इंसानियत की सेवा ही सर्वोत्तम सेवा: महात्मा मेहर सिंह —
रिपोर्ट समीर गुप्ता ब्यूरो चीफ पठानकोट पंजाब —
आज के दौर में सबकुछ होने के बावजूद भी मनुष्य कहीं न कहीं अपने भीतर खालीपन महसूस करते हैं। खुशी यदि महसूस भी होती है तो कुछ पल के लिए ही रहती है, इसकी मुख्य वजह मन का व्यर्थ और नेगेटिव चिंतन करना है। यह विचार महात्मा मेहर सिंह जो निरंकारी मिशन से जुड़े हुए हैं ने हमारे ब्यूरो चीफ के साथ साझा किए। उन्होंने कहा कि मन में लगातार विचार चलते रहते हैं और इन विचारों की गति को कंट्रोल करना सहज नही है। केवल रूह रूपी आत्मा का ज्ञान पाने के बाद और साथ में मनुष्य कल्याण की भावना से ही हम मन रूपी घोड़े को शांत कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यदि हम खुशी निरंतर महसूस करना चाहते हैं तो इंसानियत की सेवा हमारे लिए वरदान बन सकती है। इसके अलावा हमें समय-समय पर सत्संग में शामिल होना चाहिए।
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