सत्यार्थ न्यूज श्रीडूंगरगढ़-सवांददाता ब्युरो चीफ
सिद्ध परंपरा के महापुरुष देव पालोजी महाराज के 419वें अंतर्ध्यान दिवस के अवसर पर पूनरासर स्थित तपोस्थली एवं मुख्य धाम में विशाल मेले का आयोजन किया गया। चैत्र सुदी सप्तमी (संवत 1663) को संत पालोजी महाराज अंतर्ध्यान अवस्था में लीन हुए थे। तब से प्रतिवर्ष चैत्र सप्तमी को श्रद्धालु बड़ी संख्या में इस पावन धाम पर दर्शन हेतु पहुंचते हैं। राजस्थान के बाड़मेर,जालौर,नागौर,श्रीगंगानगर हनुमानगढ़ सहित पंजाब व हरियाणा से भक्तजन इस अवसर पर पहुंचे। श्रद्धालुओं ने संत के हाथों से बनाई गई सिद्ध-हस्त गुदड़ी के दर्शन किए और स्वयं को धन्य माना। इस ऐतिहासिक दिन पर देव पालोजी द्वारा 419 वर्ष पूर्व प्रारंभ किए गए सिद्धेश्वर जसनाथजी मंदिर निर्माण की स्मृति भी जुड़ी है। वर्तमान में यह मंदिर आधुनिक स्वरूप में विद्यमान है। मान्यता है कि संत श्री पालोजी ने 140 वर्षों से अधिक समय तक दैहिक रूप में रहकर सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार किया। देव पालोजी की चार प्रमुख धाम पूनरासर क्षेत्र में स्थित हैं – तपस्या स्थली,आध कोस बाड़ी,कोस बाड़ी (आदेश धोरा) एवं नागौर के चाऊ में स्थित जोहड़। इन स्थलों पर जाळ वृक्षों की सघनता है,जो संत के पर्यावरण संरक्षण के संदेश “जाळ जठे जसनाथ” की जीवंत मिसाल हैं। धामों के आसपास फैली हजारों बीघा ओरण भूमि आज भी वन्यजीवों के सुरक्षित विचरण का केंद्र है। समय-समय पर यहां शिकारियों के विरुद्ध संघर्षों की घटनाएं भी सामने आती रही हैं।
रक्तदान शिविर में 80 यूनिट रक्त संग्रह, भामाशाहों व संतों का सान्निध्य
इस अवसर पर श्री बजरंग बली जन कल्याण विकास समिति द्वारा चौथा रक्तदान शिविर आयोजित किया गया, लजिसमें 80 यूनिट रक्त संग्रह किया गया। बींझासर के रक्तवीर भागीरथ भूकर ने 15वीं बार रक्तदान कर युवाओं को प्रेरित किया। रिड़ी से पूर्णनाथ सिद्ध जाखड़ अपनी टीम के साथ पहुंचे। मानकरासर व समंदसर से मांगीलाल गौदारा सहित कई रक्तवीरों ने भाग लिया। शिविर में भूमि विकास बैंक के चेयरमैन रामनिवास गोदारा व महंत प्रेमनाथ सिद्ध ज्याणी का विशेष सान्निध्य रहा। आयोजन में सहयोग देने वाले भामाशाह मनफूलनाथ सिद्ध जैसाराम गोदारा,नौरंगनाथ सिद्ध,भीवंनाथ सिद्ध एवं मित्र मंडल सेवा समिति को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। गांव के गणमान्य जन जगदीश पारीक, ओकरनाथ,आदूनाथ, भीवंनाथ लालनाथ जगदीशनाथ सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे। युवाओं में रूपनाथ, मल्लूनाथ प्रेमाराम हुड्डा लक्ष्मण,गोरखनाथ,बलवीर,मोहन,राजेन्द्र,तारनाथ सहित अनेक कार्यकर्ता सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।