रिपोर्ट समीर गुप्ता ब्यूरो चीफ पठानकोट पंजाब —
लुधियाना पंजाब से लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद रवनीत सिंह बिट्टू को मोदी केबिनेट में मंत्री बनाया गया है।
इसके पीछे का मुख्य कारण है कि भारतीय जनता पार्टी पंजाब में अपने आधार को मजबूत करने के प्रयास में है, उत्तर भारत में पार्टी की स्थिति सबसे कमजोर पंजाब में ही है। सभी प्रयासों के बावजूद इन लोकसभा चुनावों में पंजाब से एक भी सीट भाजपा जीत नही पाईं है। रवनीत सिंह बिट्टू चुनाव से कुछ समय पहले ही कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे, लुधियाना से हार के बावजूद शहरी इलाकों में उनका प्रदर्शन बहुत बढ़िया रहा था। भाजपा की पंजाब में सबसे बड़ी दिक्कत है कि उनके पास राज्य में कोई ऐसा प्रभावी चेहरा नही है जो कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को सीधी चुनौती पेश कर पाए। रवनीत सिंह बिट्टू के रूप में भाजपा को एक शक्तिशाली जट सिख चेहरा मिला है और अब पार्टी पंजाब में कहीं न कहीं उनके नेतृत्व में ही आगे बढ़ने वाली है। बता दें कि रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार बेअंत सिंह के पोते हैं जिनकी उग्रवाद के समय मुख्यमंत्री रहते हुए हत्या की गई थी। बिट्टू तीन बार के सांसद हैं और अपनी साफ सुथरी छवि और बेबाकी के लिए जाने जाते हैं।
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