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आरी डोंगरी माइंस पर गतिरोध: 12 घंटे से बंद स्टेट हाईवे, ग्रामीण मांगों को लेकर डटे; प्रशासन के सामने चुनौती

आरी डोंगरी माइंस पर गतिरोध: 12 घंटे से बंद स्टेट हाईवे, ग्रामीण मांगों को लेकर डटे; प्रशासन के सामने चुनौती

विशेष संवाददाता पुनीत मरकाम भानुप्रतापपुर कांकेर


भानुप्रतापपुर। आरी डोंगरी कच्चे माइंस के प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण अपनी लंबित मांगों को लेकर आज सुबह से ही प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं। ग्रामीणों के इस प्रदर्शन ने क्षेत्र में बड़ा गतिरोध उत्पन्न कर दिया है, जिसके चलते स्टेट हाईवे पिछले 12 घंटों से पूरी तरह बंद है। सड़क के दोनों ओर ट्रकों की लंबी कतारें लग गई हैं।

ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, यह प्रदर्शन जारी रहेगा। कड़कड़ाती ठंड के बावजूद, प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में अधेड़ उम्र के महिला और पुरुष डटे हुए हैं। प्रदर्शन की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ग्रामीणों ने अपनी मांगों पर दृढ़ता दिखाते हुए प्रदर्शन स्थल पर ही अपने लिए खाना बनाना शुरू कर दिया है।

प्रशासन पर दबाव बनाने का आरोप

मामले में तनाव तब और बढ़ गया जब एक आदिवासी नेता ने प्रशासन पर दबाव बनाने का गंभीर आरोप लगाया। नेता के अनुसार, प्रदर्शनकारियों के लिए खाना बनाने हेतु पानी लाने वाले टैंकर को प्रशासन ने रोक दिया।

प्रमुख सड़क पर आवागमन ठप

स्टेट हाईवे बंद होने के कारण न केवल माइंस का काम प्रभावित हुआ है, बल्कि आम लोगों का आवागमन भी पूरी तरह ठप हो गया है, जिससे रोजमर्रा की गतिविधियों पर व्यापक असर पड़ा है। ट्रकों की लंबी लाइनें यातायात व्यवस्था को और चुनौतीपूर्ण बना रही हैं।

प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती

घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस सुबह से ही पूरे घटनाक्रम पर करीबी निगरानी बनाए हुए हैं।
वर्तमान में प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह बातचीत के माध्यम से इस गतिरोध को कैसे तोड़े। एक तरफ ग्रामीणों का आक्रोश और उनकी मांगों पर अडिगता है, वहीं दूसरी ओर लंबे समय से बंद सड़क के कारण कानून व्यवस्था को बनाए रखना और आम जनजीवन को सामान्य करना प्रशासन की प्राथमिकता है।

प्रशासन को अब एक ऐसा रास्ता निकालना होगा जो प्रदर्शनकारियों की भावनाओं का सम्मान करे और जल्द से जल्द इस तनावपूर्ण स्थिति का समाधान कर सके।

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