अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप (donald trump) की बढ़त के चलते भारतीय बाजार में तेजी आई थी। भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबारी दिन लाल निशान में बंद हुआ। कारोबार के अंत में पीएसयू बैंक को छोड़कर सभी सेक्टर में भारी बिकवाली रही। गुरुवार को घरेलू बाजार ने अचानक यू-टर्न ले लिया। बुधवार को BSE Sensex और निफ्टी 50 इंडेक्स में करीब 1.1% की बढ़त देखी गई, जोकि पिछले छह हफ्तों में एक दिन में सबसे बड़ी तेजी थी। विश्लेषकों ने ट्रंप की जीत को घरेलू इक्विटी के लिए पॉजिटिव माना था। गुरुवार को बीएसई सेंसेक्स 916.71 अंक (1.14%) गिरकर 79,461.42 पर आ गया, जबकि निफ्टी 297.95 अंक (1.22%) गिरकर 24,186 पर कारोबार कर रहा था। इस गिरावट के कारण निवेशकों के करीब 4 लाख करोड़ स्वाहा हो गए। गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार लाल निशान पर खुला है. शुरुआती कारोबार में मेटल, ऑटो, फाइनेंशियल सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी, एनर्जी, प्राइवेट बैंक और इंफ्रा सेक्टर में बिकवाली देखी जा रही है.
सेंसेक्स 800 अंक से ज्यादा फिसलकर बंद
सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को BSE Sensex अपने पिछले बंद 80,378.13 की तुलना में करीब 200 अंकों की छलांग लगाते हुए 80,563.42 के लेवल पर ओपन हुआ था और 900 अंक तक टूटा. मार्केट क्लोज होने पर ये गिरावट मामूली कम हुई, लेकिन इसके बावजूद भी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 836.34 अंक या 1.04 फीसदी टूटकर 79,541.79 पर बंद हुआ.
निफ्टी 24200 से नीचे फिसला
Nifty में भी शुरुआत से ही गिरावट जारी रही और जैसे-जैसे मार्केट में कारोबार आगे बढ़ा ये और भी तेज होती गई. बुधवार के अपने बंद 24,484.05 की तुलना में निफ्टी इंडेक्स मामूली बढ़त लेकर निफ्टी इंडेक्स 24,489.60 के लेवल पर ओपन हुआ था और कुछ ही मिनटों में ये 200 अंक तक फिसल गया. इसके बाद इसमें भी सेंसेक्स की तरह ही गिरावट बढ़ती गई और कारोबार के अंत में NSE की इंडेक्स 284.70 अंक या 1.16 फीसदी फिसलकर 24,199.35 के लेवल पर क्लोज हुआ.
सेंसेक्स पैक में बजाज फिनसर्व, अल्ट्राटेक सीमेंट,बजाज फाइनेंस, नेस्ले इंडिया आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक टॉप लूजर्स बने हुए हैं. वहीं, टाटा स्टील, एचसीएल टेक, टीसीएस और जेएसडब्ल्यू स्टील टॉप गेनर्स रहे. बाजार के जानकारों के अनुसार, “ट्रंप की जीत पहले से कहीं ज्यादा परिवर्तनकारी साबित हो रही है. कांग्रेस और सीनेट के रिपब्लिकन नियंत्रण में आने और राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा एक और कार्यकाल की चिंता किए बिना सत्ता का प्रयोग करने के साथ, ट्रंप के पदभार ग्रहण करने के बाद के महीनों में बड़े पैमाने पर परिवर्तनकारी निर्णय संभव हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि ये निर्णय अच्छे और बुरे दोनों साबित हो सकते हैं. ‘अमेरिका फर्स्ट’ की उनकी व्यवसाय समर्थक पहल अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकती है. लेकिन अगर वे अपनी बात पर अमल करते हैं और चीनी आयात पर 60 प्रतिशत और अन्य देशों से आयात पर 10 से 20 प्रतिशत टैरिफ लगाते हैं, तो इससे मुद्रास्फीति बढ़ेगी.
एशियाई बाजारों की बात करें तो जकार्ता और टोक्यो के बाजार को छोड़कर शंघाई, सोल, बैंकॉक और हांगकांग के बाजार हरे निशान पर कारोबार कर रहे हैं. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की जीत का अमेरिकी शेयर बाजार ने शानदार तरीके स्वागत किया. अमेरिकी शेयर बाजार बीते कारोबारी दिन 3.57 प्रतिशत के जबरदस्त उछाल के बाद हरे निशान पर बंद हुए. विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 6 नवंबर को 4,445 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने उसी दिन 4,889 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी खरीदी.
सबसे ज्यादा टूटे ये 10 शेयर
गुरुवार को बाजार के विलेन साबित हुए शेयरों में टाटा से लेकर रिलायंस तक के स्टॉक्स शामिल रहे, जो बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए. BSE लार्जकैप में Tata Motors Share 2.36% गिरकर 819.80 रुपये पर, Tech Mahindra Share 2.21% फिसलकर 1656 रुपये पर, जबकि JSW Steel Share 1.99% की गिरावट के साथ 988.75 रुपये पर क्लोज हुआ. इसके अलावा Titan (1.81%), Tata Steel (1.76%) और Reliance (1.50%) टूटकर बंद हुए.
मिडकैप कैटेगरी में शामिल GlenMark Share 6.27% की गिरावट के साथ 1658 रुपये पर, Ajanta Pharma Share 4.46% फिसलकर 2981 रुपये और Muthootfinance Share 3.79% गिरकर 1823.25 रुपये पर बंद हुआ. स्मॉलकैप कैटेगरी में सबसे ज्यादा गिरावट Venkeys Share में आई और ये 8.56% फिसलकर 1733.35 रुपये पर बंद हुआ.
बाजार टूटने के ये बड़े कारण
शेयर बाजार में गिरावट के कारणों की बात करें, तो देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे आना जारी है और ये उत्साहजनक नहीं दिख रहे हैं. इसका असर भी शेयर बाजार पर पड़ा है. वहीं फेड रिजर्व की बैठक जारी है और इसे लेकर ग्लोबल मार्केट में दवाब देखने को मिला है. इसके अलावा अब शेयर बाजार में गिरावट के बड़े कारणों की बात करें, तो रॉयटर्स के मुताबिक चीन में एनपीसी स्टैंडिंग कमेटि की 14वीं बैठक में 10 लाख करोड़ Yuan के अतिरिक्त राहत पैकेज का ऐलान हो सकता है, इस संभवना के चलते चीनी मार्केट में तेजी जारी है, जिस कारण विदेशी निवेशकों का रुझान China Market की तरफ बढ़ सकता है और इस आशंका का असर भारतीय बाजार पर दिखा है.
ये भी है कारण
शेयर बाजार में आज गिरावट का एक अन्य कारण अमेरिकी फेड की बैठक भी है। आज US फेड की बैठक होने वाली है जिसमे फेड रिजर्व ब्याज दरों में कटौती पर निर्णय लेगा। बाजार को पहले से ही 0.25 प्रतिशत की कटौती की आशा है।अगर दरें 0.25 प्रतिशत कम हुई तो बाजार अधिक रिएक्ट नहीं करेगा। लेकिन नहीं हुई या फिर अधिक कटौती हुई तो बाजार पर सीधा असर दिखेगा। जिसका सीधा असर पूरे विश्व की इकोनॉमी पर पड़ेगा। हिंदुस्तान भी इससे अछूता नहीं रहने वाला है। ऐसे में भारतीय निवेशक आज सावधान होकर बाजार में निवेश कर रहे हैं और प्रॉफिट बुकिंग भी कर रहे हैं।
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि ट्रम्प ट्रेड (Trump Trade) ने रातों-रात अमेरिकी बाजारों को तेजी से ऊपर उठाया है, लेकिन इसका भारत में ऐसा ही पॉजिटिव असर पड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि भारतीय बाजार की वैल्यूएशन हाई है और इनकम में मंदी की संभावना है.
इस बीच फिलिपकैपिटल की ओर से एक नोट में कहा गया कि बड़े पैमाने पर एफआईआई (FII) आउटफ्लो और मंदी की चिंताओं से निफ्टी अपने हालिया शिखर से 8 फीसदी तक फिसला है. Nuvama की ओर से भी कहा गया कि घरेलू स्टॉक वैल्यूएशन के हाई और इनकम ग्रोथ में कमजोरी के साथ ही बॉन्ड यील्ड में वृद्धि या वैश्विक व्यापार में कमजोरी से बाजारों में अस्थिरता बढ़ने की संभावना का असर बाजार पर दिखा है.