प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लैक्स फ्रीडमैन (Lex Fridman) से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों से जुड़े सवाल का भी जवाब दिया. पीएम मोदी ने कहा कि 1947 से पहले सभी लोग कंधे से कंधा मिलाकर आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे. उसी समय जो भी नीति निर्धारक लोग थे उन्होंने भारत के विभाजन को स्वीकार किया. भारत के लोगों ने सीने पर पत्थर रखकर बड़ी पीड़ा के साथ इसे भी मान लिया कि मुसलमानों को अपना देश चाहिए तो उन्हें दे दो. लेकिन इसका परिणाम भी तभी सामने आ गया. लाखों लोग कत्लेआम में मारे गए. पाकिस्तान से ट्रेनें भर-भरकर लाशें आने लगीं. बहुत डरावने दृश्य थे. लेकिन पाकिस्तान ने भारत का धन्यवाद करने और सुख से जीने की बजाय संघर्ष का रास्ता चुना. अब प्रॉक्सी वॉर चल रहा है. ये कोई विचारधारा नहीं है, टेररिस्टों को एक्सपोर्ट करने का काम चल रहा है.
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Download File: https://satyarath.com/wp-content/uploads/2025/03/videoplayback-2.mp4?_=1पीएम मोदी ने पॉडकास्ट में कहा कि दुनिया में कहीं पर भी आतंकवाद की घटना घटती है तो कहीं न कहीं पाकिस्तान कनेक्शन सामने आता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका में 9/11 की बड़ी घटना हुई. इसका मुख्य सूत्रधार ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में शरण लेकर बैठा था. दुनिया पहचान गई है कि पाकिस्तान दुनियाभर के लिए परेशानी का केंद्र बन चुका है.
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Download File: https://satyarath.com/wp-content/uploads/2025/03/videoplayback.mp4?_=2हर बार अच्छे प्रयासों का परिणाम नकारात्मक निकला’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने तीन घंटे से अधिक के संवाद में कहा कि हम लगातार कह रहे हैं कि आप आतंकवाद के रास्ते को छोड़ दीजिए, ये सरकारी आतंकवाद है जो बंद होना चाहिए. सब कुछ आतंकवादियों के हाथ में छोड़ दिया है, इससे किसका भला होगा? उन्होंने कहा कि शांति के प्रयासों के लिए मैं खुद लाहौर चला गया था. मेरे प्रधानमंत्री बनने के बाद मैंने मेरे शपथ समारोह में पाकिस्तान को स्पेशल इन्वाइट किया था ताकि एक शुभ शुरुआत हो. लेकिन हर बार अच्छे प्रयासों का परिणाम नकारात्मक निकला. हम उम्मीद करते हैं कि उनको सद्बुद्धि मिलेगी. वहां की आवाम भी नहीं चाहती होगी कि ऐसी जिंदगी जिएं.
पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की कोशिशों पर क्या बोले पीएम मोदी?
पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की कोशिशों से जुड़े सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान से संबंध सुधारने की सबसे बड़ी पहल थी कि मेरे प्रधानमंत्री बनते ही शपथ समारोह में उनको निमंत्रित करना. जो लोग मुझसे 2013 में ये सवाल पूछते थे कि नरेंद्र मोदी की विदेश नीति क्या होगी, जब उन्होंने ये सुना कि मोदी ने सार्क देशों के सभी नेताओं को शपथ समारोह में बुलाया है, तो वो चौंक गए थे. लेकिन परिणाम सही नहीं मिले.
पीएम मोदी ने बताया इंडिया-PAK में किसकी क्रिकेट टीम बेहतर
भारत या पाकिस्तान में से किसकी क्रिकेट टीम बेहतर है, दोनों टीमों में जियो पॉलिटिकल तनाव भी है. इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि खेल पूरी दुनिया में ऊर्जा भरने का काम करते हैं, खेल भावना दुनिया को आपस में जोड़ने का काम करती है, तो मैं स्पोर्ट्स को बदनाम होते देखना नहीं चाहूंगा, मैं खेलों को मानव की विकास यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा समझता हूं. अगर बात की जाए कि कौन अच्छा और कौन बुरा है. तो खेल की टेक्निक के बारे में कहें तो मैं इसका एक्सपर्ट नहीं हूं. जो इसकी टेक्निक जानते हैं वही बता सकते हैं कि किसका खेल अच्छा है. लेकिन कुछ परिणाम से पता चलता है जैसे कुछ दिन पहले ही भारत-पाकिस्तान का मैच हुआ. जो परिणाम आया, उससे ही पता चला कि कौन सी टीम बेहतर है.
अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष पॉडकास्ट रविवार को रिलीज हो गया है. इस गहन और विस्तृत बातचीत में पीएम मोदी ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, वैज्ञानिक प्रगति, टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, लोकतंत्र, वैश्विक कूटनीति और आध्यात्मिकता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार साझा किए. इस दौरान लेक्स फ्रीडमैन ने कहा कि आज दुनिया में कई युद्ध चल रहे हैं. क्या आप बता सकते हैं कि आप रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध खत्म कर शांति स्थापित करने के लिए क्या करेंगे?
इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि मैं उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जो भगवान बुद्ध की भूमि है. मैं उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जो महात्मा गांधी की भूमि है. ये वे महान पुरुष हैं, जिनके उपदेश, जिनकी वाणी पूरी तरह से शांति को समर्पित हैं. और इसीलिए, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से हमारी पृष्ठभूमि इतनी मजबूत है कि जब भी हम शांति की बात करते हैं, तो दुनिया हमारी बात सुनती है. क्योंकि भारत गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है. और हम संघर्ष के पक्ष में है ही नहीं.
उन्होंने कहा कि हम सद्भाव का समर्थन करते हैं. न हम प्रकृति के खिलाफ संघर्ष चाहते हैं और न ही राष्ट्रों के बीच में संघर्ष चाहते हैं. हम समन्वय चाहने वाले लोग हैं. उसमें अगर हम कोई भूमिका अदा कर सकते हैं तो हमने निरंतर अदा करने का प्रयास किया है. मेरे रूस के साथ ही घनिष्ट संबंध हैं और यूक्रेन के साथ मेरे घनिष्ठ संबंध हैं. मैं राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठकर कह सकता हूं कि यह युद्ध का समय नहीं है और मैं राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मित्रवत तरीके से कहता हूं कि भाई, दुनिया कितनी भी आपके साथ क्यों न खड़ी हो जाए, युद्ध के मैदान में कभी समाधान नहीं निकलेगा. समाधान तभी निकलेगा जब यूक्रेन और रूस दोनों बातचीत की मेज पर आएंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया यूक्रेन साथ बैठकर कितनी भी माथापच्ची कर ले, उससे परिणाम नहीं आते हैं. दोनों पक्षों का होना जरूरी है. दोनों देशों ने खुद तो गवाया ही है, पूरी दुनिया का भी बहुत नुकसान हुआ है. ग्लोबल साउथ को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. पूरे विश्व में फूड, फ्यूल और फर्टिलाइजर का संकट रहा है. पूरा विश्व चाहता है जल्दी से जल्दी शांति हो. मैं हमेशा कहता हूं कि मैं न्यूट्रल नहीं हूं. मेरा एक पक्ष है शांति का.
संघ को समझना इतना सरल नहीं’
उन्होंने कहा कि हमारे गांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक शाखा थी, जहां देशभक्ति के गीत चलते थे. उन गीतों की कुछ बातें मुझे बहुत छू गईं. और इस तरह मैं आरएसएस का हिस्सा बन गया. आरएसएस में हमें जो मूल मूल्य दिए गए, उनमें से एक था कि जो भी करो, उसे उद्देश्य के साथ करो. राष्ट्र के योगदान के लिए करो. जैसे मैं पढ़ाई करूं तो इतनी करूं की देश के काम आए. जब मैं व्यायाम करूं तो इतना करूं कि मेरा शरीर भी देश के काम आए. ये संघ के लोग सिखाते रहते हैं. संघ एक बहुत बड़ा संगठन है. यह अब अपनी 100वीं वर्षगांठ के करीब है. इतना बड़ा स्वयंसेवी संगठन शायद दुनिया में कहीं और मौजूद नहीं है. करोड़ों लोग इससे जुड़े हुए हैं. लेकिन संघ को समझना इतना सरल नहीं है. इसके कार्य की प्रकृति को सही मायने में समझने के लिए प्रयास करना चाहिए. किसी भी चीज से ज़्यादा, संघ आपको एक स्पष्ट दिशा प्रदान करता है जिसे वास्तव में जीवन में एक उद्देश्य कहा जा सकता है.
पीएम मोदी ने कहा कि दूसरी बात, देश ही सब कुछ है और जनसेवा ही ईश्वर की सेवा है. यही वैदिक काल से कहा जाता रहा है. यही हमारे ऋषियों ने कहा है, यही विवेकानंद ने कहा है और यही बातें संघ के लोग करते हैं. तो स्वयंसेवक को कहा जाता है कि तुम्हें जो संघ से प्रेरणा मिली है, उससे समाज के लिए कुछ करना चाहिए.आज, उस भावना से प्रेरित होकर कई पहल चल रही हैं. जैसे कुछ स्वयंसेवकों ने सेवा भारती नामक संगठन की स्थापना की. यह संगठन उन झुग्गी-झोपड़ियों और बस्तियों की सेवा करता है जहां सबसे गरीब लोग रहते हैं, जिन्हें वे सेवा समुदाय कहते हैं. मेरी जानकारी के अनुसार, वे बिना किसी सरकारी सहायता के केवल सामुदायिक सहयोग से, लगभग एक 1 लाख 25 हजार सेवा परियोजनाएं चलाते हैं. वे वहां समय बिताते हैं, बच्चों को पढ़ाते हैं, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं, अच्छे संस्कार देते हैं और इन समुदायों में स्वच्छता को बेहतर बनाने की दिशा में काम करते हैं. यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मशहूर पॉडकास्टर और एआई रिसर्चर लेक्स फ्रिडमैन को इंटरव्यू दिया है. खास बात है कि ये प्रधानमंत्री का सबसे लंबा इंटरव्यू होने वाला है. इस पॉडकास्ट को रविवार (मार्च 16) को भारत में शाम 5:30 बजे रिलीज किया जाएगा. लेक्स फ्रिडमैन ने सोशल मीडिया पर अपना उत्साह जाहिर किया और पीएम मोदी के साथ बातचीत का अनुभव शेयर करते हुए लिखा, “‘तीन घंटे की शानदार चर्चा” की और इसे “एपिक एक्सचेंज” या कहें कि बेहतरीन बातचीत करार दिया.
लेक्स फ्रिडमैन ने कहा, “मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक बेहद पावरफुल तीन घंटे का शानदार पॉडकास्ट किया. यह मेरी जिंदगी की सबसे शानदार में से एक थी. कल इसे सुना जा सकेगा.” प्रधानमंत्री मोदी ने उनके एक्स पोस्ट को शेयर करते हुए कहा कि यह इंटरव्यू उनके जीवन के कई पहलुओं को छूता है. इस पॉडकास्ट को पिछले महीने फरवरी महीने में रिकॉर्ड किया गया था.
पीएम मोदी ने पॉडकास्ट में बचपन के अनुभवों से लेकर हिमालय में बिताए समय और अपनी राजनीतिक यात्रा पर चर्चा की है. पीएम मोदी ने लोगों को इस बातचीत का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया. इस पॉडकास्ट में “डिजिटल इंडिया,” “मेक इन इंडिया,” और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे अहम पहलुओं पर चर्चा की जाएगी.
पीएम मोदी ने पॉडकास्ट में बचपन के अनुभवों से लेकर हिमालय में बिताए समय और अपनी राजनीतिक यात्रा पर चर्चा की है. पीएम मोदी ने लोगों को इस बातचीत का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया. इस पॉडकास्ट में “डिजिटल इंडिया,” “मेक इन इंडिया,” और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे अहम पहलुओं पर चर्चा की जाएगी.
कौन हैं लेक्स फ्रिडमैन?
लेक्स फ्रिडमैन अमेरिका के रहने वाले हैं और वह पेशे से एक कंपन्यूटर साइंटिस्ट और पॉडकास्टर हैं. ‘लेक्स फ्रिडमैन पॉडकास्ट’ में वह कई मशहूर हस्तियों का इंटरव्यू कर चुके हैं, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क, अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस, फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की शामिल हैं.
फ्रिडमैन 2018 से पॉडकास्ट कर रहे हैं और हमेशा वह अपने कंटेंट में कुछ नया पेश करते हैं. फ्रिडमैन ने पिछले महीने प्रधानमंत्री मोदी के साथ पॉडकास्ट का ऐलान करते हुए उन्हें “सबसे पेचीदा इंसान” बताया था, जिन्हें उनका कहना है कि उन्होंने अब तक सबसे ज्यादा पढ़ा है.