• यूपी के मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट बना मौत का घर।
प्रतापगढ़ गौशाला संचालक सरकारी धन से भर रहे अपना पेट भूख और उपचार के अभाव में गोवंश तोड़ रहे दम।
गोवंश की देखभाल के प्रति गंभीर नहीं है प्रधान सचिव व जिम्मेदार कर्मचारी।
प्रधान समेत अधिकारी और कर्मचारी खुलेआम उड़ा रहे नियम व निर्देशों की धज्जिया।
जिसके कारण मांधाता ब्लॉक के सराय भीमसेन गौशाला बनी मौतशाला।
गोवंशों की ऐसी हालत देख आपके भी आंखों में आ जाएंगे आंसू, लेकिन जिम्मेदारों के नहीं पसीज रहे दिल।
राम धुन में झूम रहे सत्ताधारी, हिंदूवादी संगठनों के लिए राजनीति का हिस्सा बनी गौवंश,गोवंशों की दुर्गति एवं दुर्दशा पर मौन साध मुंह मोड़ें है सत्ताधारी।2 वर्ष पूर्व सूबे सरकार के राज्यमंत्री,कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को सराय भीमसेन गौशाला में हो रही गोवंशों की मौतों से कराया गया था अवगत।
मंत्रियों ने जिले के पूर्व सांसद संगम लाल गुप्ता व वर्तमान विधायक विश्वनाथगंज जीत लाल पटेल व पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा हरिओम मिश्रा को जांच कर दोषियों के ऊपर कारवाई करने के दिए थे निर्देश
आपको बता दे की 2 वर्ष बाद भी आज तक नहीं हुई कोई जांच और न ही कोई कार्रवाई।
आलम यह है की सराय भीमसेन गौशाला में आज भी गोवंशों की मौतों का सिलसिला नहीं ले रहा था थमने का नाम।
प्रतापगढ़ : जिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के अयोध्या धाम में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरा देश जोश जुनून उल्लास एवं जश्न में आज भी सराबोर है। उसी राम राज में गौ माता की ऐसी दशा एवं दुर्दशा पर सत्ताधारी नेताओं की बोलती बंद है। गोवंश पर राजनीति भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा रही है लेकिन गोरक्षा के लिए खोली गई गौशालाओं में गोवंशों की दुर्दशा क्या है इसको लेकर ना तो नेताओं ने न ही हिंदूवादी संगठनों ने सुचारू रूप से देखना मुनासिब समझा।
अब देखना यह है कि इस बार सराय भीमसेन गौशाला में लगातार हो रही गोवंशो की मौतों को लेकर जिम्मेदारों के ऊपर कोई कार्रवाई होती है या दो वर्ष पूर्व की तरह मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।