निघासन। दुधवा टाइगर रिजर्व से निकलकर शुक्रवार सुबह गोविंदपुर फार्म पहुंचे एक तेंदुए ने चाय पीते और कामकाज करते तीन लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया।
तीनों ने शोर मचाते हुए बांके से प्रहार किया तो तेंदुआ भाग खड़ा हुआ और एक घर के बाहर भुसौरी में छुप गया। वन विभाग की टीम ने जाल से घेराबंदी कर दी। इसके बाद उसे बेहोश करने के लिए एक्सपर्ट ने ट्रैंकुलाइज गन तानी तो तेंदुए ने उसकी नाल जकड़ ली। किसी तरह गन छुड़ाई गई। एक घंटे बाद फिर से ऑपरेशन शुरू कर उसे बेहोश कर पकड़ लिया गया।
लुधौरी रेंज के गोविंदपुर फार्म निवासी बलविंदर सिंह (51) सुबह करीब साढ़े छह बजे घर के पास खेत में खड़े होकर चाय पी रहे थे। इसी बीच तेंदुआ ने उन पर हमला कर दिया। फिर दो सौ मीटर दूर अपने घर के पास खेत में काम कर रहे सरजीत सिंह उर्फ जोगा (35) पर भी हमला कर दिया। शोर मचाने पर पहुंचे उनके चाचा बलदेव सिंह (68) को भी तेंदुए ने घायल कर दिया। पड़ोस में पड़े बांके से तेंदुए पर प्रहार किया, तब वह घर के बाहर बनी भुसौरी में छुप गया। हमले में घायल हुए तीनों लोगों में से किसी के सिर, पैर तो हाथ में तेंदुए के पंजों से घाव हुए। घायलों को पहले सीएचसी और फिर जिला अस्पताल ले जाया गया।
वन विभाग की टीम के पास नहीं था जाल, भड़के ग्रामीण
सूचना देने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन जाल आदि न होने के कारण ग्रामीण भड़क गए। इस दौरान ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान वनकर्मियों से काफी नोकझोंक हुई। लुधौरी रेंजर गजेंद्र सिंह, प्रभारी निरीक्षक एसके मिश्रा ने लोगों को समझाया। जाल आने के बाद ही लोग शांत हुए। जाल को भुसौरी के गेट से लेकर पीछे तक घेराबंदी कर दी। इसके बाद लोगों की दहशत कम हुई।
भुसौरी से तेंदुए को बाहर निकालने में लगे चार घंटे
– ट्रैंकुलाइज गन की नली भी हुई क्षतिग्रस्त
भुसौरी में छुपे तेंदुए को बाहर निकालने के लिए टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। चार घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसे बेहोश कर निकाल पाए। इस दौरान डॉक्टर सहित दो लोगों के हाथ में चोट आ गई। तेंदुए के मुंह में दबाने से ट्रैंकुलाइज गन की नली कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गई।















Leave a Reply