संवाददाता : पुनीत मरकाम कांकेर भानबेडा में धूमधाम से मनाया गया कमर छठ
भानुप्रतापपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम भानबेडा में हलषष्टी पर्व के अवसर पर महिलाओं ने हलषष्टी देवी की विधिवत पूजा कर पर्व को मनाया । भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल षष्ठी का व्रत रखा जाता है। इस साल 2024 में हल षष्ठी का व्रत आज रखा जा रहा है. हल षष्ठी को हलछठ या ललही छठ के रूप में भी मनाया जाता है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, हल षष्ठी का व्रत महिलाएं अपने संतान की लंबी उम्र के लिए रखती हैं।पौराणिक मान्यता है कि इस दिन श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। मान्यता यह भी है कि इस व्रत को विधि-विधान से करने पर संतान के जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं।हल षष्ठी के दिन महिलाएं पवित्र मिट्टी की बेदी बनाकर उसमें गूलर, पलाश और कुश को रखती हैं। इसके बाद विधि-विधान के पूजा की जाती है.।इस क्रम में बिन जुते हुए अनाज या खाद्य पदार्थ अर्पित करती हैं। इस व्रत में विशेष रूप से महुआ, भैंस का दूध, फंसही का चावल और उनसे बनी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही महिलाएं इन्हीं चीजों के माध्यम से व्रत पारण करती हैं। हल षष्ठी व्रत के दौरान किसी भी प्रकार का अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। इसके साथ ही इस व्रत की पूजा के दौरान जुते हुए अनाज और सब्जियों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।ऐसे में इस पावन व्रत में तलाब में पैदा होने वाले खाद्य पदार्थ यै बिना जोते गए पैदा होने वाली चीजों का प्रयोग किया जाता है। हल षष्ठी व्रत में विशेष रूप से भैंस के दूध और उससे बनी चीजों का ही इस्तेमास किया जाता है । पर्व की विधिवत पूजा करायी गयी।