकर, प्रसाद का वितरण करें।