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केवाल बंधा में लापता किशोर का शव पांचवें दिन मिला, ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच की मांग उठाई

(दुद्धी सोनभद्र रिपोर्ट नितेश कुमार)
सोनभद्र, दुद्धी।विकासखंड दुद्धी के ग्राम पंचायत केवाल में स्थित सरकारी बंधा में 30 नवंबर 2025 की शाम लगभग 6 बजे 14 वर्षीय आशीष कुमार के डूबने की सूचना मिली थी। घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों और स्थानीय प्रशासन द्वारा खोजबीन शुरू की गई। जिला प्रशासन ने बनारस से एसडीआरएफ की टीम बुलाई, जिसने दो दिनों तक लगातार पानी में खोज अभियान चलाया, लेकिन उस दौरान शव बरामद नहीं हो सका।

एसडीआरएफ दल ने अनुमान लगाया था कि पानी के तापमान और परिस्थितियों के कारण शव कुछ दिनों बाद सतह पर दिखाई दे सकता है, इसलिए प्रतीक्षा की सलाह दी गई।

आज 4 दिसंबर की सुबह लगभग 6 बजे गांव के निवासी परदेसी को बंधा में कुछ संदिग्ध दिखाई दिया। ग्रामीणों की मदद से नाव के जरिए जाकर पुष्टि की गई कि यह वही किशोर है जिसकी खोज की जा रही थी। तुरंत इसकी सूचना ग्राम प्रधान दिनेश कुमार यादव को दी गई। प्रधान के पुष्टि करने के बाद विण्ढमगंज थाना पुलिस को जानकारी दी गई। पुलिस टीम मौके पर पहुंची, आवश्यक कार्यवाही पूरी कर शव को पोस्टमार्टम के लिए दुद्धी भेज दिया गया।

परिवार का पक्ष
मृतक के परिजनों का कहना है कि कई सवालों के जवाब अभी भी स्पष्ट नहीं हैं। उनके अनुसार घटनास्थल की परिस्थितियों, समय अंतराल और अन्य पहलुओं की जांच आवश्यक है ताकि सच्चाई सामने आए। परिजनों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है।

ग्रामीणों की अपेक्षा
ग्रामीणों का मानना है कि ऐसे मामलों में त्वरित और गहन जांच जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं के प्रति जागरूकता बढ़े और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हो। लोग चाहते हैं कि प्रशासन इस मामले की पारदर्शी जांच करे, तथ्यों की पुष्टि करे और यदि किसी स्तर पर लापरवाही या अनियमितता सामने आती है तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

सामाजिक दृष्टि से ज़रूरी सवाल
यह घटना न केवल एक परिवार की पीड़ा बल्कि ग्रामीण सुरक्षा, तालाब/बंधों की निगरानी, और आपदा प्रबंधन जैसी व्यवस्थाओं पर भी ध्यान दिलाती है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जलाशयों के आसपास सुरक्षा उपाय, चेतावनी बोर्ड, निगरानी और तैराकी जागरूकता जैसी सुविधाएँ हों तो ऐसे हादसे कम हो सकते हैं।

घटना से पूरे क्षेत्र में दुख का माहौल है, लेकिन साथ ही उम्मीद भी है कि जांच के बाद न्याय सुनिश्चित होगा और भविष्य में बच्चों तथा ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए बेहतर कदम उठाए जाएंगे।

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