Advertisement

बड़वानी टेंडर फिक्सिंग: नियमों की अनदेखी, पसंदीदा फर्म को फायदा

संवाददाता हेमन्त नागझिरिया

बड़वानी टेंडर फिक्सिंग: नियमों की अनदेखी, पसंदीदा फर्म को फायदा

<span;>भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप
<span;>बड़वानी जिले के जनजातीय कार्य विभाग में हाल ही में जारी टेंडर पर भ्रष्टाचार और पक्षपात का गंभीर आरोप लगा है। 24 जुलाई 2025 को GeM पोर्टल पर डाले गए टेंडर की शर्तें इतनी सीमित और टेलर-मेड बताई जा रही हैं कि केवल एक खास ब्रांड या फर्म को ही फायदा मिले, बाकी कंपनियां स्वतः ही बाहर हो जाएं।
<span;>नियमों का खुला उल्लंघन
<span;>विशेषज्ञों के अनुसार, टेंडर की शर्तें GFR 2017 की धारा 173(i), 173(ii), CVC और GeM गाइडलाइंस का उल्लंघन करती हैं, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि शर्तें ब्रांड-निरपेक्ष एवं पारदर्शी होनी चाहिए। इस टेंडर में जानबूझकर नियमों का पालन नहीं किया गया, जिससे निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा खत्म हो जाती है।
<span;>गुप्त सांठगांठ और कमीशन
<span;>सूत्रों का कहना है कि अधिकारी पहले से तय फर्मों के साथ सांठगांठ कर टेंडर को उसी के अनुसार डिजाइन कर रहे हैं, जिससे प्रतियोगिता खत्म हो जाए और बदले में भारी कमीशन लिया जा सके। यह टेंडर किसी बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करता है, जिसके पीछे करोड़ों रुपये की खरीद प्रक्रिया को फिक्स करने का प्रयास चल रहा है।
<span;>अधिकारियों की चुप्पी और संदेह
<span;>मामले पर जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन और मुलाकात दोनों से परहेज किया। यह चुप्पी संदेह को और गहरा करती है और विभागीय भूमिका पर सवाल खड़े करती है।
<span;>नतीजा
<span;>बड़वानी का यह टेंडर केवल एक प्रशासनिक गड़बड़ी नहीं, बल्कि एक बड़े घोटाले की ओर संकेत करता है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो सरकारी धन चुनिंदा कंपनियों के हाथों में जाने का रास्ता साफ हो जाएगा, जिससे पारदर्शिता और जनता के हितों को गंभीर नुकसान पहुंचेगा।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!