(सत्यार्थ न्यूज़ संवाददाता पुनीत मरकाम ) जिला कांकेर छत्तीसगढ़ भानु पतापपुर दुर्गुकोदल अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर मातृशक्ति मिलन समारोह एवं कन्या कन्याओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया।* *पौधाकरण कर विकासखंड दुर्गुकोदल के दमकसा में जैव विविधता दिवस मनाया गया। दुर्गुकोडल 23 मई 2024 जंगलराय विद्या केतुल दमकसा दुर्गूकोंदल जिला कांकेर छत्तीसगढ़ में संस्था के संस्थापक पर्यावरण विद एवं गोंडी धर्माचार्य, भास्कर जैसे कई जिलों से छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य देशों के कई प्रातों में जाने वाले शेरसिंह अचला जी के सुझाव में अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर 22 मई को दमकसा दुर्गूकोंडल में आयोजित रेस्टालम मातृ शक्ति एवं क्लासिक कन्याओं का सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, कार्यक्रम के प्रमुख राष्ट्रीय कोयापुनेम महिला अध्यक्ष तिरुमय मंगला ताई उयके जी नागपुर महाराष्ट्र के द्वारा आयोजित। आचला जी पृथ्वी दिवस, जल दिवस, जैव विविधता पर्यावरण दिवस को प्रति वर्ष लोगों को एकजुट करने के उद्देश्य को लेकर जब से संस्था की स्थापना हुई है आज 32 वर्ष हो रहे हैं तब कभी लगातार आयोजन आ रहे हैं कभी संयुक्त यात्रा तो यात्रा पद कर वृक्ष लगाओ जीवन रक्षा को सार्थकता करने का प्रयास में बने रहें और अलग-अलग वर्षों में अलग-अलग विषय-वस्तु लेकर चलें, इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता की थीम लाठीचार्ज्ड मातृशक्तियों पर जोर दिया जा रहा है क्योंकि मातृशक्ति के बिना कोई भी उद्देश्य पूर्ण होना संभव नहीं है इसलिए मातृशक्ति के मंगला ताई जी के रूप में आग्रह किया गया था कि आप अपनी उद्बोधन में महिलाओं को अपने समाज और राष्ट्र हित के लिए त्याग कर दें। क्योंकि वे देश के कोने-कोने में जाते हैं। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से आये मातृशक्तियों का सम्मान किया गया तथा जैवविविधता को संरक्षित करने का संकल्प लिया गया। इसअवसर पर पर्यावरण प्रेमी चंद्रकुमार ध्रुव ब्याख्याता अंतागढ़ ने जैवविविधता पर अपने विचार रखते हुए पर्यावरण की भूमिका को क्षेत्रीय स्तर पर बहुत ही सुंदर तरीके से अपने सिद्धांतों का प्रयास किया डी आर अचला सेवानिवृत्त डी आई जी पुलिस ने भी अजित जनसमुदाय को अपना जीवन साझा करते हुए कैसे संघर्ष करके पुलिस अधिकारी के उच्च पद तक इस तारतम्य में युवाओं को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाकर समाज के आह्वान में योगदान देने के लिए प्रेरित किया गया। मातृशक्ति तिरुमयी शकुंतला तारम ने अपने उद्बोधन में महिला सशक्तिकरण को विशेष महत्व देते हुए महिलाओं के स्तर को ऊपर उठाने के लिए अपनी टीम द्वारा जारी प्रयासों को संक्षेप में बताया। कोनेडे के कार्यशाला बाबूलाल कोमरे ने स्थानीय गोंडी भाषा में अपना विचार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में ऐसा लगा जैसे वास्तविक रूप से प्रकृति की छाप में हो रहा है और प्यार दुलार मिल रहा है क्योंकि यह कार्यक्रम एक पेड़ के नीचे छाया में बैठक ब्यवस्था था और चारों ओर ट्री उपचारों के कारण एसी कोलोराडो से भी अच्छा माहौल महसूस हो रहा था प्रकृति अपनी उपस्थिति का पता लगा रही थी यदि हम उद्यम के लिए होटल व्यवसाय करना शुरू करते हैं तो हजारों रुपये खर्च करना पड़ सकता है उसके बाद भी वह पर्यावरण सभा ऐसा नहीं था जो आज सभी शहरों में रहने वालों को महसूस हुआ,आज अगर हम देखें तो आदिवासी इलाकों में ही जंगल कुछ हद तक बचे हुए हैं और बाकी इलाकों में लगभग सफाया हो गया है। इसलिए सिर्फ आज जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा की बात कही जा रही है, लेकिन आधुनिकता की दौड़ में सब अंधे हो गए हैं और सिर्फ लोगों को धरती माता का दोहन ही एकजुटता है, जो जीव जगत के लिए घातक है। कार्यक्रम में सोनाऊ राम नेताम जी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गोंडवाना गोंड महासभा विशेष रूप से उपस्थित रह रहे हैं। दुर्गूकोंडल वन विभाग द्वारा दिए गए सुझाव इस अवसर पर मुकेश कुमारनेताम वन परिक्षेत्र अधिकारी का पूरा अमला लगा रहे हैं तथा कांकेर, भानुप्रतापपुर, अंतागढ़, कोयलीबेड़ा, दुर्गूकोंदल के कर्मचारी आर्थिक, मानसिक, शारीरिक रूप से महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। सिंह मरावी एवं रूपलाल मरावी, महाराष्ट्र दोरबा से रामजी लाल पोटाई, ताई जी की नाटी प्रज्वल उयके नागपुर महाराष्ट्र पर्यावरण जैसे प्रेमी पहुंचे, इसके अलावा कांकेर से मातृ तिरूमाय सत्यवती मरकाम, अनुपा मंडावी, पुष्पा नेताम, उषा मरकाम, अमरलता नरेटी, एंडल मंडावी , असवन कोडोपी, कोंडागांव से राजमन नेता, दुर्गूकोंदल से धर्मसिंह नरेटी, डॉ. धनाजु नरेटी, नेमालाल कोमरा, तिरूमाय रामशीला कोमरा, धनीराम पदा, शिवलाल पुडो, भागवत मंडावी, नीलकंठ सोरी, वाइड राम उयका ग्लूकोंडल से, श्याम लाल भगत रायगढ़ बीरसिंग कंडी अंतागढ़ भानुप्रतापपुर से मातृशक्ति तिरुमयी अर्मिला सोरी,नीतू लाटिया, अनसुइया ध्रुव, लक्ष्मी नाग, रुक्मणी ध्रुव, हेमलता वाडिवा, राधे लाल नुरुटी,श्री राम उयके, लालसिंह पोटाई, राजेंद्र हेमंडी, देवनाथ कोरेटी आदि उपस्थित थे, कार्यक्रम का संचालन पार्स मैंडी राष्ट्रीय सचिव गोंडी भाषा मानकीकरण समिति छत्तीसगढ़ ने किया।
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