अंकुर कुमार पाण्डेय
रिपोर्ट सत्यार्थ न्यूज
बनारस देवालय-विद्यालय और मदिरालय
काशी में नियम दरकिनार, स्कूल से 50 मीटर, मंदिर की दीवार से सटी हैं शराब की दुकानें
वाराणसी
महादेव की काशी में नियमों को दरकिनार कर स्कूल और मंदिरों के पास धड़ल्ले से शराब की दुकानें चल रही हैं। शहर में 20 से ज्यादा शराब की दुकानें स्कूल के सामने हैं। वहीं 25 दुकानें मंदिर से सटी या बिल्कुल बगल में हैं। हैरान करने वाली बात तो ये है कि इन पर न अधिकारी गंभीर हुए न जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई की।
दुनिया के सबसे ज्यादा मंदिरों वाले शहर काशी में मदिरा (शराब) की दुकानें आबकारी नियमों को भी ठेंगा दिखा रही हैं। कही मंदिर की दीवार से सटी शराब की दुकानें खुली हैं तो कहीं स्कूल से 50 मीटर से भी कम दूरी पर खुली दुकानें नियमों को धता बता रही हैं। शराब की दुकानों को खोलने में आबकारी विभाग की ऐसी लापरवाही समझ से परे है।
विस्तार दृश्य
इस तहर है काशी में शराब की दुकानों का हाल
दृश्य- एक
लंका-सामनेघाट मार्ग स्थित हेरिटेज मोड़ के पास ही शिव और हनुमान मंदिर हैं। मंदिर परिसर की दीवार से सटकर देसी शराब का ठेका खोला गया है। बगल में गर्ल्स हॉस्टल भी संचालित होता है। यहां छात्राओं के साथ ही मंदिर आवाजाही करने वाली महिलाओं से नशेड़ी अभद्रता भी करते हैं।
दृश्य- दो
कमच्छा-भेलूपुर मार्ग पर सीएम एंग्लो बंगाली इंटर काॅलेज से महज 20 कदम की दूरी पर शिव मंदिर है। मंदिर के पास ही अंग्रेजी शराब और बीयर की दुकान खुली है। स्कूल, मंदिर के पास संचालित इस ठेके के चलते शराबियों का अक्सर जमावड़ा रहता है।
दृश्य-तीन
सामनेघाट मुख्य मार्ग पर हनुमान मंदिर के ठीक सामने अंग्रेजी शराब और बीयर की दुकानें हैं। शाम ढलते ही सड़क किनारे चार पहिया और ऑटो रिक्शा लगाकर शराब पीने और पिलाने का दौर शुरू होता है। आसपास इलाकों में नशे में शराबी उत्पात भी मचाते हैं।
दृश्य-चार
तेलियाबाग स्थित चौरा माता मंदिर के सामने अंग्रेजी शराब की दुकान है। बगल में मेडिकल स्टोर और कुछ ही दूरी पर धर्मस्थल भी है। इस दुकान के बाहर भी ऑटो, ई-रिक्शा में बैठकर शराब का सेवन किया जाता है। कुछ ही दूरी पर आगे बढ़े तो कैलगढ़ काॅलोनी मोड़ पर ही बीयर का ठेका है। ठीक बगल में हनुमान मंदिर भी है। सामने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय है।















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