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पौषी पूर्णिमा के अवसर पर पिपरा प्रखंड के कैलाशपुरी जोल्हनियां गांव में लगने वाले सात दिवसीय मेला का हुआ उद्घाटन

पौषी पूर्णिमा के अवसर पर पिपरा प्रखंड के कैलाशपुरी जोल्हनियां गांव में लगने वाले सात दिवसीय मेला का हुआ उद्घाटन

जिला हेड सुपौल बिहार से पंकज कुमार


रविवार को पीएचडी मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू, पिपरा विधायक रामविलास कामत, पूर्व सांसद विश्वमोहन कुमार, नगर परिषद सुपौल के चेयरमैन राघवेन्द्र झा ने सामुहिक रूप से किया।अनुमंडल पदाधिकारी इंद्रवीर कुमार की अध्यक्षता व बीरेंद्र कुमार के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में सबसे पहले मिथिला रीति रिवाज के तहत पाग माला व अंग वस्त्र से सम्मानित किया। इस मौके पर मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने कहा कि मेला हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं। मेला से आपसी भाईचारा और मेल मिलाप बढ़ता है। मंत्री ने कहा कि मेले का अर्थ मेल होता है। लोग अपने मन की बुराइयों को निकालकर नई ऊर्जा के साथ आपसी भाईचारा और समाज में सौहार्द बनाएं। उन्होंने कहा कि मेले और त्योहारों का हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। मेले एवं त्योहार हमारे क्षेत्र की जीवंत संस्कृति को तो दिखाते ही हैं साथ ही व्यवसायिक गतिविधियों और आपसी भाईचारे को भी बढ़ाते हैं मेला हमारे समाज को जोड़ने तथा हमारी संस्कृति और परम्परा को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। कहा कि मेले और त्योहार हमें अपने पूर्वजों से विरासत में मिले हैं, जिनका आयोजन पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है। हमें अपनी इन मूल्यवान विरासतों को सजोए रखना जरूरी है।

 

मंत्री ने कहा कि मेला में जितनी चापकल एवं शौचालय, पानी की जरूरत है वो मै अपने स्तर से करवाउंगा। कहा कि एनडीए की सरकार में बिहार का विकास हो रहा है तथा देश में एक यही राज्य है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दो एम्स दिए। इस मेला को राजकीय मेला का भी दर्जा दिलवाने का काम करूंगा। उन्होंने मेला कमेटी को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सदस्यों की कड़ी मेहनत और स्थानीय लोगों के सहयोग से इन मेलों का सफलतापूर्वक आयोजन सुनिश्चित हुआ है। पिपरा विधायक रामविलास कामत ने कहा कि मनुष्य के जीवन में मेला का काफी महत्व है। मेला में जाति-धर्म से उठ कर एक-दूसरे के साथ खुशी का इजहार करते हैं। मेला एक संगम स्थल की तरह होता है। जिस तरह विभिन्न नदियों का मिलन संगम स्थल से होता है। उसी तरह विभिन्न समुदाय का मिलन स्थल मेला होता है। मेला के बारे में बोलते हुए कहा कि यह मेला उत्तर भारत का मेला है। यहां एक हजार वर्ष पुरानी मूर्ति है इसे पर्यटन स्थल का रूप दिया जाएगा। कहा कि मेला की जो भी समस्या है, उससे मुक्त किया जाएगा।कहा कि हम चाहते है सुपौल जिला में पर्यटल स्थल बने। आने वाले वर्ष में भी विषहरी मेला धूम धाम से लगे। यह बहुत प्राचीन मेला है। पूर्व सांसद विश्वमोहन कुमार ने कहा कि यह बहुत पुराना मेला है यहां दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। यहां तक कि नेपाल से भी पर्यटक आया करते थे। उन्होंने कहा कि इस स्थल के प्रति आज भी लोगो की आस्था इस कदर है कि सर्पदंश वाला व्यक्ति यहां पहुंचते ही भला चंगा हो जाता है। उन्होंने कहा कि मैं जब विधायक, मंत्री, सांसद था अपने स्तर से ढेर सारी योजनाएं इस मेला को दिए। मेला को नगर परिषद सुपौल के चेयरमैन राघवेन्द्र झा, पप्पू सिंह आदि ने भी संबोधित किया। इस मौके पर अंचलाधिकारी उमा कुमारी,पूर्व मुखिया हेमनारायण मंडल, मेला सचिव सुनील कुमार पासवान, पूर्व सचिव नरेश मिश्र, मुखिया हरिनंदन मंडल, मसरूद्दीन, सरपंच शिवशंकर मंडल, मनोज कुमार सिंह, पप्पू सिंह, निर्धन पासवान, मणिभूषण सिंह, प्रमोद कुमार,पंपल सिंह, उपेंद्र कामत, उद्यानंद विश्वास, शंभूशरण चौधरी ,राजकुमार पासवान, सीताराम पासवान आदि मौजूद थे।

जिला हेड सुपौल बिहार से पंकज कुमार

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