न्यूज़ रिपोर्टर मनोज श्री डूंगरगढ़ 30 अप्रैल मंगलवार
सरकार और उनके नुमाइंदे सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा देने के दावे करते हैं, जबकि हालत कुछ और हैं। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के समय पर नहीं पहुंचने की शिकायतें तो अक्सर सुनने को मिलती रहती हैं, लेकिन कई दिनों तक शिक्षक स्कूल में नहीं जाए, स्कूल बंद रहे और स्कूल के कमरों में मजदूर ठहरे हों। वहां पढने आने वाले बच्चे स्कूल में खेलकर वापस अपने घरों को चले जाते हों। ऐसा ही एक सरकारी स्कूल में देखने को मिला है।सोमवार को सीबीईओ माया बजाड़ और विद्यालय संबलन एवं आकेएसएमबीके आंकलन उड़न दस्ते ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय जगराम की ढ़ाणी रोड़ा नोखा बीकानेर में औचक निरीक्षण किया, तो यह हकीकत देखने को मिली। ग्रामीणों ने बताया कि काफी दिनों से इस स्कूल में कोई अध्यापक नहीं आता है। विद्यालय के कमरों में मजदूर ठहरे हैं, बच्चे आते हैं और खेलकर वापस चले जाते हैं। निरीक्षण की सूचना पर यहां कार्यरत अध्यापिका मोहनी कुमारी विद्यालय में पहुंची। उनसे विद्यालय रेकॉर्ड एवं परीक्षा संबंधी दस्तावेज मांगने पर अपने बैग से उपिस्थति रजिस्टर सहित अन्य दस्तावेज दिए, जिसे उड़नदस्ते की टीम ने जब्त कर लिए। सीबीईओ माया बजाड़ ने शिक्षिका मोहनी कुमारी को शिक्षा के अधिकार अधिनियम की अवहेलना करने, बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने एवं कार्य के प्रति लापरवाही बरतने पर नोटिस जारी किया। इसके अलावा विद्यार्थियों की उपस्थति एवं अन्य अव्यवस्थाएं भी पाई गई। इस संबंध में पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी रोड़ा को परीक्षा की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए पाबंद किया गया
साथ ही अध्यापिका को जल्द से जल्द नोटिस का जवाब देने का कहा गया है।