बस्ती।आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी दलितों की स्थिति जैसे के तैसे बनी हुई है
रिपोर्ट – अमित कुमार
बस्ती (यूपी)
जाति है की जाती नहीं राम राज्य में वर्ण व्यवस्था का है बोल बाला योगी राज में वर्ण व्यवस्था है बम बम
उत्तर प्रदेश में दलित होना किसी पाप से कम नहीं, काम का पैसे मांगना उससे भी बड़ा पाप है एक दलित के लिए
आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी दलितों की स्थिति जैसे के तैसे बनी हुई है
जब सैंया भए हैं कोतवाल तब डर काहे का पीड़ित का अभियोग भी नहीं पंजिकृत करना उचित समझे कोतवाल
आखिर क्या वजह थी क्या मजबूरी थी कोतवाल के पास क्या छोटी घटना को बड़ा करना चाह रहे हैं कोतवाल
पीड़ित छोटू द्वारा अपने काम के ऐवज कि धनराशि मांगने पर दबंग ने जमकर पीटा
डायल 112 पर सूचना देने के बाद भी पुलिस ने नहीं किया कार्यवाही कोतवाली में तहरीर देने के बाद भी नहीं दर्ज हुआ मुकदमा
पीड़ित थक हार कर पहुंचा पुलिस अधीक्षक कार्यालय न्याय की लगाई गुहार
पीड़ित की माने तो न्याय करने के बजाय जातीय पक्षपात करने पर उतारू है कोतवाल
पीड़ित छोटू बॉक्स और मिठाई बनाने वाला बर्तन व छल्ला बनाने का काम करता है
मनीष शुक्ला द्वारा 48000 रू में दिया गया था एस्टीमेट पीड़ित ने 300 ट्रे और 200 छल्ला तैयार करके दे दिया मनीष शुक्ला को
मनीष शुक्ला द्वारा₹23 ,000 दिए गए बाकी पैसा मांगने पर मनीष शुक्ला ने जमकर मारा पीटा गलियों की बौछार कर दी और जान से मारने की धमकी दी
मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के दुधौरा गांव का है