(दुद्धी सोनभद्र रिपोर्ट नितेश कुमार )

।विंढमगंज थाना एवं वन क्षेत्र के कनहर,मलिया नदी में इन दिनों रात में खनन का खेल चल रहा है। जिनके कंधों पर अवैध धंधे रोकने की जिम्मेदारी है वह कथित हिस्सेदारी लेकर मौन हैं।सूत्रों की मानें तो खननकर्ता दिन भर बालू के ग्राहकों की तलाश में विंढमगंज क्षेत्र के झारखंड से सटे आसपास के गांवों में घूमते रहते हैं और ऑर्डर लेकर रात को तय रणनीति के तहत वन विभाग और पुलिस विभाग से सम्पर्क कर रातभर के लिए मौन स्वीकृति मिलने के बाद क्षेत्र के नदियों से अवैध खनन का खेल शुरू हो जाता है। अर्धरात्रि से शुरू होकर खनन का खेल बेखौफ सुबह सात बजे तक चलता रहता है।अवैध कारोबार में जुड़े ट्रैक्टर संचालक बकायदे यह कहते हुए भी सुने जाते हैं कि सिस्टम से चल रहा है।पैसा फेंको तमाशा देखो की तर्ज पर कनहर नदी एवं पहाड़ियों की सीना चीरने का काम बेखौफ जारी है। जिससे आने वाले दिनों में प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रख पाना असंभव लग रहा है।ग्रामीणों की मानें तो विंढमगंज क्षेत्र के मलिया नदी तथा कनहर नदी से दर्जनों ट्रैक्टर खनन में लिप्त बताए जा रहे हैं।कोरगी पतरिहा से होते हुए महुली पहुंच कर अपने गंतव्य को पहुँचते है।
ग्रामीणों की मानें तो विंढमगंज क्षेत्र में दोनों विभागों का महीने का इंट्री फिक्स है इसलिए अधिकारियों की आने की सूचना अवैध खननकर्ताओ तक पहले पहुँच जाती हैं।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से आस पास के नदियों में चल रहे अवैध खनन की गोपनीय जाँच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाई की मांग की है ।ताकि नदियों का अस्तित्व बचा रहे।


















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