कैमूर/बिहार
इंसानों की शैतानियत मानव जीवन पर पड़ रहा भारी, पर्यावरण संरक्षित करने में असमर्थ दिख रहे अधिकारी।
मानव रूपी दानव लगाते हैं आग, मानव जीवन अस्त व्यस्त मौन है पर्यावरण व वन विभाग ।
कैमूर जिला के सैकड़ो गांवों में मानव रूपी दानवों की वजह से लगी आग, हजारों हजार पौधे झुलसे तो पशुओं के चारा सहित करोड़ों का पुंजी जलकर हुआ राख। मिली जानकारी के अनुसार जिला के दुर्गावती, कुदरा, चैनपुर, भभुआं, मोहनियां सहित अन्य प्रखंडों में इस चिलचिलाती धूप में मानव रूपी दानवों की वजह से सैकड़ो गांवों की बाधारो में आग लगने की वजह से हजारों हजार पौधे झुलसे तो जिला में आगलगी की वजह से पशुओं के चारा सहित अन्य जले सामग्री की किमत का आंकलन किया जाय, तो कुल मिलाकर करोड़ो का नुकसान हुआ, और हर वर्ष ऐसा होता है, जिसके वजह से मानव जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। अग्निशमन विभाग द्वारा सालों भर जागरूकता अभियान चलाया जाता है।
सरकार का भी यह सख्त निर्देश है कि किसी के द्वारा भी खेतों में पराली नहीं जलाया जाना चाहिए , यदि कोई जलाता है तो वह दंड का भागी होगा। बाकायदा इसके लिए विभाग भी है पर धरातल पर देखा जाए तो पर्यावरण एवं वन विभाग बिल्कुल ही निष्क्रिय है। मिला-जुला कर अंतिम विकल्प यह प्रदर्शित किया जाता है कि विद्युत की चिंगारी की वजह से आगलगी हुआ।पर स्थल पर अक्सर मानव रूपी दानवों के द्वारा जानबूझ कर ऐसा किया जाता है।यदी ऐसे मानव रूपी दानवों पर सख्त कार्रवाई किया जाता तो दोबारा कोई शैतानियत करने की कोशिश नहीं करता।पर पर्यावरण व वन विभाग द्वारा प्रथम दृष्टया तो ऐसे मामलों को अनदेखा किया जाता है।यदी किसी के द्वारा सच्चाई बयां भी किया जाता है, तो ले देकर मामला रफा-दफा कर दिया जाता है। जिससे की सत्यापित होता है कि पर्यावरण व वन विभाग अपने जिम्मेवारियों को निभाने में असमर्थ है।
ब्यूरो चीफ- सत्यम कुमार उपाध्याय
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