क्या केजरीवाल का बड़बोलापन पार्टी को ले डूबेगा ?
संडे स्पेशल —
रिपोर्ट समीर गुप्ता ब्यूरो चीफ पठानकोट पंजाब:
आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और मुख्यमंत्री दिल्ली अरविंद केजरीवाल अक्सर यह कहते हुए पाए जाते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी उनसे डरती है। उन्हीं की देखा-देखी आप के दूसरे बड़े नेता भी ऐसा कहते हुए देखे जा सकते हैं। ऐसा कहना फिलहाल तो मुर्खतापूर्ण ही लगता है — आज आप को राजनीति में आए हुए लगभग 12 वर्ष हो चुके हैं , बहुत कम समय में दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है । इसके लिए अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम को श्रेय जाता है उनमें राजनीति की समझ-बूझ और लीडरशिप की क्षमता है — लेकिन लोकसभा में मौजूदा समय उनकी गिनती शुन्य है दूसरी ओर भाजपा की 303 सीटें लोकसभा में थीं। अब जिस पार्टी का लोकसभा में एक भी सदस्य न हो और वो देश की सबसे ताकतवर पार्टी के नेता के लिए कहते कि वे हमसे डरते हैं — तो इसको मुर्खतापूर्ण और बचकाना स्टेटमेंट ही कहना दुरूस्त होगा। 2024 के लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी कुल 543 में से मात्र 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और यदि पार्टी दस सीटें भी जीत जाए तो गनीमत समझिए। ताज़ा सर्व के मुताबिक आम आदमी पार्टी को अधिक से अधिक पांच सात सीटें ही मिलती हुई दिखाई दे रही हैं। इसलिए जमीनी हकीकत को भांपते हुए अरविंद केजरीवाल को गैरजरूरी बयानबाज़ी से गुरेज करना चाहिए और सही मुद्दों को लेकर अपना सारा ध्यान पार्टी को मजबूत करने में लगाना चाहिए। निसंदेह वे अच्छे राजनेता हैं और उज्जवल भारत के लिए, स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अरविंद केजरीवाल जैसे लीडर्स की जरूरत है — लेकिन इसके लिए उनको फिलहाल अपनी दिशा और दशा पर विचार सागर मंथन करने की जरूरत है।


















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