अंजड़ -नए कानून को लेकर पुलिसथाना अंजड़ में जनसँवाद का कार्यक्रम किया 

अंजड़- नए कानून को लेकर पुलिसथाना अंजड़ में जनसँवाद का कार्यक्रम किया 

आज से सम्पूर्ण भारतमे नवीन आपराधिक कानून 2023लागू होने जारहा ही अब ipc की जगह बी एन एस भारतीय न्याय सहिता ओर BSA भारतीय साक्ष्य अधनियम बोली जाएगी बड़वानी जिले में पुलिस की तैयारी:- लगभग पूर्ण हो चुकी है जिसमे 368 पुलिस कर्मियों को नए कानून के लिए प्रशिक्षित किया गया प्रत्येक थाने पर नए कानून से fir दर्ज होगी जिले के सभी साफ्ट वेयर में
CCTNS सॉफ्टवेयर में जरूरी बदलाव किये। प्रत्येक थाने में IPC/CRPC की धाराओं का Conversion Table का चार्ट तैयार कर प्रदर्शित किया। प्रत्येक पुलिस कर्मी को ई-संकलन एवं ई-साक्ष्य का प्रशिक्षण दिया गया। नवीन अपराधिक कानुन की जागरूकता के लिए 01 जुलाई को जिले के समस्त थानों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जायेगे जिसमें स्थानीय एवं गणमान्य नागरिक आमंत्रित रहेगे। कोई भी नागरिक इस कार्यक्रम में सहभागिता कर सकता है। कार्यकर्म का संचालन राजेन्द्र देवराय ने किया

प्रमुख बदलाव:-

1. E-FIR का प्रावधान किया गया है, अब किसी भी गंभीर अपराध की E-FIR घर बैठे भी दर्ज कराई जा सकती है। और 03 दिवस के भीतर थाने पर जाकर FIR पर हस्ताक्षर करने होगे।
2. आपराधिक न्याय प्रणाली के सभी चरणों का व्यापक डिजिटलीकरण करना किया गया। तलाशी और जब्ती की वीडियोग्राफी की जायेगी। इसमें ई-रिकॉर्ड, जौरी-FIR, E-FIR, समन, नोटिस, दस्तावेज प्रस्तुत करना और ट्रायल शामिल हैं।

3. व्हाट्सअप नम्बर पर भी पीडित को उसके केस में अनुसंधान में क्या प्रगति हो रही उसकी सूचना दी जावेगी। इसलिए पीडित को अपना व्हाटसअप नम्बर उपलब्ध कराना होगा।

4. समंस/वारंट भी अब नवीन आपराधिक प्रक्रिया में इलेक्ट्रानिक माध्यम जैसे व्हाट्सअप आदि पर भी तामिल किए जा सकेंगे।

5. झुठे वादे अथवा कदम पहचान के आधार पर यौन शोषण करना अब आपराधिक कृत्य है।

6. 18 वर्ष से कम आयु की युवती के साथ सामूहिक बलात्कार के लिए अजीवन कारावास या मृत्यु दंड का प्रावधान किया गया।

7. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अधीन लैगिंक अपराध की पीडिता के कथनो की विडियोग्राफी की जायेगी।

8. खात्मा रिपोर्ट न्यायालय में स्वीकृत होने से पूर्व पीडित का पक्ष सुना जावेगा।

9. साक्षी संरक्षण योजना लागू की गई, जिसमें साक्षी को सुरक्षा दी जावेगी।

10. लैगिंक अपराध से पीडित महिला का मेडिकल परीक्षण कोई भी पंजीकृत चिकित्सा अधिकारी कर सकेगा एवं 07 दिवस के भीतर रिपोर्ट पुलिस को प्रस्तुत करना पडेगा।

11. पुलिस के वैद्य निर्देश को मानने से कोई इंकार नहीं कर सकेगा।

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