जिला मीडिया प्रभारी जितेंद्र कुमार
अलवर
मत्स्य उत्सव: अलवर की शान
मत्स्य की धरती, अलवर का मान,
संस्कृति का संगम, परंपरा का गान।
अर्जुन के तीर से महका यह धाम,
प्रकृति की गोद में सजीव हर शाम।
सरोवर की लहरें सुनाएँ कहानी,
इतिहास के पन्नों में बसी है निशानी।
राजाओं की नगरी, गूंजे शौर्य-गान,
मत्स्य उत्सव लाता नव विहान।
रंग-बिरंगी धरा, उत्सव की छटा,
संगीत, नृत्य, और हर्ष की वता।
लोक कला का जादू, अद्भुत नज़ारा,
हर कोने से उमड़ा उत्साह हमारा।
भुजाओं में बल और हृदय में प्यार,
अलवर की मिट्टी का अद्भुत संसार।
पर्यटन का आह्वान, विकास का स्वर,
मत्स्य उत्सव देता नये सपनों के पर।
धरोहर को संजोए, बढ़ता ये नगर,
अतीत से भविष्य तक, जोड़े हर डगर।
अलवर का गौरव, संस्कृति का प्रवाह,
मत्स्य उत्सव में देखो जीवन की राह।
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जितेंद्र कुमार यादव अलवर