मुंबई: महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे सामने आने के बाद महायुति ने भारी बहुमत से सत्ता में वापसी की है. ऐसे में शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट के वरिष्ठ मंत्री दीपक केसरकर ने कहा, शपथ समारोह कल आयोजित होने की संभावना है. सूत्रों ने बताया कि कल केवल मुख्यमंत्री और उनके डिप्टी बनने वालों के शपथ लेने की संभावना है. उन्होंने बताया कि कैबिनेट में और कौन शामिल होगा, इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने रविवार को कहा कि महायुति नेता और भाजपा नेतृत्व यह तय करेंगे कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा.
महायुति गठबंधन ने 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 230 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी. चुनाव परिणाम शनिवार को घोषित किये गए. महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी शामिल है.
देखा जाए तो महाराष्ट्र में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. ऐसे में भाजपा के कार्यकर्ता और नेता चाहते हैं कि देवेंद्र फडणवीस ही सीएम बनें. वहीं एकनाथ शिंदे अपनी पार्टी में से किसी नेता को डिप्टी सीएम का पद दे दे सकते हैं. वजह ये है कि वे वर्तमान में सीएम पद पर मौजूद हैं. ऐसे में वे चाहेंगे कि उनकी पार्टी का कोई नेता डिप्टी सीएम बने. अजित पवार नई सरकार में डिप्टी सीएम बन सकते हैं.
विपक्षी महा विकास आघाड़ी (MVA) सिर्फ 49 सीट ही जीत सका. एमवीए में कांग्रेस, राकांपा(SP) और शिवसेना(UBT) शामिल हैं. बीजेपी नेता बावनकुले ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में समाज के सभी वर्गों ने भाजपा का समर्थन किया. राज्य के अगले मुख्यमंत्री को लेकर उन्होंने कहा कि महायुति नेता और भाजपा नेतृत्व इस पर फैसला करेगा.
उन्होंने कहा आज नवनिर्वाचित विधायकों के साथ मीटिंग हुई है. हालांकि, मुख्यमंत्री कौन बनेगा उसे लेकर अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है.
भाजपा के विधायक नितेश राणा ने कहा है कि हमारी सरकार आ गई है. अब हम संविधान के हिसाब से सरकार चलाएंगे. इस जीत में हिन्दुत्व की जीत हुई है. महाविकास अघाड़ी ने हिन्दू भावनाओं को ठेस पहुंचाया है. हम इस देश को मुस्लिम राष्ट्र नहीं बनने देंगे.
वहीं BJP के विधायक गिरिश महाजन ने कहा है कि महायुती की जीत प्रचंड है. हमने नहीं सोचा था कि हमारी इतनी शानदार जीत होगी. उन्होंने कहा है कि हमारी इच्छा है कि सीएम बीजेपी का हो. हम महाराष्ट्र में बड़े भाई की भूमिका में हैं.
सीएम पद के सवाल पर बीजेपी के नेता फडणवीस ने कहा, “मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर कोई विवाद नहीं होगा… यह पहले दिन से तय था कि चुनाव के बाद तीनों दलों के नेता एक साथ बैठेंगे और इस पर फैसला करेंगे.”
पूरा सार समझिए
महायुति ने कुल 288 सीटों में से 235 सीटें जीतीं और भाजपा 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. जैसे ही भाजपा एनडीए में एक वरिष्ठ भागीदार बनकर उभरी, विपक्ष ने एकनाथ शिंदे पर यह कहते हुए निशाना साधा कि उन्हें अब फडनवीस के अधीन काम करना पड़ सकता है.
मुख्यमंत्री का पद महाराष्ट्र में हमेशा से विवाद में रहा है. 2019 में शिवसेना ने सीएम पद के कारण बीजेपी से अलग हुई थी. 2019 के बाद से सीएम के लिए महाराष्ट्र में कई राजनीतिक संघर्ष देखने पड़े हैं.हालांकि, 2022 में पासा पलट गया जब एकनाथ शिंदे, जो उस समय ठाकरे के राइट हैंड हुआ करते थे. उन्होंने शिवसेना तोड़ी और बागी विधायकों के साथ सीएम पद की कुर्सी संभाली. उसके बाद अजित पवार भी पार्टी तोड़कर सरकार में शामिल हो गए
महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की प्रचंड जीत हुई है. भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 132 सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं, शिवसेना (शिदें गुट) और एनसीपी (अजित गुट) ने भी विरोधी दलों को धूल चटाई है. शिंदे सेना के पास 57 और एनसीपी अजित पवार के पास 41 सीटें हैं. महाराष्ट्र में हर तरफ महायुति की जीत का जश्न मनाया जा रहा है. लेकिन, यह सवाल अभी भी बरकरार है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? आइए इस सत्ता संघर्ष की प्रमुख बातों पर नजर डालते हैं.
महायुति की जीत में भाजपा का दबदबा
महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन भाजपा, शिंदे सेना और एनसीपी (अजित पवार गुट) – ने शानदार प्रदर्शन किया है. इस प्रचंड जीत के साथ, सरकार गठन का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है. महायुति ने महाराष्ट्र में बहुमत के साथ जीत हासिल की है. भाजपा ने 132 सीटों पर जीत दर्ज की, शिंदे सेना ने 57 और अजित पवार की एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की. यह जीत गठबंधन के लिए तो बड़ी सफलता है, लेकिन मुख्यमंत्री पद की होड़ ने माहौल गर्म कर दिया है.
मुख्यमंत्री पद की रेस में फडणवीस सबसे आगे
संख्याबल के आधार पर भाजपा मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार दिख रही है. संभावना है कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बन सकते हैं. राज्यपाल से मिलकर सरकार गठन का दावा करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी.
शिंदे के लिए डिप्टी सीएम का प्रस्ताव?
सूत्रों के मुताबिक, शिंदे को डिप्टी सीएम का पद और महत्वपूर्ण विभाग जैसे शहरी विकास, उद्योग, और जल संसाधन दिए जा सकते हैं. यह शिंदे का दूसरा कार्यकाल होगा, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री पद से हटकर. शिवसेना (शिंदे गुट) के कार्यकर्ता चाहते हैं कि शिंदे एक बार फिर मुख्यमंत्री बनें. शिंदे की लोकप्रियता और उनकी छवि “इन्फ्रास्ट्रक्चर मैन” के रूप में गठबंधन की जीत में अहम भूमिका निभा चुकी है.
एनसीपी की पिचिंग..अजित पवार भी रेस में
अजित पवार के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. एनसीपी नेता छगन भुजबल का कहना है कि अजित पवार की “स्ट्राइक रेट” अच्छी रही है और वे भी मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदार हो सकते हैं. महायुति के तीनों दल- भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), और एनसीपी – ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री का फैसला सामूहिक रूप से होगा. तीनों दलों के नेताओं के बीच इस मुद्दे पर लगातार बैठकें हो रही हैं.
शिंदे को दी गई पूरी छूट
शिंदे सेना ने अपनी कार्यकारिणी बैठक में शिंदे को सरकार गठन के लिए सभी अधिकार दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने विधायकों के नेता और मुख्य सचेतक नियुक्त करने का अधिकार भी शिंदे को सौंपा है. वहीं, भाजपा के पास सबसे ज्यादा सीटें हैं, जिससे उसका मुख्यमंत्री पद पर दावा मजबूत हो जाता है. हालांकि, सहयोगी दलों को संतुष्ट करना भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
गठबंधन की परीक्षा: किसे मिलेगा ‘ताज’?
महायुति की एकता पर मुख्यमंत्री पद का फैसला महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा. अगर सही संतुलन नहीं बैठा, तो गठबंधन के भीतर तनाव बढ़ सकता है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह ‘धर्मयुद्ध’ किस दिशा में जाता है. यह राजनीतिक स्थिति न केवल महाराष्ट्र की सरकार का भविष्य तय करेगी, बल्कि गठबंधन की मजबूती और तीनों दलों के बीच विश्वास का भी परीक्षण करेगी.
क्या हो सकता है नई सरकार का फार्मूला?
महायुति गठबंधन की बन रही सरकार में वर्तमान सरकार की तरह इसमें भी तीनों प्रमुख दलों का प्रतिनिधित्व मिल सकता है। माना जा रहा कि एक मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम नई सरकार का हिस्सा होंगे। इसके अलावा तीनों दलों के विधायकों की संख्या के आधार पर मंत्रियों की संख्या तय होगी। बीजेपी सूत्रों के अनुसार, 6 से 7 विधायकों पर एक मंत्री बनाने पर सहमति बन सकती है। इसके हिसाब से गठबंधन के तीनों दलों को मंत्रिपरिषद में जगह मिलेगी। महायुति में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी शामिल है।
भाजपा की बड़ी कामयाबी से शिंदे की मुश्किलें बढ़ीं
सियासी जानकारों का कहना है कि यदि महाराष्ट्र के रुझान नतीजे में बदलते हैं तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। भाजपा 128 सीटों पर आगे चल रही है और उसे बहुमत हासिल करने के लिए अब सिर्फ 17 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। भाजपा को मिली इस बड़ी कामयाबी से यह भी साफ हो गया है कि अब एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी भाजपा के साथ ज्यादा डील करने की स्थिति में नहीं होगी।
चुनाव नतीजे की घोषणा से पहले ही भाजपा नेता इस बात का दावा करते रहे हैं कि इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी और भाजपा का ही मुख्यमंत्री होगा। शिवसेना में बगावत के बाद एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने के समय की परिस्थितियां बिल्कुल अलग थीं मगर अब राज्य के सियासी हालात पूरी तरह बदले हुए नजर आ रहे हैं। भाजपा की इस बढ़ी हुई ताकत के दम पर अब पार्टी का मुख्यमंत्री पद पर दावा मजबूत हो गया है।
मजबूत हुई देवेंद्र फडणवीस की दावेदारी
भाजपा की अगुवाई में महायुति को मिली जबर्दस्त कामयाबी के बाद देवेंद्र फडणवीस की मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी काफी मजबूत हो गई है। भाजपा नेता प्रवीण दरकरे ने चुनाव रुझानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब यह बात पूरी तरह साफ हो गई है कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने कहा कि इस बार मतदाताओं ने मतदान के प्रति काफी उत्साह दिखाया और इसी कारण मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि नतीजे की घोषणा से पहले ही हमें जीत की पूरी उम्मीद थी और महाराष्ट्र की जनता ने आशा के अनुरूप हमें भरपूर आशीर्वाद दिया है।
चुनाव नतीजे की घोषणा से पहले ही महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा था कि इस बार भाजपा कार्यकर्ता चाहते हैं कि देवेंद्र फडणवीस को ही राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाए। अब चुनावी रुझानों के बाद फडणवीस की दावेदारी काफी मजबूत हो गई है और मुख्यमंत्री पद की रेस में एकनाथ शिंदे पिछड़ते हुए दिख रहे हैं। हालांकि चुनाव रुझानों के बावजूद शिंदे गुट की ओर से मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर बयानबाजी जारी है। शिंदे गुट के नेता उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे हैं।
अजित पवार के लिए टेंशन की बात नहीं
अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के लिए भी नतीजे काफी उत्साहजनक है। हालांकि मुख्यमंत्री पद को लेकर उन्हें कोई तनाव नहीं है क्योंकि उन्हें मुख्यमंत्री पद की रेस से पहले ही बाहर माना जा रहा था। वे कई बार राज्य के डिप्टी सीएम रह चुके हैं और माना जा रहा है कि अब महाराष्ट्र की नई सरकार में अजित पवार एक बार फिर डिप्टी सीएम के रूप में शामिल होंगे। वैसे शरद पवार की एनसीपी के मुकाबला अजित पवार मजबूत साबित होते दिख रहे हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि इस बार भी राज्य में एक सीएम और दो डिप्टी सीएम वाला पुराना फॉर्मूला ही लागू रहेगा मगर देखने वाली बात यह होगी कि सीएम की कुर्सी किसे हासिल होती है।