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सीएम अम्बाला डॉ. ठाकुर ने ”नेत्रदान” पखवाड़े का अंतिम भाग कोरर से किया

विशेष संवाददाता पुनीत मरकाम भानुप्रतापपुर कांकेर                                                                      सीएम अम्बाला डॉ. ठाकुर ने ”नेत्रदान” पखवाड़े का अंतिम भाग कोरर से किया

कोरर, राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प नियंत्रण कार्यक्रम के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कोरर के संपूर्ण स्टॉफ एवं मरीजों की उपस्थिति में उत्सव दान पखवाड़े का उद्घाटन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर सी ठाकुर के विशेष अतिथि में शामिल हुए। डॉ. ठाकुर ने उपस्थित माता-पिता को संबोधित करते हुए कहा कि उत्सवदान एक पवित्र कार्य है, जो व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी गर्भावस्था की सहमति से जा सकता है। यह पखवाड़ा हर साल 25 अगस्त से 8 सितंबर तक मनाया जाता है। जिसमें प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र में जनजागरूकता बैनर, पोस्टर स्लोगन और समुदाय में विचार-विमर्श कर उत्सव सहायक अधिकारी अपने कार्य क्षेत्र में जनजागरूकता पैदा करते हैं, जिससे लोग साइंटिस्ट हो मरनोपरांत उत्सव दान के लिए तैयार हो सकें।

      नेत्र सहायक अधिकारी अशोक यादव ने जकनकारी देते हुए बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोरर के अंतर्गत 2012 से अब तक छः लोगों का उत्सव दान में प्राप्त हो चुका है जो इस क्षेत्र के लिए नाही जिले के लिए प्ररेणा का विषय है। चित्र: सेलगांव के जैन परिवार से तीन व कोरर के यादव परिवार से तीन लोगों का हुआ महोत्सव।

      नेत्र सहायक अधिकारी अशोक यादव ने नेत्रदान संबंधी जानकारी साझा करते हुए बताया कि आंख में पुतली की सफेदी के कारण दृष्टि हीन को दान से प्राप्त कॉर्निया का प्रत्यारोपण करने से आंखों की रोशनी वापस आ सकती है। नेत्रदान की प्रक्रिया मृत्यु के बाद छह घंटे के अंदर की जाती है, नेत्रदान की आयु, लिंग जाति का बंधन नहीं है, चश्मा पहने व्यक्ति भी दान कर सकता है। मधुमेह के रोगी भी उत्सवदान कर सकते हैं। किसी ने भी संकल्प पत्र नहीं भरा है तो वे भी दान कर सकते हैं। मृत्यु के बाद नेत्रदान के नायकों की दोनों आंखें बंद कर ऊपर में अस्थि-पंजर रख दें और अतिशीघ्र अपने नेत्रदान स्वास्थ्य अमले को सूचित करें। 

        यदि नेत्र दाता की मृत्यु एड्स, पीलिया, कर्क्रोग, रेबीज, सेप्टेमिया, सर्पदंश, पानी में डूबना, जंगल या गंभीर बीमारी से हुई हो तो वह नेत्र दान के रूप में अन्यत्र समझे जाते हैं। नेत्रदान से प्राप्त होने वाला उत्सव कभी भी वार्षिकी या दीक्षांत समारोह नहीं होता है।

      नेत्रदान पखवाड़ा केशुभारंभ कार्यक्रम में खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए.जी.एल.जी. कावड़े, डॉ. राजसिंह मंडा, डॉ. राजसिंह मंडा, चतुर्थ सहायक अधिकारी अशोक यादव, लीलेश जैन एम. एल.टी., भारत श्रा.आदिम, रूपेश नेताम, सचेन्द्र गामा, अल्पा ठाकुर, अल्पायु मार्गिया, मंजुलता निषाद और जनमानस की उपस्थिति में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कॉरर में विश्व दर्शन दिवस शामिल थे।

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