सत्यार्थ न्यूज़ से पुनीत मरकाम कांकेर (छत्तीसगढ़ ) भानुप्रतापपुर ✍️ ✍️ मीडिया की हवा में उड़ा प्रशासन, अधीक्षिका को किया निलंबित, सरपंच ने बताई सच्चाई
कांकेर जिले के छोटेबेठिया इलाके में आदिवासी हॉस्टल में रहने वाली नाबालिग लड़की के गर्भवति होने और भ्रूण की हत्या करने की शिकायत करने वाली सरपंच ने अपने बयान से पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने अरूण सिन्हा नाम के शख्स पर धोखे से शिकायत में दस्तखत करवाने की बात कही है।
पखांजूर एसडीएम को ज्ञापन सौपकर महिला सरपंच ने पूरे मामले की जानकारी दी है। और आदिवासी छात्रा के कथित तौर पर गर्भवति होने और गर्भपात की जानकारी से इंकार किया है। उन्होंने अपने शिकायत ने अरूण सिन्हा और आश्रम की अधीक्षिका के विवाद की जानकारी भी दी है।
इधर पुलिस भी मामले की जांच में जुट गई है। इस सनसनीखेज आरोप लगने के बाद जिला प्रशासन ने आश्रम अधीक्षिका को निलंबित करते हुए अपनी कार्रवाई शुरु कर दी थी। लेकिन अब तक कथित पीड़िता और उसका परिवार सामने नहीं आया है। जबकि मामले की शिकायत करने वाली महिला सरपंच ने इसे असत्य बताया है।
दुसरी ओर घटना की सच्चाई जाने बगैर ही मीडिया ने इसे जमकर उछाला और टीआरपी बटोरी। अब मामले में शिकायतकर्ता के बयान के बाद आरूण सिन्हा मुख्य साजिशकर्ता के रूप में दिखाई दे रहा है। अब जिला प्रशासन और पुलिस इस मामले में क्या एक्शन लेती है यह देखने वाली बात होगी।
धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश का आरोप, जबकि गुडफ्राइडे को परिजनों के साथ गए बच्चे
सरपंच ने अपने लिखित ज्ञपान में बताया है कि धर्म परिवर्तन की बातें गलत है। सूत्रों के मुताबिक ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों ने अपने बच्चों को गुड फ्राइडे के दिन चर्च लेकर गए थे। जबकि दूसरे धर्म के बच्चे आश्रम में ही थे।