राजकीय पशु चकित्सालय खलियारी में लटका मिला ताला,
बरसात के मौसम में पशुओं में होने वाली बीमारी को लेकर पशु पालक चिंतित,
सोनभद्र /सत्यनारायण मौर्य
सोनभद्र खलियारी बरसात के मौसम में पशुओं में कई प्रकार की गंभीर बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है ऐसे में राजकीय पशु अस्पताल का बंद होना पशु पालकों के लिए चिता का सबब बन गया है इसी मौसम में पशुओं में विभिन्न प्रकार के संक्रमण रोग पैदा होते है इसी समय लगभग पशु अस्पताल कर्मचारियों द्वारा पशुओं को टीका लगाया जाता है ताकि गंभीर बीमारियों से पशुओं को बचाया जा सके ऐसे में सरकारी पशु अस्पताल का बंद होने से पशुपालक मजबूरी में प्राइवेट डॉक्टरों से इलाज कराने के लिए बाध्य होते है। कुछ पशु पालकों ने बताया कि पशु अस्पताल अक्सर बंद ही रहता है कभी कभार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कब आते है फिर चले जाते है पता ही नहीं लगता है।
जहां प्रदेश सरकार पशु पालकों के लिए प्रयाप्त बजट देकर दुग्ध उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है वही पशु विभाग के अधिकारी सरकार के मंशा पर पानी फेर रहे हैं।
जब इस मामले को लेकर जिला पशु अधिकारी से फोन पर वार्ता करने का प्रयास किया गया तो उनका नंबर व्यस्त आ रहा था फिर राजकीय पशु अस्पताल बैनी प्रभारी को फोन पर वार्ता किया गया तो उन्होंने ने बताया कि पहले एक डॉक्टर नियुक्त थे लेकिन उनका तबादला हो गया है राजकीय पशु अस्पताल खलियारी का चार्ज भी मेरे पास ही है बंद होने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रहता है कही गया होगा पशुओं को टीका लगाने।
इस प्रकार के बयान देकर अपनी जिम्मेदारियों से पीछा छुड़ाना चाहता है पशु चिकित्सा विभाग पशु पालकों ने जिलाधिकारी सोनभद्र से पशु अस्पताल में स्थाई डॉक्टर नियुक्त करने की मांग की है।