खंडार रिपोर्टर भगवान शर्मा जिला सवाईमाधोपुर राजस्थान
आदि कर्मयोगी अभियान की तीन दिवसीय डिस्ट्रिक्ट प्रोसेस लैब कार्यशाला का समापन

सवाई माधोपुर: जनजाति कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित आदि कर्मयोगी अभियान – रिस्पॉन्सिव गवर्नेंस प्रोग्राम एवं धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की तीन दिवसीय डिस्ट्रिक्ट प्रोसेस लैब आवासीय कार्यशाला का समापन शनिवार को रणथंभौर रोड स्थित एक होटल में हुआ। कार्यशाला का शुभारंभ विगत 4 सितम्बर को किया गया था। जिसका उद्घाटन जिला कलक्टर कानाराम की अध्यक्षता एवं अभियान के जिला नोडल अधिकारी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव बुडानिया की उपस्थिति में किया गया था। राज्य स्तर पर प्रशिक्षित 6 डिस्ट्रिक्ट मास्टर ट्रेनर द्वारा विभिन्न विभागों के अधिकारियों को ब्लॉक मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। प्रत्येक ब्लॉक से चयनित 06 ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को इस कार्यशाला के दौरान ब्लॉक मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया गया है। ये प्रशिक्षित अधिकारी आगामी दिनों में अपने-अपने ब्लॉकों में आयोजित होने वाली दो दिवसीय ब्लॉक स्तरीय आदि कर्मयोगी कार्यशालाओं के माध्यम से अभियान की भावना और कार्ययोजना को गांव-गांव तक पहुँचाएंगे। जनजाति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा तय किया गया कि संबंधित ब्लॉक नोडल अधिकारी (बीडीओ पंचायत समिति) के निर्देशन में उक्त ब्लॉक मास्टर ट्रेनर, 15 सितम्बर तक ब्लॉक स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे। इन कार्यशालाओं में चयनित जिले के 188 जनजाति बाहुल्य गांवों के प्रत्येक गांव से कम से कम 10 से 15 ग्राम स्तरीय कार्मिकों को आदि सहयोगी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके साथ ही स्थानीय नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों एवं गणमान्य व्यक्तियों को आदि साथी की भूमिका में जोड़ा जाएगा। अभियान की इस अद्वितीय पहल का उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में सक्रिय स्थानीय नेतृत्व तैयार करना है, ताकि गांव स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन और विकास कार्यों में जनभागीदारी सुनिश्चित की जा सके। जिला कलक्टर कानाराम के निर्देशन में 02 अक्टूबर से पूर्व ग्रामवासी, आदि सहयोगी और आदि साथी मिलकर ग्राम विकास की विस्तृत योजना का निर्माण करेंगे। तत्पश्चात इस योजना का अनुमोदन 2 अक्टूबर को होने वाली ग्राम सभाओं में किया जाएगा। इससे न केवल ग्रामवासियों की सहभागिता बढ़ेगी, बल्कि गांव की वास्तविक आवश्यकताओं के अनुरूप विकास योजनाएँ तैयार की जा सकेंगी। प्रत्येक चयनित ग्राम में आदि सेवा केंद्र की स्थापना की जाएगी। इन केंद्रों पर अभियान के अंतर्गत शामिल योजनाओं की जानकारी, शिकायत निवारण तंत्र , हेल्प डेस्क तथा संबंधित विभागीय अधिकारियों की सूचना उपलब्ध रहेगी। यह केंद्र ग्रामवासियों के लिए योजनाओं और सेवाओं का वन-स्टॉप सॉल्यूशन बनेंगे। आदि कर्मयोगी अभियान के तहत जनजातीय वर्ग तक सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर तक पहुँचाने के लिए 17 विभागों की 25 फ्लैगशिप योजनाओं को शामिल किया गया है। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा, आवास, पेयजल, महिला एवं बाल विकास जैसे विभिन्न क्षेत्रों की योजनाएँ सम्मिलित हैं। इस पहल के तहत जिले के 7 ब्लॉकों की 118 ग्राम पंचायतों के 188 जनजाति बाहुल्य गांवों को शामिल किया गया है।
जिले के ब्लॉकवार चयनित ग्राम खंडार ब्लॉक में 6 गांव, चौथ का बरवाड़ा ब्लॉक में 10 , बोली ब्लॉक के 15 , मलारना डूंगर ब्लॉक के 11 , बामनवास ब्लॉक के 19 , गंगापुर सिटी ब्लॉक के 33 तथा सवाई माधोपुर ब्लॉक के 24 गांव इस धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत चयनित किए गए है। अभियान के प्रभावी व समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट रिस्पॉन्सिव गवर्नेंस ग्रुप (DRGG) का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता जिला कलक्टर करेंगे। इस समूह में जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर , सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि तथा जिला स्तरीय अधिकारी शामिल किए गए हैं। DRGG का दायित्व मासिक आधार पर अभियान की प्रगति की समीक्षा करना , विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करना तथा जिला स्तरीय कार्य योजना का निर्माण करना होगा। अभियान से न केवल जनजातीय समाज में विश्वास और भागीदारी बढ़ेगी, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि मास्टर ट्रेनर और ग्राम स्तरीय सहयोगियों का नेटवर्क भविष्य में भी जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में मददगार साबित


















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